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CWG 2022: अचंत शरत कमल... वो खिलाड़ी जो कभी बिना पदक लिए वापस नहीं लौटा, इस बार 40 की उम्र में रचा इतिहास

CWG 2022: एथलीट्स गेम्स में अधिकतर मेडल युवा खिलाड़ियों के हिस्से में ही जाते हैं। लेकिन भारत के शरत कमल के आगे उम्र की बाधा भी उन्हें गोल्ड मेडल जीतने से नहीं रोक पाई। उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स में पहली बार 2006 में हिस्सा लिया था तब उनकी उम्र 24 साल थी। उसके बाद लगातार उनकी उम्र बढ़ती गई और मेडल लाने का सिलसिला जारी रहा।

Suryakant Soni
Written By Suryakant Soni
Published on: 9 Aug 2022 7:29 AM GMT (Updated on: 9 Aug 2022 9:33 AM GMT)
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CWG 2022: बर्मिघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत के टेबल टेनिस खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से सभी को चौंका दिया। टेबल टेनिस में भी भारतीय खिलाड़ियों ने दमदार प्रदर्शन करते हुए तीन गोल्ड मेडल अपने नाम किए। पुरुष एकल स्पर्धा में अचंत शरत कमल ने देश को गोल्ड मेडल दिलाया। इसके अलावा शरत कमल और श्रीजा अकुला की डबल जोड़ी ने स्वर्ण पदक जीता। तीसरा स्वर्ण पदक चार की स्पर्धा में हरमीत देसाई, सानिया शेट्टी, शरत कमल, जी साथियान ने दिलाया। ऐसे में तीनों गोल्ड मेडल में भारत के अनुभवी टेबल टेनिस खिलाड़ी शरत कमल की भूमिका रही। 2006 के बाद से शरत कमल लगातार कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं।

40 साल की उम्र में दिलाया गोल्ड:

एथलीट्स गेम्स में अधिकतर मेडल युवा खिलाड़ियों के हिस्से में ही जाते हैं। लेकिन भारत के शरत कमल के आगे उम्र की बाधा भी उन्हें गोल्ड मेडल जीतने से नहीं रोक पाई। उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स में पहली बार 2006 में हिस्सा लिया था तब उनकी उम्र 24 साल थी। उसके बाद लगातार उनकी उम्र बढ़ती गई और मेडल लाने का सिलसिला जारी रहा। शरत की अभी विश्व रैंकिंग 39वीं हैं और उन्होंने दुनिया के 20 नंबर रैंकिंग वाले खिलाड़ी को मात देकर स्वर्ण पदक जीत लिया।

कॉमनवेल्थ गेम्स में मिला 13वां मेडल:

भारतीय स्टार खिलाड़ी शरत कमल ने अपने कॉमनवेल्थ गेम्स के करियर में अभी तक कई बार देश का नाम रोशन किया है। बर्मिंघम खेलों में चार पदक जीते। कॉमनवेल्थ गेम्स 2006 में उन्होंने मेलबर्न में पहली बार स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था। उसके बाद अभी तक वो पांच कॉमनवेल्थ गेम्स में अपने नाम 13 पदक कर चुके हैं। इस भारतीय टेबल टेनिस स्टार का 40 साल की उम्र में भी जलवा बरकरार है। वो अब तक 7 गोल्ड मेडल जीत चुके हैं।

कभी बिना पदक वापस नहीं लौटे शरत कमल:

जिस देश में क्रिकेट और हॉकी को सबसे ज्यादा तवज्जो दी जाती हो वहां अन्य खेलों में अपनी पहचान बनानी बहुत मुश्किल होती है। ऐसा ही शरत कमल के साथ हुआ। लेकिन शरत ने भारत ही नहीं अपितु टेबल टेनिस की दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी माने जाते हैं। इनके रगों में टेबल टेनिस का खेल समाया हुआ है। क्योंकि इनके पिता श्रीनिवास राव और चाचा मुरलीधर राव भी टेबल टेनिस खिलाड़ी रह चुके हैं। शरत ने टेबल टेनिस के लिए अपनी पढ़ाई का त्याग दिया। आज वो इस मुकाम पर पहुंच गए जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल होता है। वो एक ही कॉमनवेल्थ गेम्स में तीन गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं।

कॉमनवेल्थ गेम्स में शरत कमल का रिकॉर्ड:

1. एकल स्पर्धा और मेंस टीम इवेंट (2 गोल्ड मेडल)- कॉमनवेल्थ गेम्स 2006

2. मेंस डबल्स का गोल्ड मेडल- कॉमनवेल्थ गेम्स 2010

3. मेंस डबल्स का सिल्वर मेडल- कॉमनवेल्थ गेम्स 2014

4. मेंस टीम इवेंट का गोल्ड- कॉमनवेल्थ गेम्स 2018

5. मेंस सिंगल्स, मिक्स्ड डबल्स और मेंस टीम इवेंट का गोल्ड मेडल- कॉमनवेल्थ गेम्स 2022

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