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शर्मनाक हार से टीम इंडिया की खामियां उजागर, इन खिलाड़ियों के बिना बढ़ीं मुश्किलें
एडिलेड में पिंक बॉल से खेले जा रहे डे नाइट टेस्ट मैच के दूसरे दिन स्टंप्स तक भारत मजबूत स्थिति में दिख रहा था और उसने एक विकेट के नुकसान पर 9 रन बनाए थे
नई दिल्ली: एडिलेड टेस्ट में ढाई दिनों के भीतर टीम इंडिया की शर्मनाक हार से साफ हो गया है कि मौजूदा सीरीज में टीम के लिए आगे की राह काफी मुश्किलों भरी है। किसी को शायद सपने में भी उम्मीद नहीं रही होगी की दूसरे दिन खेल समाप्त होने के समय 62 रनों की बढ़त हासिल करके मजबूत स्थिति में दिख रही टीम इंडिया इतना शर्मनाक तरीके से घुटने टेक देगी।
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एडिलेड टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की उछाल भरी पिचों पर भारतीय बल्लेबाजों की कमजोरी एक बार फिर उजागर हो गई है। पहला टेस्ट खत्म होने के बाद अब टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली पितृत्व अवकाश पर भारत लौट आएंगे और आगामी तीन टेस्ट मैचों में अजिंक्य रहाणे को टीम की कप्तानी करनी है।
इसके साथ ही भारत के स्टार गेंदबाज मोहम्मद शमी की कलाई में चोट लग जाने से भी भारतीय टीम की मुसीबतें बढ़ गई हैं। शमी की कलाई में फ्रैक्चर हो गया है और उनका सीरीज से बाहर होना तय माना जा रहा है।
चंद घंटों में बदल गई मैच की तस्वीर
एडिलेड में पिंक बॉल से खेले जा रहे डे नाइट टेस्ट मैच के दूसरे दिन स्टंप्स तक भारत मजबूत स्थिति में दिख रहा था और उसने एक विकेट के नुकसान पर 9 रन बनाए थे। पहली पारी में मिली बढ़त को जोड़कर भारत ने आस्ट्रेलिया पर 62 रनों की लीड ले ली थी, लेकिन तीसरे दिन चंद घंटों में ही मैच की पूरी तस्वीर बदल गई।
भारतीय टीम ने 27 रनों के भीतर 8 विकेट गंवा दिए। भारतीय टीम का 36 रन किसी भी टेस्ट की एक पारी में अब तक का न्यूनतम स्कोर है। इससे पहले भारतीय टीम ने 46 साल पहले 1974 में लॉर्ड्स के मैदान में सबसे कम 42 रन का स्कोर बनाया था।
टीम इंडिया ने पहले ही डाल दिए हथियार
क्रिकेट के जानकारों का मानना है कि भारत की लचर बल्लेबाजी को देखते हुए यह कहना गलत नहीं है कि भारत ने ऑस्ट्रेलिया को क्रिसमस गिफ्ट दे दिया। अगर भारतीय बल्लेबाजों ने संभलकर बल्लेबाजी की होती और ऑस्ट्रेलिया को 200 रनों से अधिक का टारगेट दिया होता तो आस्ट्रेलिया के लिए भी इस पिच पर मुसीबतें खड़ी हो सकती थी, लेकिन विराट की टीम ने पहले ही आस्ट्रेलिया के सामने हथियार डाल दिए।
adelaide test match india 2020 (PC: social media)
बल्लेबाजों के शर्मनाक प्रदर्शन
ऑस्ट्रेलिया की टीम के पहली पारी में 190 रनों पर सिमट जाने से भारत को 53 रनों की लीड मिली थी और यदि भारत के बल्लेबाजों ने थोड़ी जिम्मेदारी से बैटिंग करते हुए 150 प्लस का भी स्कोर खड़ा कर लिया होता तो भारत के लिए इस मैच को जीतने के मौके बने रहते मगर भारतीय टीम ने शर्मनाक तरीके से आत्मसमर्पण कर दिया।
टीम इंडिया के बल्लेबाजों के प्रदर्शन को इसी बात से समझा जा सकता है कि मयंक अग्रवाल के खाते में सबसे ज्यादा रन दर्ज थे और उन्होंने 9 रन बनाए।
भारत का कोई भी बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा नहीं छू सका। चेतेश्वर पुजारा और रहाणे जैसे दिग्गज बल्लेबाज तो खाता भी नहीं खोल पाए। ऑस्ट्रेलिया की ओर से हेजलवुड ने सिर्फ 8 रन देकर 5 विकेट झटके जबकि कमिंस 21 रन देकर 4 विकेट लेने में कामयाब रहे।
विराट और शमी की कमी खलेगी
भारतीय टीम के आगे की राह और मुश्किलों भरी है। टीम इंडिया के कप्तान और बल्लेबाजी की रीढ़ माने जाने वाले विराट कोहली पहले टेस्ट की शर्मनाक हार के बाद भारत लौट आएंगे। अब सीरीज में आगे रहाणे को टीम की कप्तानी करनी है।
भारत की परेशानी का एक और बड़ा कारण यह भी है कि तेज गेंदबाज शमी की कलाई पर चोट लग गई है और माना जा रहा है कि वे सीरीज से बाहर हो सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजों का सामना करते समय पैट कमिंस की एक उठती हुई गेंद शमी की कलाई पर लगी जिसके बाद उन्हें मैदान छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। शमी के घायल होने से टीम इंडिया की गेंदबाजी पर काफी बुरा असर पड़ेगा।
शमी का सीरीज से बाहर होना तय
जानकारी के मुताबिक रिटायर्ड हर्ट होकर मैदान से बाहर होने होने के बाद स्कैन में शमी की कलाई में फ्रैक्चर होने की पुष्टि हुई है। बीसीसीआई सूत्रों का कहना है कि अब शमी का सीरीज से बाहर होना लगभग तय है। मेलबर्न में होने वाले दूसरे टेस्ट में शमी की जगह मोहम्मद सिराज को पदार्पण करने का मौका मिल सकता है।
अब गेंदबाजी का पूरा दारोमदार बुमराह, उमेश यादव और अश्विन के कंधों पर होगा। इशांत शर्मा चोट लगने के कारण पहले ही सीरीज से बाहर चल रहे हैं। ऐसे में रहाणे के सामने विकल्प और सीमित हो जाएंगे।
टीम इंडिया की हार पर टिप्पणी करते हुए दिग्गज रक्षात्मक कौशल में सुधार करना जरूरी
बल्लेबाज सहवाग और सचिन तेंदुलकर ने भी स्वीकार किया है कि आस्ट्रेलिया ने भारतीय टीम को चारों खाने चित कर दिया। सचिन ने कहा कि भारत ने पहली पारी में अच्छी बल्लेबाजी और गेंदबाजी से बेहतर स्थिति पाई थी मगर आस्ट्रेलिया ने शानदार वापसी करते हुए टीम इंडिया को पूरी तरह धो दिया।
पूर्व बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने कहा कि पहले टेस्ट से साफ हो गया है कि भारतीय बल्लेबाजों की रक्षात्मक तकनीक में काफी कमियां हैं। भारत को आगे के मैचों में अपने रक्षात्मक कौशल में सुधार करना होगा नहीं तो ऑस्ट्रेलिया का मुकाबला करना काफी मुश्किल हो जाएगा। भारत के खिलाफ पहला टेस्ट नहीं खेल सके डेविड वॉर्नर ने ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के प्रदर्शन को अविश्वसनीय बताया है।
कोहली की पसंद पर भी उठे सवाल
क्रिकेट के जानकारों ने भारतीय टीम के चयन पर भी सवाल उठाए हैं। पहले टेस्ट में कप्तान विराट कोहली ने पृथ्वी शॉ पर भरोसा जताया था मगर वे पूरी तरह फ्लॉप रहे। फॉर्म में चल रहे शुभमन गिल की अपेक्षा पृथ्वी शॉ को तरजीह देने की विराट की दलील किसी के गले नीचे नहीं उतरी।
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केएल राहुल को भी अच्छे फार्म में होने के बावजूद टीम में नहीं लिया गया। इसी तरह विकेटकीपर के रूप में ऋषभ पंत पर रिद्धिमान साहा को वरीयता देना भी किसी के गले नहीं उतरा।
पंत ने ऑस्ट्रेलिया में खेले गए अभ्यास मैच में अपने फार्म का परिचय दिया था मगर इसके बावजूद कोहली ने पंत को खेलने का मौका नहीं दिया। ऑस्ट्रेलिया को चुनौती देने के लिए भारत को आगे के मैचों में सोच समझकर टीम का चयन करना होगा नहीं तो ऑस्ट्रेलिया का मुकाबला करना और मुसीबत भरा साबित होगा।
रिपोर्ट- अंशुमान तिवारी
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