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AIFF के निलंबन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू, जानें क्या है पूरा मामला
Fifa Bans AIFF: फुटबॉल की अंतरराष्ट्रीय संचालन संस्था फीफा ने बीते दिनों भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) को तीसरे पक्ष के हस्तेक्षप के कारण निलंबित कर दिया था। फीफा के इस निर्णय ने अक्टूबर होने वाले अंडर – 17 महिला विश्व कप की मेजबानी के अधिकार भी भारत से छीन लिए।
FIFA Bans AIFF: फुटबॉल की अंतरराष्ट्रीय संचालन संस्था फीफा ने बीते दिनों भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) को तीसरे पक्ष के हस्तेक्षप के कारण निलंबित कर दिया था। फीफा के इस निर्णय ने अक्टूबर होने वाले अंडर – 17 महिला विश्व कप की मेजबानी के अधिकार भी भारत से छीन लिए। इस फैसले के खिलाफ पिछले दिनों केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी। बुधवार को सुनवाई के दौरान अदालत ने आज यानी सोमवार 22 अगस्त को सुनवाई की तारीख तय की थी।
जानकारी के मुताबिर, सुप्रीम कोर्ट में फीफा द्वारा एआईएफएफ के निलंबन के फैसले पर सुनवाई शुरू हो चुकी है। इसी साल अक्टूबर में होने वाले अंडर – 17 महिला विश्व कप की मेजबानी को लेकर ये सुनवाई बेहद अहम मानी जा रही है। केंद्र सरकार कोर्ट के अलावा फीफा से बातचीत के जरिए भी मसले का हल निकालने में जुटी हुई है। विश्व कप के आयोजन और भारतीय फुटबॉल महासंघ के निलंबन को लेकर बातचीत का दौर जारी है।
क्या है मामला
पिछले मंगलवार को फीफा ने तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के कारण एआईएफएफ को सस्पेंड कर दिया था। भारतीय फुटबॉल महासंघ पर फीफा के नियमों और संविधान का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। एआईएफएफ को 85 साल के अपने इतिहास में पहली बार निलंबन झेलना पड़ा है। इस फैसले के कारण भारत से अक्टूबर में होने वाले अंडर – 17 महिला विश्व कप की मेजबानी भी छीन गई।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने एआईएफएफ में तीन महीने के अंदर चुनाव करवाने के लिए प्रशासनिक समिति (सीओए) का गठन किया था। सीओए ने चुनाव को अपने मुताबिक कराने का तय किया और इसमें कुछ पूर्व प्रमुख खिलाड़ियों से वोट कराने का निर्णय लिया। इसे फीफा ने तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप माना। फीफा ने इसे लेकर एआईएफएफ को निलंबित करने की धमकी भी दी थी। आखिरकार, 16 अगस्त को कुछ सुधार न होने पर फीफा ने भारतीय फुटबॉल महासंघ को बैन कर दिया।
फीफा के नियमों के अनुसार, सदस्य देशों को अपने – अपने देशों में कानूनी और राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त होना चाहिए। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई प्रशासनिक समिति (सीओए) को फीफा ने कानूनी हस्तक्षेप मानते हुए एआईएफएफ को बैन कर दिया।