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'Flying Sikh' Milkha Singh: मिल्खा सिंह का एक सपना अधूरा, क्या पूरा कर पाएंगे किरन रिजिजू?

'Flying Sikh' Milkha Singh: तमाम ख्वाहिशों को पूरा करने के बाद भी मिल्खा सिंह का एक ख्वाब अधूरा रह गया।

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Newstrack NetworkPublished By Chitra Singh
Published on: 19 Jun 2021 6:30 AM GMT
Kiren Rijiju Statement
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मिल्खा सिंह-किरन रिजिजू (डिजाइन फोटो- सोशल मीडिया)

Flying Sikh' Milkha Singh: "फ्लाइंग सिख" (Flying Sikh) के नाम से मशहूर भारत के महान धावक मिल्खा सिंह (Milkha Singh) शुक्रवार को देर रात दुनिया को अलविदा कह दिया। तमाम ख्वाहिशों को पूरा करने के बाद भी मिल्खा सिंह का एक ख्वाब अधूरा (Milkha Singh Ka Adhura Khwaab) रह गया। अब इसी ख्वाब को पूरा करने के लिए केंद्रीय खेल मंत्री किरन रिजिजू (Union Sports Minister Kiren Rijiju) ने ठान ली है।

कई अंतरराष्ट्रीय दौड़ में हिस्सा ले चुके मिल्खा सिंह रोम ओलंपिक का मेडल लेने से चुक गए थे, जिसका मलाल उन्हें जीवन भर रहा। उनकी आखिरी इच्छा यही थी कि वे किसी भारतीय खिलाड़ी के हाथ में रोम ओलंपिक का मेडल देख सके, लेकिन उनका ये सपना अधूरा रह गया। अब उनके इस सपने को पूरा करने के लिए किरन रिजिजू ने कसम खा ली है।

किरन रिजिजू ने मिल्खा सिंह से किया वादा

किरन रिजिजू ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से मिल्खा सिंह का एक पूराना वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, "मैं आपसे वादा करता हूँ मिल्खा सिंह जी कि हम आपकी अंतिम इच्छा को पूरा करेंगे। भारत ने अपना सितारा खो दिया है। मिल्खा सिंह हमें छोड़ गए हैं लेकिन वे हर भारतीय को भारत के लिए चमकने के लिए प्रेरित करते रहेंगे। परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदना। मैं उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना करता हूं।"

मिल्खा सिंह का अधूरा सपना

किरन रिजिजू ने जो वीडियो शेयर किया है, उसमें मिल्खा सिंह कहते है, "किरन जी मैं कहना चाहता हूं कि ये मेरी आखिरी ख्वाहिश है, हमारे देश में से ऐसा कोई न कोई नौजवान लड़का या लड़की होना चाहिए, जो देश के लिए रोम ओलंपिक में एथिलिक गोल्ड जीते और तिरंगा झंडा लहराए।"

रोम ओलंपिक (Rome Olympics)

आपको बता दें कि मिल्खा सिंह ने अपने करियर में कुल 80 अंतरराष्ट्रीय दौड़ों में भाग लिया है, जिसमें से 77 दौड़ अपने नाम किया है। 1960 में वे रोम ओलंपिक (Rome Olympics) के रेस में भी हिस्सा लिया था, जिसमें वे पदक लेने से चुक गए थे। इस रेस में वे चौथे स्थान पर जीत हासिल की थी। उन्होंने ये रेस 45 मिनट 73 सेकंड में पूरा किया था। मिल्खा सिंह का यह रेस 40 साल तक नेशनल रिकॉर्ड (National Record) में दर्ज रहा।

मिल्खा सिंह (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

मिल्खा सिंह की जन्म तिथि (Milkha Singh Date of Birth)

मिल्खा सिंह का जन्म 20 नंवबर 1929 को गोविंदपुर (वर्तमान में पाकिस्तान में स्थित है) में हुआ था। उनका जन्म एक सिख राठौर परिवार में हुआ था। भारत के विभाजन के बाद मिल्खा सिंह शरणार्थी बनकर पाकिस्तान से भारत आए। विभाजन के अफरा तफरी में उन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया था। माता-पिता को खोने के बाद मिल्खा सिंह जिंदगी में कुछ बड़ा करने की ठानी। वे चाहते थे कि उनका नाम इतिहास के पन्नों पर दर्ज हो।

मिल्खा सिंह की पत्नी (Milkha Singh wife)

मिल्खा सिंह की पत्नी का नाम का नाम (Milkha Singh Wife Name) निर्मल सैनी (Nirmal Saini) था। निर्मल सैनी का जन्म पाकिस्तान के शेखुपुरा में 10 अक्टूबर 1938 में हुआ था। मिल्खा सिंह और निर्मल सैनी ने 1962 में शादी की और निर्मल, सैनी से निर्मल मिल्खा सिंह बन गई। उनका एक बेटा भी है, जिसका नाम जीव मिल्खा सिंह है। बता दें कि 14 जून को कोरोना संक्म निर्मल मिल्खा सिंह (Nirmal Milkha Singh) की मृत्यु हो गई थी।

मिल्खा सिंह-निर्मल सैनी-जीव मिल्खा सिंह (डिजाइन फोटो- सोशल मीडिया)

कौन है मिल्खा सिंह बेटा (Milkha Singh Son)

मिल्खा सिंह का बेटा (Milkha Singh Son) जीव मिल्खा सिंह (Jeev Milkha Singh) का एक गोल्फ खिलाड़ी है। जीव मिल्खा सिंह का जन्म 15 दिसंबर 1971 को चंढ़ीगढ़ में हुआ था। साल 2006 में जीव मिल्खा सिंह विश्व गोल्फ रैंकिंग के टॉप 100 में पहुंचने वाले पहले भारतीय गोल्फर बने थे। वहीं 2007 में भारत सरकार ने जीव को पद्मश्री अवार्ड से नवाज चुकी है।

मिल्खा सिंह की नेट वर्थ (Milkha Singh net Worth)

मिल्खा सिंह ने नाम के साथ-साथ शोहरत भी खूब कमाया है। अगर बात करें मिल्खा सिंह के नेट वर्थ के बारे में तो इनकी नेट वर्थ (Milkha Singh net Worth) है- 25 करोड़ रुपए।

Chitra Singh

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