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Footballer Pele Biography in hindi: चाय बनाने वाला कैसे बना King Of Football, जानिए उनके संघर्ष भरे जीवन की कहानी
Footballer Pele Biography in hindi: हाल ही में संपन्न हुए फीफा विश्वकप के दौरान हमेशा की तरफ पेले का नाम काफी सुर्ख़ियों में रहा। लेकिन इस बार उनके रिकॉर्ड और फुटबॉल के जीवन से ज्यादा चर्चा उनके स्वास्थ्य को लेकर हुई।
Footballer Pele Biography in hindi: हाल ही में संपन्न हुए फीफा विश्वकप के दौरान हमेशा की तरफ पेले का नाम काफी सुर्ख़ियों में रहा। लेकिन इस बार उनके रिकॉर्ड और फुटबॉल के जीवन से ज्यादा चर्चा उनके स्वास्थ्य को लेकर हुई। ब्राजील के महान फुटबॉलर पेले पिछले कुछ समय से जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। पेले कैंसर के मरीज हैं और कुछ महीनों से उनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही है। फुटबॉलर पेले को दुनियाभर में ब्लैक डायमंड और ब्लैक पर्ल के नाम से पहचान मिली थी। चलिए आज हम आपको उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें बताते हैं, जो आपको भी लाइफ में कुछ बड़ा करने के लिए प्रेरित करेगी...
फुटबॉलर पेले का जीवन परिचय (Footballer Pele Biography in hindi):
फुटबॉल को कई दशकों पहले अलविदा कहने वाले ब्राज़ील के पेले का गुणगान आज भी फुटबॉल की दुनिया में सबसे अधिक सुनने को मिलता हैं। इसका मतलब पेले को आम खिलाड़ी नहीं रहे, बल्कि वो फुटबॉल के शहंशाह कहलाए गए। ब्लैक डायमंड, ब्लैक पर्ल, किंग ऑफ़ फुटबॉल और फुटबॉल का जादूगर ना जाने कितने नाम थे जो पेले के लिए उनके फैंस आज भी भी दिल में बसाये हुए हैं। पेले का जन्म 23 अक्टूबर 1940 को ब्राजील के ट्रेस कोरकोएस शहर में हुआ था। पेले के पिता का नाम डॉनडीनहो था। जबकि उनकी माता का नाम डोना सेलेस्टी अरांटेस था। पेले का पूरा नाम एडसन अरांटीस डो नैसीमेंटो है। लेकिन इन्हे हमेशा पेले के नाम से ही फुटबॉल जगत में पहचान मिली।
गरीबी में बीता था पेले का बचपन: (Footballer Pele Early Life)
बता दें पेले के पिता भी फुटबाल के खिलाड़ी रहे थे। इसलिए बचपन से ही पेले की भी फुटबॉल के प्रति काफी दीवानगी थी। लेकिन वो इसके लिए ट्रेनिंग नहीं ले पाए। इसके पीछे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति थी। पेले का बचपन गरीबी में बीता था। उनके परिवार की आमदनी से घर खर्चा चलना भी बेहद मुश्किल था। ऐसे में पेले की पढ़ाई और फुटबॉल की कोचिंग तो बहुत दूर की बात थी। लेकिन पेले को एक फुटबॉल खिलाड़ी बनकर अपने पिता का सपना पूरा करना था। ऐसे में तमाम मुश्किलों के बावजूद पेले ने फुटबॉल जगत में अपनी एक विशेष छाप छोड़ी।
चाय बनाने वाला कैसे बने फुटबॉल के किंग: (The King of Football Pele)
बता दें जब उनको बचपन में पैसो के चलते उनके माता-पिता फुटबाल की कोचिंग में नहीं भेज पाए तो उन्होंने खुद मेहनत करनी शुरू कर दी। एक्स्ट्रा पैसों के लिए पेले ने चाय की दूकान पर काम करना शुरू कर दिया था। उन्होंने जुराब में रुई डालकर फुटबॉल की प्रैक्टिस की। परिवार की गरीबी को उन्होंने अपने करियर के आगे हावी नहीं होने दिया। और बिना घर वालों पर बोझ बनकर खुद अपनी मेहनत और लगन से फुटबॉल के किंग कहलाए। पेले ने दुनियां भर के लोगों को अपनी खेल प्रतिभा प्रभावित किया जिससे लोगों का फ़ुटबॉल की ओर झुकाव बढ़ा। आज के समय में फुटबॉल के कई बेहतरीन खिलाड़ी भी उन्हें अपना प्रेरणा स्रोत मानते हैं।