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ठोंका दोहरा शतक, ओपनर वसीम जाफर की बादशाहत अब तक बरकरार
उम्र 40 के पार लेकिन 22 गज के पिच पर उनकी बादशाहत अब तक बरकरार।जब 22 गत की पिच पर रन लेने के लिए दौडते हें तो उन्हें देख युवा भी शरमा जाएं और दांत तले अंगुली दबा लें । जी हां बात हो रही है क्रिकेट इंडिया के पूर्व टेस्ट ओपनर वसीम जाफ
नागपुर: उम्र 40 के पार लेकिन 22 गज के पिच पर उनकी बादशाहत अब तक बरकरार।जब 22 गत की पिच पर रन लेने के लिए दौडते हें तो उन्हें देख युवा भी शरमा जाएं और दांत तले अंगुली दबा लें । जी हां बात हो रही है क्रिकेट इंडिया के पूर्व टेस्ट ओपनर वसीम जाफर की जिन्होंनें रेस्अ आफ इंडिया के खिलाफ विदर्भ की ओर से खेलते हुए ईरानी ट्राफी में दोहरा शतक ठोंक दिया है।वो अपने बलले बाजी से विदर्भ को मजबूती प्रदान करते हैं ।
जाफर ने मैच के दूसरे दिन जाफर ने 425 गेंदों पर 285 रन करी उमदा पारी खेली और वो अइपने तिहरे शतक से मात्र 15 रन दूर खडे हैं । इस पारी में उन्होंनें 34 बार गेंदों को सीमा रेखा से पार पहुंचाया है । इसके अलावा एक सिक्सर भी उनकी पारी में जुडा है ।
टेस्ट में अपने सीमित खेल के बावजूद प्रथम श्रेणी मैच में उनके नाम कुछ अनूठे रिकार्ड जुडे हैं जिसके पास पहुंचना किसी के लिए भी मुश्किल होगा ।
जाफर ने 31 टेस्ट में भारत का प्रतिनिधित्व किया जिसमें उन्होंने 1944 रन बनाए । टेस्अ में उनका औसत 34.10 प्रतिशत रहा । टेस्ट का रिकार्ड उनके खेल की पूरी गवाही नहीं देता । उन्होंने टेस्अ में 5 शतक और 11 हाफ सेंचुरी लगाई थी ।उन्होंने मात्र दो एक दिवसीय मैच खेले जिसमें उनके नाम मात्र 10 रन हैं।
लेकिन घरेलू क्रिकेट में उनके रिकार्उ चौंकाने वाले हैं । प्रथम श्रेणी के 314 मैच में उन्होंने 396 पारियां खेली हैं जिसमें उनके नाम 17 हजार 824 रन हैं। ये आंकडे ईरानी ट्राफी के पहले के हैं ।प्रथम श्रेणी मैचों में उनका औसत 49.78 का है । मात्र 58 रन उन्हें 18 हजार रन की संख्या तक पहुंचा देंगे।
जाफर के प्रथम श्रेणी मैच में 53 शतक और 86 हाफ सेंचुरी है । वो 38 बार बिना आउट हुए पैवेलियन लौटे हैं । दो दशक के भी ज्यादा लंबे चले क्रिकेट कैरियर में जाफर ने रणजी ट्राफी में 10 हजार 665 रन बनाए हैं । साल 2008:09 में उन्होंने रणजी ट्राफी में 1260 रन बनाए थे ।
जाफर विदर्भ क्रिकेट की जान कहे जाते हैं । विदर्भ ने उनकी बदौलत ही इस साल का रणजी ट्राफी टूर्नामेंट जीता है ।