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Hardik Pandya: क्रिकेट के लिए छोड़ दी थी पढ़ाई, जानें हार्दिक पांड्या की लाइफ से जुड़ी 5 सीक्रेट्स
Hardik Pandya Birthday Special: भारतीय ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या आज अपना 29वा बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं।ज्यादातर हार्दिक अपना बर्थडे अपनी फैमिली के साथ सेलिब्रेट करना पसंद करते हैं।
Hardik Pandya Birthday Special: भारतीय ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या आज अपना 29वा बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं। ज्यादातर हार्दिक अपना बर्थडे अपनी फैमिली के साथ सेलिब्रेट करना पसंद करते हैं लेकिन इस साल हार्दिक अपनी फैमिली से दूर हैं, वजह है T20 World Cup, हार्दिक अक्सर अपनी लाइफ से जुड़ी हर एक चीज सोशल मीडिया के जरिए शेयर करते हैं। हालांकि हार्दिक से जुड़ी कुछ ऐसे भी सीक्रेट्स हैं जो शायद ही आप जानते हो। तो आइए जानते हैं हार्दिक पांड्या की लाइफ से जुड़ी 5 सीक्रेट्स
8वीं पास हैं हार्दिक
दरअसल काफी कम लोग जानते हैं कि ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए, जिसका सबसे बड़ा कारण था की वे 9वीं क्लास में फेल हो गए थे। बता दे हार्दिक ने अपना असली लक्ष्य क्रिकेट के खेल को बना लिया और पूरी तरीके से फोकस करने में जुट गए। जिसके कारण हार्दिक 9वीं क्लास भी पास नहीं कर पाए और ऐसा कहा है कि हार्दिक ने 8वीं तक पढ़ाई की है।
भाड़े पर क्रिकेट
हार्दिक पांड्या ने एक बार खुलासा करते हुए बताया था कि वे एक समय में भाड़े पर क्रिकेट खेला करते थे। हार्दिक गुजरात के एक गांव में चंद रुपये लेकर मैच खेलते थे, जिसमें आसपास के गांव के बीच खेल हुआ करता था। बता दे इस मैच में हार्दिक को 400 रूपये मिलते थे और हार्दिक के भाई क्रुणाल को 500 रूपये मिलते थे।
लेग स्पिन बॉलर थे हार्दिक पंड्या
इस बात को सुनकर आपको शायद हैरानी हुई होगी कि हार्दिक पंड्या पहले लेग स्पिन बॉलिंग किया करते थे। दरअसल किरण मोरे क्रिकेट एकेडमी में एक मैच के दौरान एक तेज गेंदबाज की जरूरत थी, तब हार्दिक पंडया इस मौके का फायदा उठाने के लिए स्पिन बॉलिंग को छोड़ फास्ट बॉलिंग की प्रैक्टिस में जुट गए और आज नतीजा सबसे सामने है।
मैग्गी ब्रदर्स के नाम से मशहूर
दरअसल हार्दिक पांड्या और क्रुणाल पांड्या को 'मैगी ब्रदर्स' के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि हार्दिक और उनके बड़े भाई क्रुणाल को पहले 'मैगी ब्रदर्स' कहा जाता था जिसकी खास वजह ये है कि दोनों को ही मैगी खाना बहुत पसंद था। बता दे मैगी खाने का प्रमुख कारण यह भी था कि आर्थिक रूप से ये कमजोर थे तो कम दाम में मिलने वाली मैगी से पेट भर लेते थे।
इरफान पठान से लिया था हार्दिक ने बैट
दरअसल घरेलू क्रिकेट की शुरुआत में साल 2014 विजय हजारे ट्रॉफी में खेलने के लिए हार्दिक के पास बैट नहीं था लेकिन बेस्ट भारतीय पूर्व गेंदबाज इरफ़ान पठान ने मदद के लिए आगे आए और अपने बैट हार्दिक पांड्या को दे दिया।