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Umran Malik: जानें कैसे टीम इंडिया के स्पीड स्टार ने खोया अपना भरोसा? भारत के पूर्व बॉलिंग कोच ने बतायी वजह

Umran Malik: उमरान मलिक ने टीम इंडिया के लिए 10 वनडे और 8 टी20 इंटरनेशनल मैच खेलने के बाद खो दी अपनी जगह

Kalpesh Kalal
Published on: 18 July 2024 12:40 PM IST (Updated on: 18 July 2024 12:41 PM IST)
Umran Malik
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Umran Malik (Source_Google)

Umran Malik: जम्मू कश्मीर के स्पीड स्टार उमरान मलिक की जब भारतीय क्रिकेट टीम में वापसी हुई तो हर कोई उन्हें टीम इंडिया का फ्यूचर मान रहा था। भारतीय क्रिकेट में स्पीड स्टार गेंदबाजों की खासी कमी रही है, लेकिन उमरान मलिक ने जब टीम इंडिया में कदम रखा है, माना जाने लगा कि अब तो भारतीय टीम भी स्पीड के मामले में बाकी टीमों को टक्कर देगी। ऐसा हो भी क्यों ना? क्योंकि उमरान मलिक ने तो अपनी स्पीड से हैरान कर दिया था, जो लगातार 150 किमी प्रतिघंटे से भी ज्यादा की रफ्तार से गेंदबाजी कर रहे थे।

रफ्तार से हैरान करने वाले उमरान का नहीं रहा ज्यादा लंबा करियर

उमरान मलिक ने अपनी रफ्तार से क्रिकेट वर्ल्ड को चौंका दिया। जो टीम इंडिया में जगह बनाने के बाद तो 157 किमी प्रतिघंटे की स्पीड से भी एक गेंद डाल दी। आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद की टीम से खेलते हुए इस गेंदबाज ने अपनी स्पीड का लोहा मनवाया था और उसी आधार पर उन्हें टीम इंडिया का टिकट भी मिल गया। लेकिन उमरान मलिक का करियर जल्द ही ढलान पर जाने लगा। जहां वो कुछ ही मैचों के बाद टीम इंडिया से अपनी जगह को खो बैठे।

जानिए गेंदबाजी कोच से, कैसे कटा उमरान का पत्ता?

आखिर कैसे इस रफ्तार के सौगादर को अपना स्थान टीम इंडिया से गंवाना पड़ा? उमरान मलिक को ऐसा क्या हुआ कि 10 वनडे और 8 टी20 इंटरनेशनल मैच खेलने के बाद ही उनका टीम से पत्ता कट गया? इन सवालों का जवाब टीम इंडिया के पूर्व गेंदबाजी कोच रहे पारस म्हाम्ब्रे ने दिया है। भारत के इस पूर्व गेंदबाज ने बताया कि उमरान ने अपनी गति पर ही ध्यान दिया और लाइन-लैंथ को नजरअंदाज कर दिया इसी वजह से वो आज टीम इंडिया का हिस्सा नहीं हैं।

पारस म्हाम्ब्रे ने उमरान के लिए कहा- लगातार स्पीड बढ़ाने से नहीं होता है फायदा

पारस म्हाम्ब्रे ने कहा कि, "मुझे लगता है कि किसी को टैलेंट बनाना होगा। किसी के पास एक्सप्रेस गति होना एक अनोखी बात है और आप उसमें क्षमता देखते हैं। जह वह 145-148 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करते हुए सामने आए। मैं उन लोगों में से नहीं हूं जो 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार दिखाने वाले स्पीड गन से प्रभावित हो जाऊं। क्योंकि मुझे नहीं लगता कि यह सही है। आपको एहसास होता है कि रफ्तार उनकी ताकत थी। वह जाहिर तौर पर तेज थे और लगातार 140 से ऊपर की रफ्तार हिट कर रहे थे।"

गेंदबाजी की रफ्तार के साथ ही कन्ट्रोल भी जरूरी- पारस म्हाम्ब्रे

इस पूर्व गेंदबाजी कोच ने आगे कहा कि, "उस रफ्तार पर लगातार गेंदबाजी अच्छी है और उन्होंने ऐसा किया। लेकिन वह ऐसा कैसे करते हैं? टी20 में अगर आपको पास कंट्रोल नहीं है, तो आप संघर्ष करेंगे। एक बार आप ऐसा करते हैं, आप कप्तान का भरोसा खो देते हैं। इसलिए उन्हें कंट्रोल हासिल करना चाहिए और यह तभी होता है जब आप रणजी खेलते हैं। इसलिए हम उसे रणजी ट्रॉफी खेलने के लिए पुश कर रहे हैं क्योंकि जब वह एक सीजन से गुजारेंगे, तो प्रेशर में भी अपनी स्किल का इस्तेमाल करने में सफल होंगे।"

Kalpesh Kalal

Kalpesh Kalal

क्रिकेट कंटेंट क्रिएटर

जुनून की हद तक क्रिकेट से लगाव।वीरेंद्र सहवाग प्रिय क्रिकेटर।बारह साल की उम्र से क्रिकेट पर लिखना पढ़ना शुरू। 2011 में खेल पत्रकारिता की पारी शुरू।बीते करीब 5 साल से क्रिकेट कंटेंट राइटर ।

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