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ICC World CUP U-19: क्रिकेट का ऐसा जुनून, सोते वक्त भी ये क्रिकेटर बल्ला और बॉल रखता था साथ, जानें गाजियाबाद के सिद्धार्थ यादव के बारे में

ICC World CUP U-19: आइए जानते है विश्व कप अंडर-19 में अपनी जगह पक्की करने वाले सिद्धार्थ यादव (siddharth yadav u19 cricketer) के बारे में...

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Newstrack NetworkPublished By Chitra Singh
Published on: 22 Dec 2021 6:52 AM GMT
siddharth yadav under 19
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सिद्धार्थ यादव (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

ICC World CUP U-19: आईसीसी विश्व कप अंडर-19 में गाजियाबाद के सिद्धार्थ यादव (siddharth yadav under 19) चयन हो गया है। सिद्धार्थ टीम में विश्व कप अंडर-19 में बल्लेबाजी करते हुए नजर आएंगे। आइए जानते है विश्व कप अंडर-19 में अपनी जगह पक्की करने वाले सिद्धार्थ यादव (siddharth yadav u19 cricketer) के बारे में...

गाजियाबाद के रहने वाले सिद्धार्थ यादव घर कोटगांव इलाके में है। यहीं से उन्होंने क्रिकेट खेलने का सपना सजाया था। इन्ही गलियों में उन्हें अपना बल्ला घुमाया और एक बड़ा खिलाड़ी बनने का सपना संजोया। आज उनका ये सपना पूरा होने जा रहा है।

सिद्धार्थ की उम्र (siddharth yadav cricketer age) 18 वर्ष है। उनका परिवार बहुत ही सामान्य है। सिद्धार्थ के पिता सरवन यादव का एक किराने का दुकान है जो उनके ही इलाके में है। अंडर-19 में सेलेक्शन होने के बाद उनका परिवार खुशी से झूम उठा। उन्हें ना केवल अपने परिवार का नाम रोशन किया बल्कि पूरे गाजियाबाद का नाम रोशन किया है।

सेलेक्शन के बाद सिद्धार्थ ने के पिता ने बताया कि अंडर-19 में सेलेक्शन होने से उनका परिवार काफी खुश है। वे खुद एक जिमनास्टिक खिलाड़ी रह चुके हैं, लेकिन घर की परिस्थिति अच्छी न होने के कारण वे घर गृहस्थी में लग गए और अपने ही मोहल्ले में किराना का दुकान खोल लिया। किराने की दुकान से ही उन्होंने अपने परिवार का पालन पोषण किया।

सरवन यादव ने सिद्धार्थ के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि, "सिद्धार्थ जब तीन साल का था, तब से उसे क्रिकेट खेलना पंसद था। वह मैच को बड़ा ध्यान से देखा करता था। मैच देखते देखते उसने क्रिकेटर बनने का ठान लिया। क्रिकेट खेलने की शुरुआत उसने अपने मोहल्ले की तंग गलियों से की। उसके जब्जे को देखते हुए मैंने खुद उसके लिए 3 घंटे का समय निकाला। इसके बाद सिद्धार्थ को फॉर्मर क्रिकेटर अजय शर्मा के सानिध्य में रखकर कोचिंग करवाया। इसके बाद वह क्रिकेट में निखरता चला गया, जिसका परिणाम आज सब के सामने है।" उधर सिद्धार्थ की दादी का कहना है कि सिद्धार्थ क्रिकेट इतना पंसद था कि वह रात में सोते वक्त भी अपने बैट-बॉल रखता था।

Chitra Singh

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