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खेल कैलेंडर 2018 : फीफा वर्ल्ड कप का सभी लोगों को इंतजार

Newstrack
Published on: 5 Jan 2018 5:07 PM IST
खेल कैलेंडर 2018 : फीफा वर्ल्ड कप का सभी लोगों को इंतजार
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नई दिल्ली: खेल की दुनिया में 2018 में कई महत्वपूर्ण मुकाबले होने वाले हैं। इस वर्ष फीफा विश्व कप खेला जाएगा। 14 जुलाई से फुटबॉल का सबसे बड़ा युद्ध होने वाला है। फीफा विश्वकप में फुटबॉल के सभी दिग्गज इस बार अपने देश को खिताब जिताने के लिए जीजान लगाएंगे। पूरे विश्व को इस मुकाबले का बेसब्री से इंतजार है। रूस इस प्रतियोगिता की मेजबानी पहली बार कर रहा है। दुनिया में फुटबाल प्रेमियों की संख्या काफी ज्यादा है और इन्हें इस मुकाबले का इंतजार रहता है। मुकाबले को देखने के लिए पूरी दुनिया से फुटबाल प्रेमी पहुंचते हैं। 2014 का टूर्नामेंट जर्मनी ने जीता था।

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भारत में वर्ल्डकप हॉकी

इसी वर्ष हॉकी महिला और पुरुष विश्व कप भी होने वाले हैं। पांच अगस्त से जहां महिला विश्व कप की शुरुआत होगी, वहीं नवंबर में देश पुरुष हॉकी विश्व कप की मेजबानी करेगा। इस समय हॉकी में भारतीय टीम चढ़ी हुई है और अच्छा प्रदर्शन कर रही है। इसलिए हॉकी प्रेमियों को कप का इंतजार रहेगा। हॉकी वल्र्ड कप (पुरुष) भारत में होगा तथा महिला हॉकी वल्र्ड कप की मेजबानी इंग्लैंड करेगा। इस चौदहवें विश्वकप में पुरुष और महिला दोनों वर्गों में कुल 16-16 टीमें भाग लेंगी। ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, भारत, मलेशिया और न्यूजीलैंड इन पांच देशों ने इस टूर्नामेंट की मेजबानी के लिए मजबूत दावेदारी पेश की थी। इस बार भाग लेने वाली टीमों की संख्या बढ़ाई गई है। इससे पहले होने वाले 2014 के विश्वकप में 12 टीमें खेली थीं।

कॉमनवेल्थ व एशियन गेम्स

2018 में चार अप्रैल से ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में कॉमनवेल्थ खेल होंगे। ओलंपिक पदक विजेता भारतीय पहलवान सुशील कुमार ने कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए क्वालीफाई कर लिया है। सुशील कुमार ने 74 किलोग्राम वर्ग में जितेंदर कुमार को हराकर 2018 क्वालीफाई किया है। कॉमनवेल्थ गेम्स 4 अप्रैल से 15 अप्रैल तक आयोजित होंगे।

इसके अलावा 18 अगस्त से दो सितम्बर तक जकार्ता में एशियन गेम्स खेले जाएंगे। एशियन गेम्स में इस बार 39 खेलों को शामिल किया गया है जो दक्षिण कोरिया में हुए पिछले आयोजन से कहीं ज्यादा हैं। इस बार ब्रिज समेत कुछ नए खेलों को शामिल किया गया है। इन खेलों का आयोजन हर चार साल में एक बार किया जाता है। भारत को इन खेलों में पिछली बार से ज्यादा सोने की उम्मीद होगी।

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क्रिकेट में कई चुनौतियां

यह साल विराट कोहली की टीम के लिए बेहद अहम है। पिछले कुछ समय से टीम लगातार अपने घर में खेल रही थी। अब दक्षिण अफ्रीका दौरे के साथ हालात बदलेंगे। नये साल के साथ अंदाज बदलेगा, पिच बदलेगी, एसजी की जगह कुकाबुरा गेंद होगी और माहौल बदलेगा। ऐसे में नतीजे क्या होते हैं, इस पर सभी की निगाहें होंगी। भारतीय टीम आज तक साउथ अफ्रीका को उसके देश में कोई भी टेस्ट सीरीज हराने में असफल रही है। भारतीय टीम का का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन साल 2010-11 में रहा था जब धोनी के नेतृत्व में टीम तीन मैचों की सीरीज को 1-1 से ड्रॉ कराने में सफल रही थी।

टीम इंडिया को इंग्लैंड भी जाना है, जहां विराट कोहली को दिक्कतें होती रही हैं। 2011 के इंग्लैंड दौरे पर तो भारतीय टीम 4 टेस्ट, 4 वनडे और 1 टी-20 में एक भी मैच नहीं जीत सकी थी, जबकि 2012-13 में टीम टेस्ट सीरीज हारकर वनडे सीरीज जीतने में सफल रही थी। हालांकि तबसे अब तक विराट की जिंदगी, उनका खेल सबकुछ बदल गया है। इंग्लैंड के खिलाफ इंग्लैंड में खेलना हमेशा खेल का रोमांच बढ़ाता है। दरअसल इस साल विराट की कप्तान व बल्लेबाज के रूप में अग्निपरीक्षा होगी।



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