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IND vs ENG: सरफराज खान के पिता ने सेलेक्टर्स के द्वारा बेटे की बार-बार अनदेखी करने पर कहा कुछ ऐसा, लूट ली सारी महफिल

IND vs ENG: सरफराज खान का नाम काफी समय से चर्चा में है, वो लगातार अपने प्रदर्शन से टीम इंडिया में जगह बनाने का दावा ठोक रहे थे, लेकिन लगातार उनकी अनदेखी की गई।

Kalpesh Kalal
Published on: 16 Feb 2024 4:11 AM GMT
Sarfaraz Khan
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IND vs ENG (Source_Social Media)

IND vs ENG: एक बहुत ही इंतजार, धैर्य और लगातार कड़ी मेहनत के दम पर सरफराज खान ने टीम इंडिया का टिकट हासिल किया। ये 26 साल का युवा खिलाड़ी सालों से जबरदस्त प्रदर्शन रह रहा है, जिन्होंने घरेलू क्रिकेट सर्किट पर रनों का अंबार लगाया और आखिरकार उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम के लिए डेब्यू करने का मौका मिल गया। सरफराज खान ने गुरुवार को इंग्लैंड के खिलाफ खेले जा रहे सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच में अपने इंटरनेशनल करियर का आगाज किया।

सरफराज खान को टीम इंडिया में मिला डेब्यू का मौका

भारतीय क्रिकेट टीम में सरफराज खान को राजकोट में भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच में डैब्यू कैप हाथ लगी। इसके साथ ही वो टीम इंडिया से टेस्ट मैच खेलने वाले 211वें खिलाड़ी बने हैं। सरफराज खान के डेब्यू के मौके पर उनके पिता नौशाद खान और उनकी पत्नी वहीं पर मौजूद थी, जहां उनके पिता और पत्नी दोनों ही आंखों से आंसू तक निकल गए। सरफराज खान के डेब्यू में उनके पिता का बहुत बड़ा योगदान है। नौशाद खान ही उनके कोच भी रहे हैं।

बेटे के डेब्यू पर पिता नौशाद खान ने उनकी लगातार होती आ रही अनदेखी पर कही बड़ी बात

अपने बेटे को टीम इंडिया में खेलते हुए देखकर नौशाद खान की आंखें भर आयी। पिछले कुछ सालों से लगातार सरफराज खान की बातें हो रही हैं, वो लगातार रनों का अंबार लगा रहे थे, फिर भी उनकी अनदेखी की जा रही थी। इसी बात को याद करते हुए सरफराज खान के पिता नौशाद खान ने एक ऐसी बात कही, जिसने सारी महफिल लूट ली। नौशाद खान ने शायराना अंदाज में बहुत ही बड़ा बात को एक पंक्ति में कह गए।

‘रात के समय को गुजरने का वक्त दो, सूरज अपने ही समय पर निकलेगा’

नौशाद खान ने बीसीसीआई डॉट टीवी पर दिए इंटरव्यू में कहा कि, “सरफराज खान मामले से साबित होता है कि उम्मीद की किरण हमेशा होती है। पहले जब मैं सरफराज पर कड़ी मेहनत करता था तो मैं सोचता था कि मेरा सपना सच्चाई क्यों नहीं बनता। लेकिन टेस्ट कैप मिलने के बाद मेरे विचार उन सभी बच्चों के लिए बदल गये जो कड़ी मेहनत कर रहे हैं। रात को बख्त (समय) दो गुजरने के लिए, सूरज अपने ही समय पर निकलेगा।“

नौशाद ने अपने बेटे को दी हमेशा संयम और कड़ी मेहनत की सलाह

इसके बाद नौशाद खान ने आगे कहा कि, “उन्होंने अपने बेटे को कड़ी मेहनत, खुद पर भरोसा रखने के अलावा चयनकर्ताओं की बार बार अनदेखी के बावजूद संयमित बने रहने की सलाह दी। जब उसका समय आएगा तो चीजें अपने आप काम करें उसका काम बस कड़ी मेहनत करना, संयम बनाये रखना और उम्मीद नहीं छोड़ना था।“

Kalpesh Kalal

Kalpesh Kalal

क्रिकेट कंटेंट क्रिएटर

जुनून की हद तक क्रिकेट से लगाव।वीरेंद्र सहवाग प्रिय क्रिकेटर।बारह साल की उम्र से क्रिकेट पर लिखना पढ़ना शुरू। 2011 में खेल पत्रकारिता की पारी शुरू।बीते करीब 5 साल से क्रिकेट कंटेंट राइटर ।

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