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हॉकी वर्ल्ड कप 2018: भारत को क्वार्टर फाइनल में नीदरलैंड्स से मिली हार
नई दिल्ली: पिछले 43 साल में पहली बार विश्व कप में पदक जीतने का भारतीय हाकी टीम का सपना आज क्वार्टर फाइनल में नीदरलैंड से 1-2 से मिली हार के साथ टूट गया और आक्रामकता के इस मुकाबले में डच टीम का अनुभव मेजबान पर भारी पड़ा। कलिंग स्टेडियम में कदम रखने की जगह नहीं थी। स्टेडियम में क्षमता से ज्यादा लोग थे।
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सेमीफाइनल में पहुंचने का सपना टूट गया
मैच देखने के लिये स्टार क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग भी पहुंचे थे। भारतीय टीम ने अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन भी किया लेकिन 50वें मिनट में वान डेर वीरडेन मिंक के पेनल्टी कार्नर पर किये गोल ने उसे इतिहास रचने से रोक दिया। मैच का पहला गोल 12वें मिनट में भारत के लिये आकाशदीप सिंह ने किया जबकि नीदरलैंड के लिये 15वें मिनट में थियरे ब्रिंकमैन ने बराबरी का गोल दागा। तीन बार की चैम्पियन और पिछली उपविजेता नीदरलैंड को भारतीयों ने 50वें मिनट तक बराबरी पर रोके रखा। नीदरलैंड्स ने 2-1 से मुकाबला जीतते हुए सेमीफाइनल में जगह बना ली। इसके साथ भारत का 43 साल बाद वर्ल्ड कप जीतने या फाइनल या सेमीफाइनल में पहुंचने का सपना टूट गया।
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भारत ने भले ही बढ़त बनाई। लेकिन वो सभी गलतियां भी शुरुआत से ही कीं, जिनके लिए भारतीय कोच हरेंद्र सिंह टीम को चेतावनी दे रहे थे। ऐसा लग रहा था कि जिन गलतियों से बचने की जरूरत है, वही करने पर टीम इंडिया उतारू थी। शुरुआत में मनदीप सिंह ने गोल करने का मौका गंवाया।
थियरी ब्रिंकमन ने भारतीय डिफेंडर की गलती से सॉफ्ट गोल किया
भारत के लिए 12वें मिनट में भारत ने पेनल्टी क़ॉर्नर को गोल में बदला। हरमनप्रीत का ड्रैग फ्लिक रोका गया। रिबाउंड पर गेंद आकाशदीप को मिली, जिन्होंने गोलकीपर को छकाने में कामयाबी पाई। जब ऐसी उम्मीद बंध रही थी कि पहला क्वार्टर भारत बढ़त के साथ खत्म करेगा, उसी समय नीदरलैंड्स बराबरी करने में कामयाब रहा। थियरी ब्रिंकमन ने भारतीय डिफेंडर की गलती से सॉफ्ट गोल किया। उस समय पहले क्वार्टर में महज चार सेकेंड बाकी थे। हाफ टाइम तक स्कोर 1-1 से बराबर था। 50वें मिनट में नीदरलैंड्स का निर्णायक गोल हुआ। मिंक वान डेर वीर्डन के ड्रैग का श्रीजेश के पास जवाब नहीं था।
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यहां तक कि 53वें मिनट में अमित रोहिदास येलो कार्ड ले बैठे। आखिरी सात मिनट टीम दस खिलाड़ियों के साथ खेली। इस दौरान हालांकि नीदरलैंड्स को मिले एक पेनल्टी कॉर्नर को भारत ने गोलकीपर के बगैर भी रोकने में कामयाबी पाई। हालांकि इससे टीम इंडिया या भारतीय खेल प्रेमियों को कोई फायदा नहीं मिला, क्योंकि स्कोरलाइन 2-1 ही रही।