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पोर्ट ऑफ स्पेन ODI : विंडीज पर प्रभुत्व साबित करना चाहेगा भारत
पोर्ट ऑफ स्पेन : बारिश से बाधित पहले वनडे मैच में कैरेबियाई गेंदबाजों पर हावी रही भारतीय टीम रविवार को एक बार फिर क्वींस पार्क ओवल मैदान पर मेजबानों का सामना करने उतरेगी। भारत का लक्ष्य अपनी अच्छी बल्लेबाजी और फिर गेंदबाजी के दम पर इस सीरीज का विजयी आगाज होगा।
चैम्पियंस ट्रॉफी खिताब बचाने से चूकी भारतीय टीम ने शुक्रवार से विंडीज के खिलाफ पहले मैच में शानदार खेल दिखाया था। उसके सलामी बल्लेबाज शिखर धवन और अजिंक्य रहाणे ने पहले विकेट के लिए 132 रनों की साझेदारी की थी। यह मैच हालांकि बारिश के कारण रद्द हो गया था।
भारतीय बल्लेबाजों ने इस मैच में अच्छा संकेत दिया। अब उन्हें इसी क्रम को जारी रखते हुए अच्छी साझेदारियों को अंजाम देते हुए अपने गेंदबाजों का काम आसान करना होगा। सलामी बल्लेबाजों के अलावा कप्तान विराट कोहली ने भी अच्छी बल्लेबाजी की थी लेकिन युवराज सिंह ने निराश किया था। अब देखना यह है कि युवराज को दूसरे मैच में मौका मिलता है या नहीं।
इसमें कोई शक नहीं कि दोनों टीमों का लक्ष्य इस सीरीज के माध्यम से एक नई शुरुआत का होगा। एक ओर जहां भारत इस्तीफा दे चुके मुख्य कोच अनिल कुम्बले के बगैर विजय रथ पर लौटने की कोशिश करेगा, वहीं विंडीज 2019 विश्व कप में प्रवेश हासिल करने के इरादे से उतरेगा।
भारत को 18 जून को चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान ने एकतरफा मुकाबले में मात दी थी। विराट कोहली की टीम के लिए यह हार किसी बड़े झटके से कम नहीं है। इससे टीम के मनोबल पर असर पड़ता दिख रहा लेकिन पहले मैच में भारतीय बल्लेबाजों के प्रदर्शन को देखते हुए लग रहा है कि टीम उस हार को भुलाकर आगे निकल चुकी है।
इसके बावजूद कोहली के सामने अपनी टीम में उस जोश और जुनून को वापस लाने की चुनौती है, जो फाइनल में हार से पहले टीम के पास थी क्योंकि एक सप्ताह के भीतर पूरी तरह सबकुछ भुला देना किसी के लिए सम्भव नहीं, खासतौर पर ऐसे में जब कोच के इस्तीफे के इस्तीफे से जुड़ा मामला अब भी सुर्खियों में है।
यह सीरीज उनके कंधों पर कई जिम्मेदारियां भी आएंगी। सबसे बड़ी जिम्मेदारी टीम को मुख्य कोच की गैरमौजूदगी में संभालने की होगी। कोहली से विवाद के चलते टीम के मुख्य कोच अनिल कुंबले ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। टीम बिना कोच के वेस्टइंडीज दौर पर गई है और ऐसे में कोहली पर दोहरी जिम्मेदारी है। हालांकि टीम के साथ बल्लेबाजी कोच संजय बांगर हैं।
वहीं वेस्टइंडीज के पास 2019 विश्व कप में सीधे प्रवेश के कम ही मौके बचे हैं। भारत के खिलाफ सीरीज संभवत: आखिरी मौका हो। इस साल सितंबर के अंत तक आईसीसी एकदिवसीय रैंकिंग में मेजबान इंग्लैंड के साथ शीर्ष सात स्थान पर रहने वाली टीमें विश्व कप में सीधे प्रवेश करेंगी, जबकि बाकी टीमों को क्वालीफायर टूर्नामेंट खेलना होगा।
हाल ही में वेस्टइंडीज ने अफगानिस्तान के खिलाफ वनडे सीरीज खेली थी, जिसके पहले मैच में उसे हार मिली थी और दूसरा मैच जीता था। हालांकि, तीसरा मैच बारिश की भेंट चढ़ने के साथ ही सीरीज जीतने का सपना भी धुल गया।
अपने घर में विंडीज किसी ओर जमीं से ज्यादा मजबूत है, लेकिन वह जानती है कि भारत इस समय हर स्थिती में उससे कई अधिक मजबूत, बेहतर है।
कप्तान जेसन होल्डर को छोड़ कर विंडीज पास कोई बड़ा नाम नहीं है, लेकिन टीम उलटफेर करने की काबिलियत रखती है। इसी कारण भारतीय टीम उसे हल्के में नहीं लेगी।
टीमें :
भारत : विराट कोहली (कप्तान), महेंद्र सिंह धौनी, शिखर धवन, ऋषभ पंत, अजिंक्य रहाणे, युवराज सिंह, केदार जाधव, हार्दिक पांड्या, रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा, मोहम्मद शमी, उमेश यादव, भुवनेश्वर कुमार, कुलदीप यादव और दिनेश कार्तिक।
वेस्टइंडीज : जेसन होल्डर (कप्तान), देवेंद्र बिशु, जॉनाथन कार्टर, रोस्टन चेस, मिग्युएल कमिंस, शाई होप (विकेटकीपर), अल्जारी जोसेफ, इविन लुइस, जेसन मोहम्मद, एशेल नर्स, केरन पावेल, रोवमैन पावेल, केसरिक विलियम्स।