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Indian Cricketers History: भारत के ये 6 दिग्गज खिलाड़ी जो क्रिकेट खेलने से पहले इन सेक्टर में करते थे जॉब
Indian Cricketers Profession: भारत में क्रिकेट और क्रिकेटर्स को पूजा जाता है।क्रिकेट की दीवानगी इस हद तक है फैंस अपने क्रिकेटर्स से जुड़ी छोटी से लेकर बड़ी बातें तक जानना चाहते हैं।
Indian Cricketers History: भारत में क्रिकेट और क्रिकेटर्स को पूजा जाता है। क्रिकेट की दीवानगी इस हद तक है कि फैंस अपने क्रिकेटर्स से जुड़ी हर छोटी से लेकर बड़ी बातें तक जानना चाहते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि कुछ भारत के दिग्गज खिलाड़ियों के बारे में जो क्रिकेट खेलने से पहले किस और सेक्टर में भी चैंपियन रह चुके हैं। आइए जानते हैं विस्तार से:
महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni)
महेंद्र सिंह धोनी यानी अपने कैप्टन कूल (Captain Cool) जो कई देशों और फैंस के दिलों पर छाए रहते हैं। हालांकि माही का क्रिकेट की पिच तक पहुंचना आसानी नहीं था। माही ने बड़ी मुश्किल से इंडियन टीम में अपनी जगह बनाई थी। हालांकि बता दे कि धोनी क्रिकेट खेलने से पहले भारतीय रेलवे में टिकट कलेक्टर का जॉब करते थें।
लेकिन धोनी को उनका जॉब बिल्कुल भी पसंद नहीं था क्योंकि माही क्रिकेट को अपनी लाइफ बनाना चाहते थें, जो कई सालों की मेहनत के बाद बना भी लिया और भारत को धोनी के रूप में एक महान खिलाड़ी मिला।
शिखर धवन ( Shikhar Dhawan)
भारतीय क्रिकेट टीम के बेहतरीन बल्लेबाज शिखर धवन ने भी क्रिकेट में आने के लिए बहुत मेहनत किया था। हालांकि ये बात और हैं कि शिखर ने एक इंटरव्यू में कहा थे कि उन्हें स्ट्रगल करना बहुत पसंद है।
बता दे धवन को सबसे पहले साल 2001 में दिल्ली के लिए अंडर 16 में जगह मिली लेकिन बाद में शिखर को 2 मैचों में बाहर बिठा दिया गया। जिसके बाद गब्बर (शिखर धवन का निक नेम) ने क्रिकेट छोड़ने का फैसला किया और अपने मौसा जी की दुकान पर (जूतों का दुकान) काम किया। लेकिन जॉब के दो दिन बाद ही शिखर ने नौकरी छोड़कर फिर से क्रिकेट में जाने का मन बनाया। शिखर ने हार नहीं मानी और अपने मेहनत के दम से फिर से क्रिकेट में एंट्री मार ली। जिसके बाद उन्होंने भारत और अपनी आईपीएल टीम के लिए बेहतरीन प्रदर्शन किया और आज शिखर धवन एक स्टार बल्लेबाज है।
आर अश्विन (R Ashwin)
आर अश्विन यानी भारतीय क्रिकेट टीम का वह गेंदबाज जो मुश्किल समय में टीम इंडिया को बाहर निकालता है। दरअसल आर अश्विन क्रिकेट खेलने से पहले किसी अन्य सेक्टर में काम करते थें।
दरअसल क्रिकेट में आने से पहले आर अश्विन ने SSN कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से डिग्री ली। आर अश्विन को सॉफ्टवेयर कंपनी से कई ऑफर भी आए लेकिन अश्विन ने क्रिकेट को अपना करियर बनाया और आज अश्विन टीम इंडिया के स्टार गेंदबाज हैं।
युजवेंद चहल ( Yuzvendra Chahal )
भारतीय क्रिकेट टीम के बेहतरीन बॉलर युजवेंद्र चहल को तो क्रिकेट में कोई दिलचस्पी नहीं थी लेकिन यूजी की किस्मत ने उन्हें क्रिकेट के मैदान तक ले आई। दरअसल यूजी को चेस बेहद पसंद था और यूजी चेस के प्लेयर बनाना चाहते थें। दरअसल यूजी को सिर्फ 10 साल की उम्र में नेशनल लेवल पर अपना जलवा दिखाने का मौका मिला और यूजी ने चेस में कई खिताब भी जीते।
लेकिन साल 2006 में यूजी के करियर का खराब दौर आया क्योंकि यूजी को चेस के लिए स्पॉन्सर मिलने बंद हो गए। यूजी के लिए हर साल 50 से 60 हजार रूपया खर्च कर पाना आसान नहीं था। जिसके बाद यूजी ने खेल को ही बदलने का फैसला लिया। फिर क्या था यूजी की किस्मत उन्हें क्रिकेट में ले आई और साल 2011 में मुंबई इंडियंस के जरिए यूजी ने क्रिकेट के मैदान पर पहली बार अपने पैर रखें और यहां से आज तक यूजी का सफर शानदार रहा और टीम इंडिया को शानदार गेंदबाज मिल गया।
वरुण चक्रवती ( Varun Chakraborty)
भारतीय क्रिकेट टीम के यंग खिलाड़ी और कोलकात नाइट राइडर्स के लिए खेलने वाले खिलाड़ी बरुण चक्रवती भी क्रिकेट में आने से पहले एक सॉफ्टवेयर कंपनी में जॉब करते थें।
दरअसल वरुण 13 साल की उम्र से क्रिकेट खेलते थे लेकिन 17 साल की उम्र के बाद निजी कारणों से वरुण ने क्रिकेट छोड़ दिया था लेकिन पढ़ाई कंप्लीट करने के बाद वरुण ने कुछ साल आर्किटेक्ट की जॉब की पर वरुण का मन क्रिकेट में ही रहता था इसलिए वरुण ने जॉब छोड़ दी और दुबारा क्रिकेट ग्राउंड पर एंट्री ली। जो आज वरुण टीम इंडिया के बेहतरीन खिलाड़ी में गिने जाते हैं।
वेंकेट्स अय्यर (Venketesh Iyyer)
टीम इंडिया के यंग खिलाड़ी वेंकटेश अय्यर ने कभी नहीं सोचा था कि वे क्रिकेटर बनेंगे। दरअसल शुरू से पढ़ाई में अव्वल रहने वाले वेंकटेश अय्यर अपनी सीए (CA) की पढ़ाई पढ़ाई पूरी कर एक अच्छी नौकरी करना चाहते थें लेकिन वेंकटेश अय्यर की मां चाहती थीं कि उनका बेटा क्रिकेट पर ध्यान दें।
हालांकि होता अक्सर ऐसा है कि पेरेंट्स पढ़ाई पर ध्यान देने को ज्यादा बोलते हैं लेकिन वेंकटेश अय्यर के साथ ठीक इसका विपरीत था। दरअसल वेंकटेश अय्यर की मां नहीं चाहती थीं कि उनका बेटा दिनभर पढ़ाई करें क्योंकि इसका बुरा असर वेंकटेश के दिमाग पर पड़ता। इसलिए अय्यर की मां उन्हें क्रिकेट खेलने के लिए मोटिवेट करती रहती थीं। जिसके बाद अय्यर ने अपनी रुचि क्रिकेट में दिखानी शुरू की। एक समय ऐसा भी आया कि अय्यर के पास दो रास्ते थें या तो सीए की पढ़ाई पूरी करें या क्रिकेट खेलें। उस वक्त वेंकटेश ने क्रिकेट को चुना। बता दे वेंकटेश अय्यर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि अगर वे आज क्रिकेटर नहीं होते तो आईआईएम या आईआईटी में जॉब कर रहे हैं होते लेकिन उनकी मां की वजह से आज वेंकटेश टीम इंडिया (Team India) के बेहतरीन खिलाड़ी बन चुके हैं।