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ये क्रिकेटर भी पहुंचे खेल से खादी तक, कुछ बने मैन ऑफ दि पॉलिटिक्स तो कुछ क्लीन बोल्ड
लखनऊ: स्टार हो या क्रिकेटर, हर किसी पर राजनीति का रंग चढ़ ही जाता है। हर कोई एक बार राजनीति में पैर जमाने की कोशिश जरुर करता है। ऐसा ही एक बार फिर हुआ है। इंडियन क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार ने समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर ली है। जबसे उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पार्टी ज्वाइन की है, वह सुर्ख़ियों में आ गए हैं। बता दें कि प्रवीण कुमार ने अपना आखिरी टेस्ट मैच साल 2011 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था और आखिरी बार 2012 में मैन इन ब्लू में नजर आए थे। तब से प्रवीण कुमार इंडियन टीम में दुबारा जगह बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं।
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मेरठ से ताल्लुक रखने वाले प्रवीण कुमार कई बार अपनी स्विंग गेंदबाजी से इंडियन क्रिकेट टीम को मैच जितवाया है और अब वह उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पार्टी को और भी मजबूत बनाने में मदद करना चाहते हैं। उन्होंने कहा है कि "मैं अखिलेश यादव के काम से इम्प्रेस हूं। इसलिए समाजवादी पार्टी ज्वाइन की है। मैं राजनीति में नया हूं। मुझे अभी राजनीति सीखनी होगी। चुनाव से पहले मैं पार्टी के लिए प्रचार भी करूंगा और भगवान की कृपा रही, तो आगे चलकर चुनाव भी लड़ सकता हूं।"
बता दें कि प्रवीण कुमार अकेले वह क्रिकेटर नहीं हैं, जिन्होंने क्रिकेट की दुनिया से राजनीति की दुनिया में कदम रखा है। इनसे पहले कई क्रिकेटर राजनीति में आए हैं। मिलवाते हैं आपको ऐसे ही क्रिकेटर्स से, जिन्होंने क्रिकेट के बाद राजनीति में अपना कदम बढ़ाया।
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नवजोत सिंह सिद्धू: सिद्धू पाजी को कौन नहीं जानता है? इंडियन क्रिकेट टीम में एक अच्छे बल्लेबाज के तौर पर जाने जा चुके पंजाब के नवजोत सिंह सिद्धू ने क्रिकेट के बाद कमेंट्री शुरू की और फिर उसके बाद उन्होंने 2004 में भाजपा ज्वाइन की। 2009 में वह सांसद भी चुने गए। तब से लेकर वह अब तक इसी पार्टी के साथ सेवा कार्य में लगे हुए थे। लेकिन हाल ही में उन्होंने राजनीति के पैंतरों के चलते भाजपा को छोड़ दिया। जिसकी वजह से वह आजकल लगातार चर्चा में बने हुए हैं। उन्होंने पंजाब में 'आवाज-ए-पंजाब' के नाम से मोर्चा खोला है ।
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कीर्ति आजाद: इंडियन टीम के लिए 25 वनडे और 7 टेस्ट मैच खेलने वाले क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने भी क्रिकेट की दुनिया को अलविदा कहने के बाद पॉलिटिक्स में अपने कदम रखे।
इनके पिता बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके थे, जिसकी वजह से इन्हें ज्यादा स्ट्रगल नहीं करना पड़ा इन्होने भारतीय जनता पार्टी से दरभंगा के लिए चुनाव लड़ा।
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मुहम्मद अजहरुद्दीन: कलाई के जादूगर के नाम से जाने वाले फेमस खिलाड़ी और इंडियन क्रिकेट टीम के कैप्टेन रह चुके मोहम्मद अजहरूद्दीन ने 2009 में कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत पहले तीन टेस्ट मैच में तीन शतक जमकर की थी। क्रिकेट में उनका बल्ला खूब चला था, जिसके बाद उन्होंने राजनीति में भी अपना बल्ला खूब चलाया। उन्होंने मुरादाबाद से चुनाव लड़ा था और अपोजिट पार्टी को एक अच्छे लेवल से हराया था।
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चेतन चौहान: सुनील गावस्कर के साथ सलामी बल्लेबाज के रूप में पिच पर उतरने वाले क्रिकेटर केतन चौहान क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद राजनीति में आए। उन्होंने 1969 में इंडियन टीम के लिए अपना पहला क्रिकेट टेस्ट मैच खेला था। चेतन ने 1981 में अर्जुन पुरस्कार जीता। इसके बाद वह भाजपा से जुड़े और अमरोहा जिले से सांसद चुने गए।
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मोहम्मद कैफ: क्रिकेट की दुनिया में अपना हुनर आजमा चुके क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने भी राजनीति में भी अपना बल्ला चलाने की कोशिश की, लेकिन कुछ ख़ास नहीं कर पाए। कैफ ने कांग्रेस से राजनीति का सफ़र शुरू किया। उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए फूलपुर, इलाहाबाद से टिकट भी दिया गया। लेकिन वह हार गए और फिर क्रिकेट की दुनिया में चले गए।
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मंसूर अली खान पटौदी: इंडियन क्रिकेट टीम के जाने-माने कैप्टन मंसूर अली खान पटौदी भी राजनीति में आने से खुद को नहीं रोक पाए। उन्होंने 1971 में विशाल हरियाणा पार्टी के टिकट पर गुड़गांव से लोकसभा चुनाव लड़ा। लेकिन अफ़सोस वह हार गए दोबारा 1991 में भोपाल से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा। लेकिन इस बार भी उन्हें हार ही हासिल हुई थी।
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विनोद कांबली: कहते हैं कि राजनीति में हर किसी का सिक्का जल्दी नहीं चलता है। विनोद कांबली ने 2009 में लोक भारती पार्टी से टिकट लेकर विक्रोली (मुंबई), महाराष्ट्र से चुनाव लड़ा। जहां उन्हें हार मिली। अब वह क्रिकेट एनालिसिस करते दिखाई देते हैं।
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मनोज प्रभाकर: क्रिकेट का मैदान में ऑलराउंडर रह चुके मनोज प्रभाकर भी राजनीती का स्वाद चखना चाहते थे। उन्होंने 1998 में दिल्ली में आम चुनाव के दौरान अपनी किस्मत आजमाई। लेकिन वह हार गए। अब वह भी विनोद कांबली की तरह टीवी पर क्रिकेट एनालिसिस करते दिखाई देते हैं।