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अगर हर जगह कप्तान की चलती तो मैं कोच होता : सहवाग
भारत के लीजेंडरी क्रिकेटर विरेंद्र सहवाग सोमवार को मेरठ में थे। उन्होंने मेरठ में चल रहे जागरण क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में विजेता टीम को पुरस्कृत किया।
मेरठ : भारत के लीजेंडरी क्रिकेटर विरेंद्र सहवाग सोमवार को मेरठ में थे। उन्होंने मेरठ में चल रहे जागरण क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में विजेता टीम को पुरस्कृत किया। इससे पहले दैनिक जागरण कार्यालय में उन्होंने क्रिकेट से जुड़े तमाम पहलुओं पर बातचीत की। सहवाग से पूछा गया कि आप सोशल मीडिया पर खासे सक्रिय रहते हैं। दिल्ली की छात्रा गुलमेहर प्रकरण में आपका ट्वीट खासा चर्चा में रहा। सामाजिक-राजनीतिक विषयों पर आपकी राय सामने आती रहती हैं। क्या आगे सियासी पारी का कोई इरादा है? सहवाग का कहना था कि किसी भी मसले पर राय रखने की सोशल मीडिया से सहूलियत मिली है लेकिन अभी किसी सियासी पारी का इरादा नहीं है। आगे की मैं कुछ नहीं कह सकता।
स्टार कल्चर की बात गलत
क्रिकेट पर स्टार कल्चर हावी होता जा रहा है। कप्तान कोच से लेकर कमेंटेटर तक तय कर रहा है। इस पर सहवाग का कहना था कि कप्तान का थोड़ा बहुत प्रभाव हमेशा से ऐसे ही था। कोच और चयन में कप्तान की भूमिका हमेशा राय देने वाली रही है। अभी अगर मेरे कोच बनने वाली बात को लें तो कप्तान विराट कोहली ने मुझसे संपर्क किया। मैंने आवेदन किया। लेकिन मैं कोच नहीं बना। ऐसे में आप कैसे कह सकते हैं कि हर चीज में कप्तान की कैसे चल सकती है।
एक लाइन का बायोडेटा मीडिया की उपज
अभी भारतीय टीम के कोच पद के लिए कहा जा रहा था कि आपने औपचारिक तरीके से आवेदन नहीं किया। सिर्फ कुछ लाइनों में अपना बायोडेटा भेज दिया। इस पर सहवाग का कहना था कि मैंने सभी औपचारिकताएं की थी, एक लाइन वाली बात मीडिया के दिमाग की उपज थी। सहवाग ने क्रिकेट प्रशासक के तौर पर भी फिलहाल अपनी भू्मिका से इन्कार किया।
...उन्हें अच्छी हिंदी नहीं आती होगी
सहवाग और सिद्धू ने हिंदी कमेंटरी को अलग रंग दिया है। शायद बाजार का दबाव है कि हिंदी क्रिकेट का दायरा बढ़ रहा है। सहवाग का कहना था कि हिंदी आम लोगों की भाषा है। जिन्हें अच्छी हिंदी नहीं आती होगी,वे हिंदी कमेंटरी से परहेज करते होंगे।
बायोग्राफी के बारे में सोच रहा हूं
सहवाग ने कहा कि तमाम क्रिकेटर्स की जीवनी आ रही हूं। मैं भी इस बारे में सोच रहा हूं। अच्छे लेखक की तलाश है। हो सकता है कि जल्द ही इस बारे में आपको पता चले।
सुशील कुमार पर बननी चाहिए फिल्म
बायोपिक फिल्म पर सहवाग ने कहा कि अभी न तो इस बारे में उनसे कोई संपर्क किया गया है और न ही उनका कोई इरादा है। हां, यह जरूरी है कि भारत में तमाम ऐसे खिलाड़ी हैं क्रिकेट के अलावा भी जिनका संघर्ष लोगों के सामने आना चाहिए। मेरा मानना है कि रेसलर सुशील कुमार की बायोपिक आनी चाहिए। उनके संघर्ष को मैंने करीब से देखा है।
देश हित पहले, लेकिन पाकिस्तान से होने चाहिए मैच
सहवाग ने कहा कि भारत-पाक के बीच क्रिकेट सीरिज होनी चाहिए कि नहीं। यह सरकार को तय करना है। लेकिन निजी तौर पर मेरा मानना है कि पाकिस्तान से भारत को क्रिकेट खेलना चाहिए।
मुरलीधरन रहे सबसे मुश्किल
मुल्तान के सुल्तान ने कहा कि दुनिया के किसी तेज गेंदबाज को खेलने से पहले मैंने ज्यादा नहीं सोचा। लेकिन मुरलीधरन को खेलने में थोड़ी मुश्किल हुई। उनके लिए अलग से रणनीति बनानी पड़ी। उन्होंने कहा कि तेंदुलकर के साथ ओपन करने जैसा आनंद किसी के साथ नहीं था। उनके बाद गिलक्रिस्ट का नंबर है।