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59 साल बाद बदलेगा ग्रीन पार्क का इतिहास, खामोश रहेगा ये स्कोरबोर्ड
कानपुर: ग्रीन पार्क स्टेडियम में इंडिया का एकमात्र और वर्ल्ड का दूसरा मैन्युल क्रिकेट स्कोरबोर्ड मौजूद है। यह स्कोरबोर्ड कई ऐतिहासिक मैचों का गवाह रहा है, लेकिन अब क्रिकेट का ग्लैमर इसके इतिहास पर भारी पड़ा है। ग्रीन पार्क में पहली बार आईपीएल के दो मुकाबले खेले जाएंगे, लेकिन दोनों ही मैचों में आपको मैन्युल स्कोरबोर्ड नजर नहीं आएगा। 1957 के बाद से यह पहली बार होगा जब ग्रीन पार्क में मैदान पर टीमें तो उतरेंगी तो यह स्कोरबोर्ड खामोश रहेगा।
इस स्कोरबोर्ड को 1957-58 में यूपीसीए के तत्कालीन अध्यक्ष एसएम बशीर ने बनवाया था, लेकिन ये कम ही लोग जानते हैं कि इसका इसका पूरा डिजाइन और मैकेनिज्म जगजीत सिंह ने तैयार किया था, जिनके बेटे हरचरण सिंह मौजूदा वक्त में इसकी पूरी देखरेख कर रहे हैं। उन्होंने बताया,'' 19 और 21 मई को यहां आईपीएल के दो मैच खेले जाएंगे। दोनों ही मुकाबलों में मैन्युल स्कोरबोर्ड का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। 59 साल बाद ऐसा होगा कि ग्रीन पार्क में कोई मैच बिना इस स्कोरबोर्ड के खेला जाएगा। यूपीसीए ने ऐसा करने के पीछे उन्हें कोई पुख्ता वजह नहीं बताई है, लेकिन स्कोरबोर्ड के न चलने से वह काफी मायूस हैं।''
अगर चलता तो अलग ही दिखता
आईपीएल के साथ-साथ ग्रीन पार्क में पहली बार डे-नाइट मैच भी खेले जाएंगे। हरचरण सिंह ने बताया, ''ग्रीन पार्क स्टेडियम में कई साल बीत गए, लेकिन फ्लड लाइट की वजह से यहां अब तक कोई डे-नाइट मैच नहीं खेला जा सका था। जब हमें पता चला कि यहां पहली बार आईपीएल के दो मैच खेले जाएंगे तो उनकी पूरी टीम काफी खुश हो गई। डे-नाइट मैच के लिए मैन्युल स्कोरबोर्ड को अलग तरह से तैयार करना पड़ता। लाइटिंग से लेकर प्लेट्स के कलर तक सब नए होते। रात के वक्त ये स्कोरबोर्ड क्रिकेट फैंस का ध्यान दिन से ज्यादा खींचता, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा।''
ऐसे तैयार हुआ था स्कोरबोर्ड
हरचरण सिंह के मुताबिक, एसएम बशीर यूपीसीए के अध्यक्ष होने के साथ-साथ जेके आयरन स्टील के डायरेक्टर हुआ करते थे। वहीं उनके पिता जगजीत सिंह ठेकेदारी का काम करते थे। एक बार एसएम बशीर मैच देखने के लिए मेलबर्न गए हुए थे। मैच देखने के दौरान उनकी नजर वहां लगे मैन्युल स्कोरबोर्ड पर पड़ी। उन्होंने भारत वापस आकर उससे बेहतर स्कोरबोर्ड बनाने की जिद ठान ली। उनकी सोच को हकीकत का अमलीजामा पहनाने का काम जगजीत सिंह ने किया। बिना किसी इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल किए हुए उन्होंने ये अद्भुत मैन्युल स्कोरबोर्ड खड़ा कर दिया।