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प्रो-कबड्डी लीग सीजन-5 में नहीं खेल पाएंगे पाकिस्तानी खिलाड़ी
प्रो-कबड्डी लीग सीजन-5 के लिए जारी नीलामी के ड्राफ्ट में नाम शामिल होने के बावजूद 10 पाकिस्तानी खिलाड़ी लीग में नहीं खेल पाएंगे।
नई दिल्ली: प्रो-कबड्डी लीग सीजन-5 के लिए जारी नीलामी के ड्राफ्ट में नाम शामिल होने के बावजूद 10 पाकिस्तानी खिलाड़ी लीग में नहीं खेल पाएंगे। सोमवार को राजधानी दिल्ली में आयोजित नीलामी प्रक्रिया में आयोजक स्टार स्पोर्ट्स ने इसकी घोषणा की। हालांकि, कबड्डी लीग के प्रचारक मशाल स्पोर्ट्स के निदेशक चारू शर्मा इससे सहमत नहीं हैं।
दो दिनों तक चलने वाली नीलामी प्रक्रिया के लिए पाकिस्तान के 10 खिलाड़ियों को ओवरसीज वर्ग (विदेशी खिलाड़ियों के वर्ग) में शामिल किया गया था। इसमें बी-ओवरसीज वर्ग में चार खिलाड़ी आतिफ वहीद, नासिर अली, वसीम सज्जाद, हसन रजा हैं, वहीं सी-ओवरसीज वर्ग में छह खिलाड़ी अखलाक हुसैन, इबरार हुसैन, अरसलान अहमद, हसन अली, मोहम्मद इमरान और उस्मान जदा का नाम शामिल था।
प्रो-कबड्डी लीग सीजन-5 में पाकिस्तानी खिलाड़ियों को न खिलाने का फैसला भारत सरकार का है। सरकार का कहना है कि वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति में पाकिस्तान का कोई भी खिलाड़ी भारत में जारी किसी भी लीग का हिस्सा नहीं बन सकता। युवा मामलों एवं खेल मंत्री विजय गोयल ने सरकार के इस फैसले की जानकारी दी है।
सीजन-5 की नीलामी के लिए पाकिस्तानी खिलाड़ियों को शामिल किए जाने के बारे में चारू ने कहा, "इन खिलाड़ियों को ड्रॉफ्ट में शामिल करने के पीछे हमारा उद्देश्य कबड्डी के खेल को सही मायनों में लोकप्रिय बनाना है। ऐसे में हमें इस लीग में उन सभी देशों का प्रतिनिधित्व चाहिए, जिन देशों में कबड्डी खेला जाता रहा है और पाकिस्तान उनमें से एक है।"
टीम के मालिकों से जब इस बारे में पूछा गया, तो उनका कहना था कि सरकार का फैसला सर्वोपरि है और इसमें वे किसी भी प्रकार की टिप्पणी नहीं कर सकते।
इस मामले पर भारतीय कबड्डी टीम और यू-मुंबा के कप्तान अनूप कुमार का कहना है कि उन्हें लीग में पाकिस्तानी खिलाड़ियों के खेलने से कोई परेशानी नहीं है, लेकिन यह सब जानते हैं कि अंतिम फैसला सरकार का होगा।
पाकिस्तानी खिलाड़ियों के लीग में न खेल पाने की स्थिति पर चारू ने कहा, "हालांकि, अगर सरकार इन खिलाड़ियों को नहीं खिलाना चाहती है, तो हम उसके फैसले की मुखालफत नहीं करेंगे। लेकिन, अगर पाकिस्तान के खिलाड़ी नीलामी में टीमों द्वारा चुने जाते हैं और सरकार का अंतिम फैसला इन खिलाड़ियों के पक्ष में नहीं होता है, तो टीम के मालिक इन खिलाड़ियों के स्थान पर उसी कीमत और वर्ग से अन्य विदेशी खिलाड़ियों को अपनी टीमों में शामिल कर सकते हैं।"
--आईएएनएस