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Jay Shah: जय शाह को आईसीसी चेयरमैन बनने में नहीं पड़ा पाकिस्तान का काम, कैसे जय शाह ने हासिल किया ऐतिहासिक कारनामा
Jay Shah: जय शाह ने सिर्फ 35 वर्ष की उम्र में आईसीसी चेयरमैन बनने का कमाल किया, जहां वो 1 दिसंबर से अपने पदभार ग्रहण करेंगे।
Jay Shah: भारतीय क्रिकेट कन्ट्रोल बोर्ड का दबदबा अब इंटरनेशनल क्रिकेट में पूरी तरह से नजर आने वाला है, क्योंकि अब आईसीसी की जिम्मेदारी बीसीसीआई के सचिव जय शाह के कंधों पर आ गई है। बोर्ड के साथ सचिव पद पर पिछले कईं सालों से काम कर रहे जय शाह को अब आईसीसी के नए चेयरमैन के रूप में चुन लिया गया है। जय शाह को मंगलवार को निर्विरोध रूप से आईसीसी का नया चेयरमैन नियुक्त किया है, और वो अब 1 दिसंबर से अपना कार्यभाल संभालेंगे।
जय शाह निर्विरोध बने आईसीसी के अगले चेयरमैन
क्रिकेट के प्रशासन के सेक्टर में हैरतअंगेज कारनामा करते हुए जय शाह सिर्फ 35 वर्ष की उम्र में ही आईसीसी के चेयरमैन नियुक्त किए गए, जिसके साथ ही वो आईसीसी के सबसे युवा चेयरमैन बनने का रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज कर चुके हैं। जय शाह को वोटिंग के दौरान एकतरफा सपोर्ट मिला, जहां उन्हें क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड जैसे बड़े बोर्ड ने भी अपना समर्थन दिया और वो आसानी चेयनमैन बन गए।
पाकिस्तान के सपोर्ट के बिना ही जय शाह ने हासिल किए 16 में से 15 वोट
जय शाह का जलवा अब आईसीसी में देखने को मिलेगा। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की मेजबानी में होने वाली आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन भी जय शाह के काल में ही होने वाला है, ऐसे में पाकिस्तान के लिए अब राह इतनी आसान नहीं होगी। वैसे भी जय शाह को आईसीसी का चेयरमैन बनाने में पाकिस्तान को कोई रोल नहीं रहा, जहां शाह को 16 क्रिकेट बोर्ड में से 15 ने पूरी तरह से अपना समर्थन दिया, ऐसे में पीसीबी की कोई जरूरत ही नहीं पड़ी और वो वोटिंग के दौरान चुप-चाप बैठा रहा। अब आईसीसी में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को अपनी बात मनवाने के लिए बहुत ही मुश्किलें होने वाली है, क्योंकि इसी जय शाह के साथ उन्होंने वक्त-वक्त पर पंगा लिया था।
अब चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारत को कैसे बुलाएगा अपने देश
जय शाह के आईसीसी के चेयरमैन बनने के बाद अब पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को चैंपियंस ट्रॉफी में भारत को अपने देश बुलाना इतना आसान नहीं होने वाला है। पीसीबी भारत को अपने वहां पर बुलाने के लिए अड़ गया था, लेकिन अब जय शाह आईसीसी के आका बन चुके हैं, ऐसे में वो अब पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की इस बात को शायद ही मानने वाले हैं। तो कहीं ना कहीं ऐसा लग रहा है कि पीसीबी को भारत को अपने देश बुलाने में दिक्कते आने वाली है और उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन हाईब्रिड मॉडल के तहत करवाना पड़ सकता है।