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भारत को पहली बार चैंपियन बनाने वाले भारतीय कप्तान की अनसुनी कहानी, जानिए कपिल देव के जीवन से जुड़े रोचक तथ्य

Happy Birthday Kapil Dev: क्रिकेट की दुनिया के सर्वकालिक महान ऑलराउंडर कपिल देव के लिए आज का दिन बेहद ख़ास है। कपिल देव का जन्म आज ही के दिन 6 जनवरी 1959 को चंडीगढ़ में हुआ था। कपिल देव ने क्रिकेट में कई बड़े रिकार्ड्स अपने नाम किये थे।

Suryakant Soni
Written By Suryakant Soni
Published on: 6 Jan 2023 7:08 AM GMT
Happy Birthday Kapil Dev
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Happy Birthday Kapil Dev: क्रिकेट की दुनिया के सर्वकालिक महान ऑलराउंडर कपिल देव के लिए आज का दिन बेहद ख़ास है। कपिल देव का जन्म आज ही के दिन 6 जनवरी 1959 को चंडीगढ़ में हुआ था। कपिल देव ने क्रिकेट में कई बड़े रिकार्ड्स अपने नाम किये थे। उन्होंने पहली बार टीम इंडिया को वर्ल्ड कप जीताया था। पद्म भूषण से जैसे सम्मानित अवॉर्ड कपिल देव को मिल चुके हैं। वो आईसीसी वनडे विश्व कप जीतने वाले सबसे युवा कप्तान हैं। उन्हों टीम इंडिया को 1983 में वनडे विश्वकप का खिताब दिलाया था। उन्होंने ने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर में कुल 434 टेस्ट और 253 वन-डे विकेट हासिल किए। वहीं बल्लेबाज़ी करते हुए उन्होंने टेस्ट मैचों में 5248 और वन-डे में 3783 रन बनाये।

जब उनको खाने में मिली सिर्फ 2 रोटी और सूखी सब्जी:

बता दें कपिल देव के जीवन से जुड़े कई किस्से-कहानियां सुनने को मिलती हैं। एक बार जब उन्होंने एक प्रशिक्षण शिविर में हिस्सा लिया था। उस दौरान उनको खाने में सिर्फ 2 रोटी और सूखी सब्जी तो उन्होंने उसकी शिकायत कैंप के मैनेजर केके तारापुर से कर डाली। कपिल देव ने मैनेजर से कहा कि ''मैं तेज़ गेंदबाज़ हूं और सिर्फ दो रोटियों से मेरा काम नहीं चलेगा।'' उनकी बात सुनकर तारापुर ने तंज कसते हुए कहा कि ''तुम्हे रोटियां और सब्जी और मिल जाएगी, लेकिन याद रखना पिछले 30-40 साल में देश में कोई तेज़ गेंदबाज़ पैदा नहीं हुआ।'' उसके बाद कपिल देव ने अपनी पूरी लग्न से मेहनत करते हुए वो मुकाम हासिल किया था वो जो कोई दूसरा भारतीय तेज़ गेंदबाज़ आज तक नहीं कर पाया।

जिम्बाब्वे के खिलाफ बनाए थे 175 रन:

कपिल देव आज भी भारत के सबसे महान ऑलराउंडर माने जाते हैं। 1983 के वर्ल्ड कप में जिम्बाब्वे के खिलाफ कपिल देव ने करिश्माई पारी खेली। जो क्रिकेट इतिहास में हमेशा याद रखी जाएगी। जिम्बाब्वे के खिलाफ उसकी हालत बेहद खराब हो गई थी और उसके 4 विकेट 9 रन पर ही गिर गए थे। टीम गहरे संकट में थी क्योंकि इतने खराब प्रदर्शन से भारत पर हार का संकट दिख रहा था। चार विकेट गिरने के बाद कपिल देव क्रीज पर आए और उन्होंने अकेले ही मोर्चा संभाला और 138 गेंदों में नाबाद 175 रनों की परी खेल डाली। उन्होंने अपनी पारी में 16 चौके और 6 छक्के जमाए।

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