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गेंदबाजी न करने पर खत्म हो सकता है हार्दिक का टेस्ट क्रिकेट करियर
लोग चर्चा कर रहे हैं कि क्या अब इस ऑलराउंडर को भारतीय क्रिकेट की टेस्ट टीम में अब जगह नहीं मिल पाएगी।
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 18 जून से होने वाली वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल और इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले मैच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए 20 सदस्य टीम का ऐलान किया तो उसमें हार्दिक पांड्या, भुनेश्वर कुमार और कुलदीप यादव का नाम नहीं था। हार्दिक पांड्या का भारतीय क्रिकेट टीम में न चुने जाने पर बहुत बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। लोग चर्चा कर रहे हैं कि क्या अब इस ऑलराउंडर को भारतीय क्रिकेट की टेस्ट टीम में अब जगह नहीं मिल पाएगी।
आपको बता दें कि हार्दिक पांड्या बल्लेबाजी के साथ-साथ तेज गेंदबाजी भी कर सकते हैं। जब कोई टीम ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड या साउथ अफ्रीका में क्रिकेट मैच क्रिकेट खेलने के लिए जाती है तो ऐसी गेंदबाजी करने वाले लोग वहां जरूरी माने जाते हैं, जो समय पड़ने पर तेज बल्लेबाजी भी कर लें। फील्डिंग में उनकी परफॉर्मेंस अच्छी है। ऐसी स्थिति में सब कुछ जानने के बावजूद भी हार्दिक पांड्या का टीम में शामिल न किया जाना एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। तो क्या अब हार्दिक पांड्या टेस्ट मैच खेलने लायक ऑलराउंडर नहीं रह गए हैं।
भारतीय टीम की घोषणा के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने भी हार्दिक पांड्या को टीम में शामिल न किए जाने पर नाराजगी जताई थी और अपनी टिप्पणी करते हुए कहा था कि अगर यह आलराउंडर गेंदबाजी नहीं कर पाता है तो इसका मतलब यह नहीं कि आप उसे विशुद्ध बल्लेबाज मान लें। अगर वह इंग्लैंड दौरे के लिए जाता तो उसकी भूमिका एक बल्लेबाज से अधिक होती।
वहीं मशहूर कमेंटेटर हर्षा भोगले ने हार्दिक को टेस्ट टीम में नहीं चुने जाने के पीछे का बड़ा कारण बताते हुए कहा कि भारतीय टीम इंग्लैंड बहुत सारे स्पिन बॉलिंग ऑलराउंडर के साथ जाएगी, लेकिन कोई भी सीम बॉलिंग ऑलराउंडर नहीं है। यह पहले ही क्लियर हो चुका था हार्दिक पांड्या काफी कम गेंदबाजी कर रहे हैं और यह साफ था कि वह टीम में अपनी जगह नहीं बना पाएंगे। दुख है कि कुलदीप का फ्री फॉल जारी है।
क्रिकेट विशेषज्ञों का कहना है कि हार्दिक का टेस्ट टीम में चुना जाना काफी मुश्किल लगा रहा था। अगर आईपीएल की बात करें तो मुंबई इंडियंस की तरफ से खेलते हुए भी उनका प्रदर्शन बल्ले से भी कुछ खास नहीं रहा था, जबकि उन्होंने एक ओवर भी गेंदबाजी नहीं की थी। शायद इसीलिए वह अपना स्थान गंवा बैठे हैं।
आपको बता दें कि हार्दिक पांड्या ने पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 सीरीज में गेंदबाजी करने के बाद मार्च में इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई सीमित ओवरों की सीरीज में भी उन्होंने कुछ ओवर डाले थे। इसके अलावा पांड्या का मुख्य तौर पर बल्लेबाज के तौर पर इस्तेमाल हुआ। पिछली बार जब भारत ने इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज खेली थी, तब पांड्या ने एक मैच में पांच विकेट भी चटकाए थे।
प्रसाद ने आगे कहा कि अगर वह गेंदबाजी के लिए फिटनेस देखना टीम प्रबंधन का काम है। जब वह टीम में होगा तो वह टीम को एक ऑलराउंडर के रूप में बैलेंस करेगा। यदि हार्दिक एक दिन में 12-15 ओवर की गेंदबाजी कर लेता है तो उसे बड़ा योगदान माना जाना चाहिए। यही उसने साल 2018 में नॉटिंघम में किया था, जब उसने पांच विकेट लिए थे।
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