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ये है सट्टेबाजी के फेर में फंसे सितारों की लंबी फेहरिस्त
लखनऊ: क्रिकेट में सट्टेबाजी का चलन कोई नया नहीं है। इंडिया के अलावा ऐसे कई देश हैं जहां सट्टेबाजी के चलते कई क्रिकेट लीग के साथ खिलाड़ियों पर भी कलंक लग चुका है। इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल भी सट्टेबाजी के प्रकोप से बच नहीं पाया है। यही कारण है कि हर सीजन में कोई न कोई ऐसा मामला जरुर सामने आता है जो सट्टेबाजी से जुड़ा हो।
सट्टेबाजी के चक्कर में फंसे कई सेलेब्रिटीज
आईपीएल सीजन 11 में बॉलीवुड के ‘भाईजान’ यानी सलमान खान के भाई और डायरेक्टर-एक्टर अरबाज खान सट्टेबाजी में फंसे हैं। उन्होंने शनिवार को कबूल किया है कि वो इस जुर्म में वो 2 करोड़ 75 लाख रूपए हार चुके हैं। अरबाज पिछले कई सीजनों से सट्टेबाजी में शामिल रहे हैं। एक्ट्रेस मलाइका अरोड़ा खान से उनके तलाक का एक कारण ये भी है।
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वहीं, अरबाज का नाम इस मामले में आने से पहले बुकी सोनू जालान को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस के मुताबिक, सोनू जालान उर्फ़ सोनू मलाड अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद के इशारों पर ही काम करते है। जब सोनू कोई सट्टेबाजी लगाता है तो दाउद के ही इशारों पर लगाई जाती है।
सट्टेबाजी में शामिल हैं इन सेलेब्रिटीज के नाम
क्रिकेट और सट्टेबाजी का नाता काफी पुराना रहा है, इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे ही कुछ सेलेब्रिटीज या मशहूर हस्तियों के बारे में बताएंगे, जिनके ऊपर सट्टेबाजी के आरोप लग चुके हैं।
लिस्ट में सबसे ऊपर बिग बॉस सीजन 3 के विनर बिंदु दारा सिंह का है। फिल्मों में छोटी-मोटी भूमिका निभाने वाले बिंदु दारा सिंह पर आरोप लगा था कि उन्होंने आईपीएल के दौरान खिलाड़ियों और बुकी के बीच बिचौलिए की भूमिका निभा रहे थे। आईपीएल में सट्टेबाजी का सबसे पहला मामला साल 2013 में सामने आया था।
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हालांकि, कुछ दिन बाद बिंदु दारा सिंह को रिहा कर दिया गया था क्योंकि उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत हाथ नहीं लगा। बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष और चेन्नई सुपरकिंग्स के मालिक एम श्रीनिवासन के दामाद और आईपीएल टीम चेन्नई सुपरकिंग्स के 'टीम प्रिंसिपल' गुरुनाथ मयप्पन इस लिस्ट में शामिल हैं।
जब बिंदु दारा सिंह सट्टेबाजी के आरोपों से घिरे हुए थे, तब गुरुनाथ मयप्पन पर भी सट्टेबाजी का आरोप लगा था, जिसके बाद चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स को आईपीएल से 2 साल के लिए बैन कर दिया गया था। इन दोनों टीमों को जस्टिस लोढ़ा समिति का फैसला आने के बाद बैन किया गया था।
बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा इस लिस्ट में तीसरे स्थान पर हैं। राजस्थान रॉयल्स टीम के सह-मालिक और कारोबारी राज कुंद्रा पर आरोप लगा था कि वो भी सट्टेबाजी में शामिल हैं। इसके बाद लोढ़ा समिति ने उन्हें सट्टेबाजी में लिप्त भी पाया था।
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इन शॉर्ट, राज कुंद्रा पर लगे सभी आरोप सही साबित हुए थे, जिसके बाद आदेश सुनाया गया कि राज कुंद्रा अब क्रिकेट से जुड़ी किसी भी गतिविधियों में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। इसके बाद चेन्नई सुपरकिंग्स के साथ उनकी टीम राजस्थान रॉयल्स को भी दो साल के लिए बैन कर दिया गया था।
बॉलीवुड एक्टर अर्जुन रामपाल के रिश्तेदार और कारोबारी अमित गिल को भी पुलिस ने सट्टेबाजी के आरोप में गिरफ्तार किया था। जानकारी के अनुसार, गिल ने इंडिया-श्रीलंका की सीरीज पर साल 2017 में आठ लाख रुपए का सट्टा लगाया था। गिल की गिनती बांद्रा के टॉप कारोबारियों में होती है।
फिक्सिंग और सट्टेबाजी में होता है अंतर
कई लोग इस बात में कंफ्यूज हो जाते हैं कि फिक्सिंग और सट्टेबाजी एक ही चीज है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। फिक्सिंग और सट्टेबाजी में अंतर होता है। फिक्सिंग भी दो तरह की होती है। पहली मैच फिक्सिंग और दूसरी स्पॉट फिक्सिंग।
मैच फिक्सिंग
मैच फिक्सिंग अकेले नहीं की जा सकती। इसमें मैदान पर मौजूद दोनों टीमों के कुछ खिलाड़ी पहले से शामिल रहते हैं। मैच फिक्सिंग तब होती जब किसी एक टीम का पहले से हारना तय रहता है। मैच फिक्सिंग में बुकी दोनों टीमों के कप्तानों और कुछ खिलाड़ियों को रुपयों का लालच देकर खरीद लेता है। मैच फिक्सिंग में खिलाड़ियों को एडवांस रुपए भी दिए जाते हैं।
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स्पॉट फिक्सिंग
स्पॉट फिक्सिंग मैच फिक्सिंग की तरह ही होती है जिसमें एक खिलाड़ी को व्यक्तिगत लाभ व लालच देकर खरीद लिया जाता है। एक ओवर में दस से ज्यादा रन देना, नो बॉल, वाइड बॉल डालना, तय रन न बनाते हुए आउट होना, ये सब स्पॉट फिक्सिंग के उदाहरण हैं। अब आईपीएल सीजन-6 को ही ले लीजिए। इसमें स्पॉट फिक्सिंग का मामला सामने आया था। यही नहीं, अजहरुद्दीन और अजय जडेजा जैसे खिलाड़ियों का करियर भी स्पॉट फिक्सिंग की वजह से तबाह हुआ।
सट्टेबाजी
ऐसे होती है सट्टेबाजी:
सट्टेबाजी को अंजाम एक पॉपुलर एप्लीकेशन के जरिये दिया जाता है। सट्टेबाजों तक वॉट्सएप या अन्य माध्यमों के जरिए एप्लीकेशन का पासवर्ड और अन्य जरुरी जानकारी पहुंचा दी जाती है। भारत जैसे कई देशों में सट्टेबाजी लीगल नहीं है। इसलिए इसे कही और जगहों से किया जाता है और इसके लिए सट्टेबाज कोड वर्ड का इस्तेमाल करते हैं, ताकि वो पुलिस के चंगुल से बच सकें। सट्टेबाज प्रिंस पुणे, एमएमजेके, जूनियर कोलकाता जैसी कोड भाषा का इस्तेमाल करते हैं।
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आमतौर पर सट्टेबाजी में खिलाड़ी से लेकर कई लोग शामिल होते हैं। सट्टेबाजी भी दो तरह से होती है। एक होता है जनरल सट्टा और एक होता है सेशन सट्टा। जनरल सट्टा मैच शुरू होने से पहले लगाया जाता है कि कौन सी टीम जीतने वाली है। उदाहरण के तौर पर ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच होने वाले एक मैच को ले लीजिए।
इस मैच के शुरू होने से पहले जो सट्टा लगेगा कि कौन सी टीम जीतेगी, वो जनरल सट्टा है। जनरल सट्टे में शुरू में लगाया हुआ सट्टा बदला नहीं जा सकता। वहीं, सेशन सट्टे की बात करें तो इसमें शुरू में ये बताया जाता है कि कोई भी टीम टी-20 मैच में 140-150 बनाएगी। साथ ही, पहले 10 ओवर में 60 से 65 रन बनाएगी। सेशन सट्टा इसपर लगता है।