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दादी ने बनाया मेसी को दुनिया का महान खिलाड़ी, जानें उनके जीवन से जुड़े रोचक तथ्य...

Lionel Messi Biography in Hindi: फीफा विश्वकप 2022 का फाइनल मुकाबला रविवार को खेला जाएगा। इस मैच से ज्यादा सोशल मीडिया पर एक खिलाड़ी की चर्चा हो रही हैं, और वो नाम की पहचान का मोहताज नहीं है। जी हां, लियोनेल मेसी इस समय सबसे ज्यादा सर्च किए जा रहे हैं।

Suryakant Soni
Written By Suryakant Soni
Published on: 17 Dec 2022 5:32 AM GMT
Lionel Messi Biography in Hindi
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Lionel Messi Biography in Hindi

Lionel Messi Biography in Hindi: फीफा विश्वकप 2022 का फाइनल मुकाबला रविवार को खेला जाएगा। इस मैच से ज्यादा सोशल मीडिया पर एक खिलाड़ी की चर्चा हो रही हैं, और वो नाम की पहचान का मोहताज नहीं है। जी हां, लियोनेल मेसी इस समय सबसे ज्यादा सर्च किए जा रहे हैं। लियोनेल मेसी अपनी स्पीड के साथ-साथ ड्रिब्लिंग, फिनिशिंग और अपने गोल के जश्न मनाने के तरीके के लिए काफी मशहूर है। मेसी जब गोल करते हैं तो उसके बाद वो आसमान की तरफ इशारा करके जश्न मानते हैं। चलिए आज हम आपको बताते हैं उनके इस जश्न के पीछे की पूरी कहानी....

दादी मां की वजह से मेसी बने महान खिलाड़ी:

कहते हैं बड़े व्यक्तित्व के पीछे किसी ना किसी का हाथ जरूर होता हैं। आमतौर पर देखा जाता है कि माता-पिता की वजह से लोग अपने करियर में तरक्की कर पाते हैं। लेकिन मेसी जो दुनिया के महान फुटबॉल खिलाड़ियों में शुमार हैं, उनकी सफलता के पीछे उनकी दादी मां का हाथ है। लियोनेल मेस्सी ने अपना बचपन अपनी दादी माँ के साथ गुज़ारा था, उनकी दादी उन्हें प्रैक्टिस के लिए छोड़कर आती थी और उनका हौसला भी बढ़ाती थी। लेकिन जब मेसी 10 साल के थे तो उनकी दादी का देहांत हो गया था। मेसी आज तक अपने दादी के प्यार को भुला नहीं पाए हैं और जब भी गोल करते हैं तो आसमान की तरफ दोनों हाथों से इशारा करके अपनी प्यारी दादी माँ को याद करते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय पदार्पण मैच में एक मिनट खेल पाए:

बता दें मेसी ने साल 2005 में अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी। उनका पहला मुकाबला शायद ही वो कभी जीवन में याद रख पाए। हंगरी के ख़िलाफ़ पहले मैच में उन्हें सिर्फ एक मिनट बाद ही मैदान से बाहर जाना पड़ा था। बता दें अपने पहले मैच में उन्होंने गलती से हंगरी के विलमोस वैंजक को कुहनी मारी। जिसके बाद उन्हें रेफरी ने फील्ड से बाहर का रास्ता दिखा दिया। लेकिन उसके बाद उन्होंने फुटबॉल की दुनिया में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज विश्वभर में उनके करोड़ों फैंस हैं, जो उनका मैच देखना कभी नहीं भूलते हैं।

ग्रोथ हार्मोन डेफिशिएंसी बिमारी के हो गए थे शिकार:

लियोनेल मेसी का करियर काफी संघर्षों के बाद परवान पर चढ़ा। जब लियोनेल मेसी मात्र 11 साल के थे तब तब उन्हें ग्रोथ हार्मोन डेफिशिएंसी नामक बीमारी ने जकड लिया था। इस बीमारी की वजह से मेसी के शरीर का विकास रुक गया। इसका इलाज बहुत महंगा होने के कारण बीच में रोकना पड़ा। लेकिन बाद में उनके पिता ने जैसे-तैसे करके उनका इलाज करवाया। उसके बाद उन्होंने साल 2000 के बाद से फुटबॉल की दुनिया में कदम रख दिया। वह साल 2004, 2005 में लीग गोल स्कोर करने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बने।

लियोनेल मेसी का अंतरराष्ट्रीय सफर:

लियोनेल मेस्सी को स्पेन की राष्ट्रीयता मिली हुई हैं। लेकिन जब उन्होंने फुटबॉल के लिए राष्ट्रीय टीम का चयन किया तो सभी हैरान रह गए। उन्होंने स्पेन के बजाय अर्जेंटीना से अपने करियर की शुरुआत की। वर्ष 2006 मेंलियोनेल मेस्सी वर्ल्ड कप खेलने वाले अर्जेंटीना के सबसे कम उम्र के फुटबॉल खिलाड़ी बने। इसके बाद उन्होंने 2008 में हुए ओलम्पिक में अपनी टीम के लिए गोल्ड मेडल भी जीता। साल 2015 उनके करियर का सबसे गोल्डन समय माना जाता है। उन्होंने इस साल कुल 53 गोल किए थे। जो अपने आप में एक बहुत बड़ा रिकॉर्ड हो गया।

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