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MS Dhoni के याचिका पर मद्रास उच्च न्यायालय ने IPS अधिकारी संपत कुमार को सुनाई सजा
MS Dhoni Petition: क्रिकेटर एमएस धोनी द्वारा दायर अदालत की अवमानना याचिका में मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को आईपीएस अधिकारी(IPS Officer) संपत कुमार को 15 दिन की कैद की सजा सुनाई गई है।
MS Dhoni Petition: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी(Mahendra Singh Dhoni) की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर शुक्रवार को मद्रास उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। मामले में अदालत ने आईपीएस अधिकारी(IPS Officer) जी संपत (Ji Sampat)कुमार को 15 दिन जेल की सजा सुनाई। मामला आईपीएल में सट्टेबाजी (IPL) के आरोप से जुड़ा हुआ है। धोनी ने आईपीएल (IPL) सट्टेबाजी में अपना नाम लिए जाने को लेकर 2014 में मानहानि का मुकदमा दायर किया था। एमएस धोनी का प्रतिनिधित्व वकील पीआर रमन ने किया। जी संपत का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता पेरुम्बुलाविल राधाकृष्णन ने किया। जस्टिस एसएस सुंदर और सुंदर मोहन की पीठ ने कुमार को अपील दायर करने की अनुमति देने के लिए सजा को तीस दिनों के लिए निलंबित कर दिया।
धोनी ने मानहानि के मुकदमे पर दायर की थी याचिका
धोनी ने कथित दुर्भावनापूर्ण बयानों और समाचार रिपोर्टों पर ज़ी मीडिया, कुमार और अन्य के खिलाफ उच्च न्यायालय में मानहानि का मुकदमा दायर किया। ऐसा कहा जा रहा था कि वह 2013 में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) मैचों की सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग में शामिल थे। मानहानि के मुकदमे पर 100 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग की थी। इस मुकदमे पर आईपीएस अधिकारी संपत कुमार की ओर से दाखिल जवाबी हलफनामे में की गई टिप्पणी को लेकर धोनी ने अदालत की अवमानना का मामला दर्ज कराया था। इस टिप्पणी के लिए उन्हें दंडित करने की मांग की गई थी।
उच्च न्यायालय ने मानहानि बयान पर
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान ने कुमार सहित प्रतिवादियों, जिन्होंने शुरुआत में आईपीएल सट्टेबाजी घोटाले की जांच की थी, को इस मुद्दे से संबंधित उनके खिलाफ अपमानजनक बयान जारी करने और प्रकाशित करने से रोकने की मांग की। उच्च न्यायालय ने पहले अंतरिम जांच की आदेश दी थी और ज़ी, कुमार और अन्य को धोनी के खिलाफ मानहानिकारक बयान देने से रोक दिया था। इसके बाद, ज़ी और अन्य ने मानहानि के मुकदमे के जवाब में अपने लिखित बयान दायर किए। लिखित बयानों के बाद, धोनी ने एक आवेदन दायर कर दावा किया कि कुमार ने अपनी लिखित दलीलों में और भी अपमानजनक बयान दिए हैं, और इस प्रकार उन्होंने प्रार्थना की कि कुमार के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए।
धोनी के अपील को न्यायालय ने दी स्वीकृति
सुनवाई के दौरान, धोनी ने अदालत से कहा था कि उन्हें संपत पर अवमानना का मुकदमा चलाने में कोई दिलचस्पी नहीं है, क्योंकि संपत ने अपनी टिप्पणियों के लिए माफी मांग ली है। हालांकि, संपत ने ऐसा करने से इनकार कर दिया और तर्क दिया कि उनके खिलाफ अवमानना याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। तब धोनी ने संपत द्वारा उनके और सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ दिए गए मानहानि के बयानों की कॉपियां सौंपी थीं। बयानों की जांच करने पर, न्यायालय ने टिप्पणी की कि वे वास्तव में मानहानिकारक था।