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ध्यानचंद के परिवार ने कहा-नहीं चाहिए भारत रत्न, लेकिन राजनीति बंद करो
मेजर ध्यानचंद के परिवार ने आरोप लगाया कि जीते जी ध्यानचंद को सम्मान नहीं मिला और मौत के बाद भी उनके नाम को भुनाने की राजनीति हो रही है। ध्यान चंद की पुत्र वधु डॉ. मीना उमेश ने साफ कहा कि सरकार भारत रत्न अपने पास ही रखे, लेकिन उनके नाम पर राजनीति करके परिवार को शर्मसार न करे।
झांसी: दुनिया में हॉकी के जादूगर के नाम से मशहूर मेजर ध्यान चंद के परिवार ने नेताओं से ध्यान चंद के नाम पर राजनीति बंद करने की अपील की है। विश्व हॉकी में पूजे जाने वाले इस महान खिलाड़ी के आक्रोशित परिवार ने कहा कि सरकार भारत रत्न अपने पास रखे, लेकिन इसके बहाने राजनीति करके ध्यानचंद को बदनाम न करे। ध्यानचंद की पुत्रवधु डा. मीना उमेश ध्यानचंद ने सरकारों के रवय्ये को साफ लफ्जों में शर्मनाक बताया।
नहीं चाहिए भारत रत्न
-मेजर ध्यानचंद के परिवार ने आरोप लगाया कि जीते जी ध्यानचंद को सम्मान नहीं मिला और मौत के बाद भी उनके नाम को भुनाने की राजनीति हो रही है।
-ध्यान चंद की पुत्र वधु डॉ. मीना उमेश ने साफ कहा कि सरकार भारत रत्न अपने पास ही रखे, लेकिन उनके नाम पर राजनीति करके परिवार को शर्मसार न करे।
-उन्होंने आरोप लगाया कि अंतिम क्षणों में ध्यानचंद की घोर उपेक्षा की गई और मरणोपरांत भी भारत रत्न के नाम पर उन्हें अपमानित किया जा रहा है।
-परिवार ने कहा कि दद्दा को लंबे समय से भारत रत्न देने की बात कही जा रही है लेकिन हर बार यह दावा झूठा साबित होता है।
-डा. मीना ने कहा कि ध्यान चंद कर्मयोगी थे। कर्मयोगी कभी फल की इच्छा नहीं करता है। इसलिए परिवार को भी फल की इच्छा नहीं है।
-डॉ. मीना ने याद दिलाया कि दद्दा ने हिटलर का प्रस्ताव ठुकरा दिया था, जो उनके देशप्रेमी भारतीय होने का सुबूत है। लेकिन केंद्र और राज्य सरकारों ने उनके साथ दुर्भावना रखी।
बदहाल यादें
-मेजर ध्यानचंद के परिवार ने देश में हॉकी के गिरते स्तर पर भी चिंता जताई। झांसी में उनकी याद में बने हीरोज ग्राउंड की दुर्दशा पर भी परिवार दुखी नजर आया।
-परिवार ने कहा कि सरकारों ने जिस तरह दद्दा की उपेक्षा की, उसी तरह उनके नाम पर बने ग्राउंड की उपेक्षा हो रही है।
-धूल भरे इस ग्राउंड पर अब कोई खिलाड़ी आना पसंद नहीं करता। प्रशासन को भी साल दो साल में ही ग्राउंड की याद आती है।
राष्ट्रीय खेल दिवस
पूर्व भारतीय हॉकी कप्तान ध्यानचंद तीन बार ओलम्पिक के स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रहे हैं।
-इनमें 1928 का एम्सटर्डम ओलंपिक, 1932 का लॉस एंजिलिस ओलंपिक और 1936 का बर्लिन ओलंपिक शामिल है।
-भारत में मेजर ध्यान चंद का जन्म दिवस राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता