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फीफा विश्व कप : अंतिम-16 में प्रवेश करना चाहेगा मेक्सिको

Manali Rastogi
Published on: 23 Jun 2018 4:55 AM
फीफा विश्व कप : अंतिम-16 में प्रवेश करना चाहेगा मेक्सिको
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रोस्तोव ऑन डॉन: रूस में जारी फीफा विश्व कप के अपने पहले मुकाबले में मौजूदा चैम्पियन जर्मनी को हराकर बड़ा उलटफेर करने वाली मेक्सिको आज दक्षिण कोरिया को मात देकर अंतिम-16 में प्रवेश करना चाहेगी। मेक्सिको ग्रुप-एफ में एक मैच में तीन अंक लेकर स्वीडन के बाद दूसरे नंबर पर मौजूद है और अब उसके पास अगले दौर में पहुंचने का मौका है। वहीं दक्षिण कोरिया को अपने पहले मैच में स्वीडन से 0-1 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी जिसकी बदौलत टीम ग्रुप में सबसे नीचे चौथे नंबर पर है।

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मेक्सिको ने टूनार्मेंट में अब तक उम्मीद से बढ़कर प्रदर्शन किया है और जर्मनी को मात देकर उसने विश्व को चौंका दिया है। जर्मनी और मेक्सिको के मुकाबले में किसी को उम्मीद नहीं थी कि मेक्सिको कुछ ऐसा प्रदर्शन करेगी। लेकिन उसके 22 वर्षीय खिलाड़ी हिर्विग लोजानो की ओर से 35वें मिनट में किए गए एकमात्र गोल के दम पर मेक्सिको ने प्रतियोगिता में जीत के साथ खाता खोला। वर्ष 1985 के बाद से मेक्सिको की जर्मनी के खिलाफ यह पहली जीत है।

मेक्सिको अजेर्टीना में वर्ष 1978 में हुए विश्व कप के बाद से अब तक विश्व कप में कभी भी अपना दूसरा मैच नहीं हारा है। टीम चाहेगी कि वह कोरिया के खिलाफ भी अपने इस रिकॉर्ड को कायम रखें।

विश्व कप में मेक्सिको और कोरिया दूसरी बार आमने-सामने हो रहे हैं। दोनों टीमें 20 साल पहले फ्रांस में वर्ष 1998 में पहली बार भिड़े थे जब मेक्सिको ने कोरिया को 3-1 से करारी शिकस्त दी थी। मेक्सिको की कोशिश होगी कि वह मनोवैज्ञानिक बढ़त के साथ कोरिया के खिलाफ मुकाबले में उतरे।

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इस मैच में सबकी निगाहें जेवियर हनार्डेज पर होगी जो अपने 50 अंतर्राष्ट्रीय मैच पूरे करन से एक मैच दूर हैं और कोरिया के खिलाफ वह यह उपलब्धि हासिल कर सकते हैं। 30 साल के हनार्डेज ने अपने देश के लिए अब तक सबसे ज्यादा गोल दागे हैं और मेक्सिको को कोरिया के खिलाफ भी उनसे गोल दागने की उम्मीद होगी।

कोरिया के खिलाफ होने वाले मुकाबले में मेक्सिको को इसलिए भी जीत का दावेदार माना जा रहा है क्योंकि मेक्सिको की टीम विश्व कप के इतिहास में कभी भी एशियाई टीमों से नहीं हारी है। हालांकि रिकॉर्ड बनते ही हैं टूटने के लिए और दक्षिण कोरिया चाहेगी कि वह इस बात को सार्थक करे।

दूसरी तरफ विश्व कप में दक्षिण कोरिया का रिकॉर्ड सही नहीं रहा है। मेक्सिको में वर्ष 1986 में विश्व कप में लौटने के बाद से दक्षिण कोरिया की टीम कभी टूनार्मेंट में अपना दूसरा मैच नहीं जीत पाई है। स्वीडन से मिली हार के बाद टीम का मनोबल गिरा हुआ है। टीम को अपने स्टार मिडफील्डर कि सुंगयुएंग से काफी उम्मीदें होंगी जो अपना 104 मैच खेलने उतरेंगे।

एशियाई देशों में विश्व कप के सेमीफाइनल तक का सफर तय करने वाली एकमात्र टीम दक्षिण कोरिया को स्वीडन के खिलाफ छठे मिनट में फ्री किक से गोल करने का मौका मिला था। सोन के शॉट को किम शिन वुक ने हेडर से गोल पोस्ट तक पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन वह नेट से बहुत दूर चली गई और दक्षिण कोरिया की टीम खाता खोलने का मौका चूक गई थी।

हालांकि टीम चाहेगी कि एशिया की अन्य टीमों की जीत से उनकी टीम प्रेरणा ले और मेक्सिको के खिलाफ कुछ नया करे। कोरिया के डिफेंसिव मिडफील्डर जुंग वू यंग भी इस बात को दोहरा चुके हैं।

--आईएएनएस

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