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जोकोविच के इतिहास बनाने के रास्ते में नडाल, फेडरर की चुनौती

टूर्नामेंट में हालांकि दिग्गज रोजर फेडरर की वापसी और गत विजेता राफेल नडाल के लय में आने से विश्व रैंकिंग में पहले स्थान पर काबिज जोकोविच का रास्ता इतना आसान नहीं होगा।

Roshni Khan
Published on: 25 May 2019 2:40 PM IST
जोकोविच के इतिहास बनाने के रास्ते में नडाल, फेडरर की चुनौती
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पेरिस: नोवाक जोकोविच रविवार से शुरू हो रहे फ्रेंच ओपन के मुख्य मुकाबले में जब उतरेंगे तो उनकी नजरें दूसरी बार एकसाथ चारों ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने के रिकार्ड की बराबरी करने पर होगी।

टेनिस इतिहास में जोकोविच (2016) से पहले सिर्फ डान बुड्गे (1938) और राड लावेर (1962 और 1969) ही एक साथ चारों ग्रैंडस्लैम के विजेता रहे है।

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टूर्नामेंट में हालांकि दिग्गज रोजर फेडरर की वापसी और गत विजेता राफेल नडाल के लय में आने से विश्व रैंकिंग में पहले स्थान पर काबिज जोकोविच का रास्ता इतना आसान नहीं होगा।

इससे पहले 2016 में चारों गैंडस्लैम खिताब जीत चुके जोकोविच ने 2018 में विम्बलडन और यूएस ओपन का खिताब जीतने के बाद इस साल जनवरी में अपना सातवां ऑस्ट्रेलियाई ओपन का खिताब जीता है।

जोकोविच ने अब तक 15 गैंडस्लैम खिताब जीते हैं जबकि इस मामले में फेडरर और नडाल क्रमश: 20 और 17 खिताब के साथ उनसे आगे है। इन दोनों खिलाड़ियों ने भी करियर स्लैम को पूरा किया है लेकिन एक साथ चारों बड़े खिताबों को एकसाथ जीतने में सफल नहीं रहे हैं।

जोकोविच को सबसे बड़ी चुनौती स्पेन के नडाल से मिलने की संभावना है जिन्हें ‘लाल बाजरी’ के बादशाह के तौर पर जाना जाता है। नडाल ने सर्बिया के जोकोविच को पिछले सप्ताह इटैलियन ओपन के फाइनल में हराया था।

इस मुकाबले के बाद जोकोविच ने कहा था, ‘‘ फ्रेंच ओपन में बिना किसी शक के नडाल सबसे बड़े दावेदार होंगे, उनके बाद ही कोई और होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ एक साथ चारों ग्रैंडस्लैम जीतने के मौके से मुझे अतिरिक्त प्रेरणा और प्रोत्साहन मिला रहा है। मैं तीन साल पहले ऐसा कर चुका हूं और मुझे विश्वास है कि फिर से ऐसा कर सकता हूं।’’

रिकार्ड 11 बार फ्रेंच ओपन जीतने वाले नडाल ने रविवार को नौवीं बार इटैलियन ओपन और रिकार्ड 34वां मास्टर्स खिताब जीत कर लय में होने का संकेत दे दिया है।

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वह टूर्नामेंट में अपने अभियान की शुरूआत विश्व रैंकिंग में 43वें स्थान पर काबित पोलैंड के हुबर्ट हुरकाज के खिलाफ करेंगे। क्वार्टर फाइनल में उनका सामना जर्मनी के अलेक्जेंडर ज्वेरेव से हो सकता है।’’

टूर्नामेंट में उनकी कोशिश 12वां खिताब जीतकर अपने रिकार्ड को बेहतर करने की होगी। उन्होंने इस प्रतियोगिता में 86 मुकाबले जीते हैं जबकि सिर्फ दो में हार का सामना करना पड़ा है।

नडाल ने कहा, ‘‘ मुझे इस बात की परवाह नहीं है कि मैं खिताब का दावेदार हूं या नहीं। मेरा ध्यान अच्छा खेलने पर है।

पहले दौर में उनके सामने जर्मनी के क्वालीफायर खिलाड़ी यान्निक हांफमान की आसान चुनौती होगी। विश्व रैंकिंग में 184वें स्थान पर काबिज हांफमान ने एक भी ग्रैंड स्लैम मुकाबला नहीं जीता है।

फेडरर 2015 के बाद पहली बार इस टूर्नामेंट में खेलेंगे। अगर वह 37 साल की उम्र में इस खिताब को जीतते हैं तो फ्रेंच ओपन के सबसे उम्रदराज विजेता होंगे। लय पाने की कोशिश में लगे फेडरर की नजरें इस टूर्नामेंट से ज्यादा विम्बलडन पर हैं।

फेडरर विश्व रैंकिंग में 73वें पायदान पर काबिज इटली के लोरेंजो सोनेगो के खिलाफ अपने अभियान की शुरूआत करेंगे और सेमीफाइनल में नडाल से भिड़ सकते हैं।

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जोकोविच, नडाल और फेडरर के अलावा विश्व रैंकिंग में चौथे स्थान पर काबिज डोमनिक थिएम और छठे पायदान पर काबिज यूनान के स्टेफानोस सिटसिपास भी जीत के दावेदार होंगे। थिएम पिछले साल फाइनल में नडाल से हारकर उपविजेता रहे थे।

इस खेल के अगले बड़े खिलाड़ी के तौर पर देखे जा रहे ज्वेरेव के प्रदर्शन पर भी सबकी निगाहें होंगी।

(भाषा)



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Roshni Khan

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