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Neeraj Chopra Javelin Thrower: नीरज चोपड़ा के लिए फैसले की घड़ी, सेना या हरियाणा सरकार की सौगातें
Neeraj Chopra Javelin Thrower: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सूबेदार नीरज चोपड़ा को ग्रुप एक की नौकरी देने के एलान के साथ तमाम पुरस्कारों की झड़ी लगा दी है।
Neeraj Chopra Javelin Thrower: ओलंपिक में भाला फेंक (Javelin Throw Olympics) में इतिहास रचने वाले नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) आज पूरे देश की आंखों का सितारा बने हुए हैं। उनके गृह राज्य हरियाणा (Haryana) के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने सूबेदार नीरज चोपड़ा को ग्रुप एक की नौकरी देने के एलान के साथ तमाम पुरस्कारों की झड़ी लगा दी है तो 2016 में स्पोर्ट्स कोटे में राजपूताना राइफल्स (Rajputana Rifles) में हवलदार नियुक्त हुए नीरज चोपड़ा के प्रमोशन को भी तय माना जा रहा है।
सेना सूत्रों का कहना है कि खिलाड़ियों के संबंध में नियम और कानून थोड़े अलग हैं। उन्हें निश्चित रूप से पदोन्नति मिलेगी। इससे पहले भी लेना के अनेक जवानों ने राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीते सरदार मिल्खा सिंह (Milkha Singh), राज्यवर्धन सिंह राठौर (Rajyavardhan Singh Rathore) इसी कैटेगरी में आते हैं। नीरज चोपड़ा ने सोना जीतकर देश और सेना (Army) दोनों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।
माना जा रहा है कि सेना को अपने चमकदार और देश का गौरव बन चुके नीरज चोपड़ा को रोकने के लिए नियमों में ढील देनी पड़ेगी क्योंकि मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद सेना पर दबाव बढ़ गया है कि नीरज चोपड़ा को सामान्य तौर पर एक पदोन्नति दी जाए या फिर दो पदोन्नति देकर लेफ्टिनेंट बनाया जाए, क्योंकि इस समय नीरज के सामने सेना की नौकरी छोड़कर हरियाणा सरकार में ग्रुप ए की नौकरी (Haryana Govt Group A Job) ज्वाइन करने का विकल्प खुला हुआ है।
पानीपत के रहने वाले नीरज को हरियाणा के मुख्यमंत्री ने छह करोड़ रुपए नगद, ग्रुप के ऑफिसर की नौकरी, रियायती दर पर प्लॉट और पंचकूला एथलेटिक ट्रैक बनाकर उसका हेड नीरज चोपड़ा को बनाने की घोषणा की है। अब यह नीरज को तय करना है कि उन्हें सिविल नौकरी करनी है या आर्मी (Civil Job or Army) में ही रहना है।
राजपूताना राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर का संदेश
राजपूताना राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर ने अपने संदेश में कहा है. "नीरज, मेरे रेजीमेंट के लड़के द्वारा शानदार उपलब्धि के गौरवपूर्ण क्षण को आपके साथ साझा करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। उन्हें 2016 में हमारी रेजिमेंट राजपूताना राइफल्स में स्पोर्ट्स कोटे से सीधे हवलदार के रूप में शामिल किया गया था। राजपूताना रायफल्स के कर्नल दिनेश अलाघ ने सबसे पहले नीरज की खोज की थी लेकिन जल्द ही उन्हें अपनी क्षमता का एहसास हो गया और जल्द ही उन्होंने जर्मनी में अपने आगे के प्रशिक्षण की सिफारिश की। नीरज ने अंतर्राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया, देश के लिए सोना भी जीता लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि उनके गुरु कर्नल दिनेश का कुछ हफ्ते पहले निधन हो गया और वह अंतिम परिणाम नहीं देख पाए।"