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IOA Constitution: नीता अंबानी ने की महिलाओं को ज्यादा अधिकार देने वाले IOA के नए मसौदा संविधान की सराहना

नीता एम अंबानी, आईओसी सदस्य और रिलायंस फाउंडेशन की फाउंडर-चेयरपर्सन के रूप में "एथलीट फर्स्ट" नीति की प्रबल समर्थक हैं। साथ ही लड़कियों और महिलाओं को भी खेल में बराबरी का मौका मिले इसको भी वे खूब प्रमोट करती हैं।

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Newstrack Network
Published on: 5 Nov 2022 4:02 PM IST
Nita Ambani
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Nita Ambani (Image: Newstrack)

IOA Constitution: आईओसी की सदस्य नीता अंबानी ने आज भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के नए संशोधित मसौदा संविधान का स्वागत करते हुए, इसे भारत के ओलंपिक सपने में एक ऐतिहासिक क्षण बताया। सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव द्वारा तैयार किए गए IOA के संशोधित संविधान के अंतिम मसौदे में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, इसे10 नवंबर को होने वाली आम सभा की बैठक में औपचारिक स्वीकृति मिल सकती है।

नीता एम. अंबानी ने नए संशोधित आईओए मसौदा संविधान में एथलीटों और महिलाओं के अधिक प्रतिनिधित्व की सराहना करते हुए कहा "मैं न्यायमूर्ति नागेश्वर राव को भारत के ओलंपिक आंदोलन में एक ऐतिहासिक बदलाव के लिए बधाई देती हूं क्योंकि हम उम्मीदों से भरे एक अधिक समावेशी भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं। IOA के संशोधित मसौदा संविधान में, भारतीय खेल प्रशासन में एथलीटों और महिलाओं के लिए अधिक प्रतिनिधित्व की दिशा में उठाए गए कदमों से मैं बेहद आशान्वित हूं। "

2023 भारत के ओलंपिक आंदोलन के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष है, क्योंकि भारत मुंबई में 40 वर्षों में पहली बार आईओसी सत्र की मेजबानी करेगा। संविधान संशोधन के नए मसौदे पर आगे टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, "मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह खेलों में भारत की वास्तविक क्षमता को उभारने का मार्ग प्रशस्त करेगा। मैं भारत की ओलंपिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए IOA के नवनिर्वाचित सदस्यों के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हूं, जिसकी शुरुआत मुंबई में 2023 IOC सत्र और 2024 पेरिस ओलंपिक खेलों में इंडिया हाउस की सफल मेजबानी से होगी। जय हिन्द!"

2023 में आईओसी सत्र की मेजबानी भारत को मिले, इसके लिए श्रीमती अंबानी ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का सफल नेतृत्व किया और भारत को 40 वर्षों बाद आईओसी सत्र की मेजबानी का अधिकार मिला। भारत IOC सत्र में IOC सदस्यों, अंतर्राष्ट्रीय संघ (IF) के प्रतिनिधियों और ओलंपिक आंदोलन के अन्य प्रमुख हस्तियों की मेजबानी करेगा। ओलंपिक सपने को साकार करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

नीता एम अंबानी, आईओसी सदस्य और रिलायंस फाउंडेशन की फाउंडर-चेयरपर्सन के रूप में "एथलीट फर्स्ट" नीति की प्रबल समर्थक हैं। साथ ही लड़कियों और महिलाओं को भी खेल में बराबरी का मौका मिले इसको भी वे खूब प्रमोट करती हैं। खिलाड़ियो के लिए विशेष रूप से चलाए जा रहे "स्पोर्ट्स फॉर डेवलेपमेंट" प्रोग्रामों में रिलायंस फाउंडेशन का फोकस देश भर के एथलीटों के लिए विश्व स्तरीय अनुभव और सुविधाएं प्रदान करने पर रहता है। इन स्पोर्ट्स कार्यक्रमों में लड़कियों और महिला एथलीटों की भागीदारी और उनकी सफलता दर बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाता है।

नोट:

• संशोधित मसौदा संविधान अब आईओए की आम सभा द्वारा 10 नवंबर को एक विशेष आम बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा, जिसके बाद आईओए के चुनाव होंगे। यह चुनाव आईओसी कार्यकारी बोर्ड की अगली बैठक से पहले होंगे। यह बैठक 5-7 दिसंबर 2022 को होगी।

• आईओसी और भारत के सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार, न्यायमूर्ति नागेश्वर राव ने 3 नवंबर को संशोधित मसौदा प्रमुख हितधारकों को प्रस्तुत किया। यह संशोधित मसौदा दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 16 अगस्त 2022 को की गई सिफारिशों और अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के साथ परामर्श के अनुरूप बनाया गया है। यह ओलंपिक चार्टर और गुड गवर्नेंस के बुनियादी सिद्धांतों पर बना है। इसके संशोधनों में बेहतर प्रतिनिधित्व पर जोर दिया गया है। उत्कृष्ट योग्यता (एसओएम) के 8 खिलाड़ियों के साथ अधिक से अधिक एथलीटो को प्रतिनिधित्व और विभिन्न प्रशासनिक और मतदान पदों पर महिलाओं को अधिक प्रतिनिधित्व देने की शुरुआत के कदम इसमें उठाए गए हैं।



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Rakesh Mishra

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