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है दम ! आठ फीट 180 किलो की ट्राफी यूपी के कब्जे में, लिमका बुक में रिकार्ड दर्ज

Rishi
Published on: 7 Jan 2018 2:08 PM GMT
है दम ! आठ फीट 180 किलो की ट्राफी यूपी के कब्जे में, लिमका बुक में रिकार्ड दर्ज
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नोएडा : शहर में आयोजित हुई दो दिवसीय अखिल भारतीय कराटे चैंपियनशिप में विश्व की सबसे भारी और ऊंची ट्रॉफी जीतने के लिए छह राज्यों के सैकड़ों कराटे खिलाडीयों ने अपना दम खम दिखाया। लेकिन यूपी के खिलाड़ियों ने सबसे अधिक 176 मेडल जीत विश्व की सबसे बड़ी ट्रॉफी अपने नाम की। यह ट्रॉफी आठ फीट ऊंची और 180 किलोग्राम की है, और यह विश्व की सबसे बड़ी ट्रॉफी है। सबसे बड़ी ट्रॉफी होने के चलते इसका नाम लिमका बुक आॅफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी शामिल किया गया है।

बता दें कि इस प्रतियोगिता में दी जाने वाली ट्रॉफी विश्व की सबसे ऊंची व भारी ट्रॉफी है। जिसे फॉलिक फार्म के मालिक ने अपनी माताजी की याद में बनवाया है। इस ट्रॉफी का वजन 180 किलोग्राम के करीब है और इसी ऊंचाई आठ फीट है। इससे पहले कहीं भी इससे बड़ी ट्रॉफी नहीं बनाई गई है। इसलिए ही इसे लिमका बुक आॅफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है।

सेक्टर- 73 स्थित फॉलिक फार्म में आयोजित हुई इस प्रतियोगिता में यूपी, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड और महाराष्ट्र के करीब 400 कराटे खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। आयोजन समन्वयक राजकुमार चौहान ने बताया कि इस प्रतियोगिता में छह राज्यों के करीब 400 खिलाड़ियों ने कराटे मैच में हिस्सा लिया। लेकिन यूपी के खिलड़ियों ने सबसे ज्यादा मेडल हासिल कर इस ट्रॉफी को अपने नाम किया। यूपी ने इस प्रतियोगिता में 67 गोल्ड मेडल, 53 सिल्वर मेडल और 56 ब्रौंज मेडल जीते।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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