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Suryakumar Yadav: सूर्यकुमार यादव की एक सपना नहीं हो सका है पूरा, जानें क्या है सूर्या की अधूरी ख्वाहिश
सूर्यकुमार यादव अब भारतीय क्रिकेट टीम में रेड बॉल फॉर्मेट में अपना स्थान सुरक्षित करने की इच्छा रखते हैं।
Suryakumar Yadav: टीम इंडिया में इस वक्त विराट कोहली, रोहित शर्मा, जसप्रीत बुमराह का जितना बड़ा नाम हो चुका है, वैसा ही नाम अब स्टार बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव ने भी बना लिया है। सूर्यकुमार यादव इस वक्त टीम इंडिया में सबसे अहम खिलाड़ी की पोजिशन पर खड़े हैं, जहां उनकी बहुत ही खास डिमांड होने लगी है। सूर्यकुमार यादव को भले ही टीम इंडिया में बहुत ही देरी से मौका मिला हो, लेकिन वो आज की तारीख में टी20 फॉर्मेट में टीम के कप्तान हैं।
टी20 कप्तान सूर्या की अभी भी है अधूरी ख्वाहिश
सूर्यकुमार यादव को भारतीय क्रिकेट टीम की टी20 कमान मिल गई है, तो साथ ही माना जा रहा है कि वो 2026 के टी20 वर्ल्ड कप तक टीम के कप्तान बने रह सकते हैं। ऐसे में नेशनल टीम के लिए कप्तानी करने का सपना तो पूरा हो चुका है, लेकिन फिर भी सूर्यकुमार यादव का एक सपना अभी भी अधूरा है, जिसे वो पूरा नहीं कर सके हैं। अब सूर्या को अपनी उस ख्वाहिश को पूरा करने की इच्छा है।
सूर्या को अब टेस्ट फॉर्मेट में जगह स्थापित करने की है इच्छा
सूर्यकुमार यादव को ऐसा कौनसा सपना है जो अभी पूरा नहीं हो सका है, उसमें उन्होंने खुद अपना सपना बताया है। सूर्या ने अपने इस अधूरे सपने के बारे में बात करते हुए बताया है कि उन्हें अब रेड बॉल क्रिकेट यानी टेस्ट क्रिकेट में अपना स्थान पूरी तरह से सुरक्षित करना है। वो अब टेस्ट मैचों में भी टीम इंडिया के लिए अपना योगदान देना चाहते हैं और उन्होंने ये इच्छा व्यक्त की है।
टेस्ट क्रिकेट में बनाना चाहता हूं सुरक्षित जगह- सूर्यकुमार यादव
भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव ने इंडियन एक्सप्रेस न्यूज के साथ बात करते हुए कहा कि,"ऐसे बहुत से खिलाड़ी हैं जिन्होंने टेस्ट टीम में अपनी जगह बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है। मैं भी उस टेस्ट टीम में जगह बनाना चाहता हूं। जब मैंने भारत के लिए टेस्ट में डेब्यू किया तो मैं चोटिल हो गया। कई खिलाड़ी जिन्हें मौका मिला, उन्होंने अच्छा किया। यह वो खिलाड़ी हैं जो अभी मौके के हकदार हैं।"
उन्होंने इसके आगे कहा कि "आगे चलकर अगर मुझे खेलना है तो यह मेरे हाथ में नहीं है। अभी मेरे काबू में यह है कि इस टूर्नामेंट (बुची बाबू टूर्नामेंट) को खेलूं, दलीप ट्रॉफी खेलूं और फिर हम देखेंगे कि क्या होता है।"