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Manu Bhaker: ‘मेडल नहीं केवल खेल के बारे में सोच रही थी, भारत आकर विजेता मनु भाकर ने खोले 'दिल के राज'
Manu Bhaker: मनु भाकर ने मीडिया से बात करते हुए भाकर ने कहा कि एयरपोर्ट और होटल में जिस तरह से मेरा स्वागत किया गया, उससे मुझे बहुत अच्छा लगा।
Olympic Medallist Manu Bhaker: निशानेबाज एक ही ओलंपिक में दो मेडल जीतने वाली मनु भाकर बुधवार को भारत लौट आई हैं, दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शानदार प्रदर्शन के बाद गर्मजोशी से स्वागत किए जाने के बाद उन्होंने अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। ओलंपिक विजेता मनु भाकर ने कहा कि मैं यहां इतना प्यार पाकर बहुत खुश हूं। वापस आकर और भारतीय भोजन खाकर खुश हैं, जिसे वह पेरिस ओलंपिक में मिस कर रही थीं। हालांकि भाकर फिर पेरिस जाएंगी।
लंबे समय भारतीय खाना मिस किया
मनु भाकर ने मीडिया से बात करते हुए भाकर ने कहा कि एयरपोर्ट और होटल में जिस तरह से मेरा स्वागत किया गया, उससे मुझे बहुत अच्छा लगा। मुझे बहुत खुशी है कि देश के लोग मेरा इस तरह से समर्थन कर रहे हैं। मैं 2 पदक और भविष्य में कड़ी मेहनत करने के लिए बहुत सारी प्रेरणा लेकर आई हूं। इवेंट के समय, मैं केवल अपने खेल के बारे में सोच रही थी, मेडल के बार में नहीं, जिस वजह से एक ही ओलंपिक दो मेडल जीत पाई हूं। लंबे समय से मैंने भारतीय खाना नहीं खाया है, लेकिन दिल्ली आने के बाद मैंने आलू पराठा खाया।
फिर पेरिस जाएंगी मनु भाकर
भाकर भले ही अभी भारत लौट आईं हो, लेकिन उन्हें फिर पेरिस ओलंपिक में जाना है। मनु भाकर पेरिस ओलंपिक के समापन समारोह की भारतीय दल की ध्वजवाहक हैं। वह आज से तीन दिन बाद 10 अगस्त को पेरिस जाएंगी। भाकर के लिए पेरिस ओलंपिक 2024 जितना शानदार साबित हुआ है, उतना पिछला टोक्यो ओलंपिक 2020 (2021 में हुआ) अच्छा नहीं रहा। वह टोक्यो ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल क्वालीफिकेशन राउंड के दौरान उनकी बंदूक में खराबी आ गई थी। फाइनल राउंड के लिए क्वालीफाई करने के लिए आवश्यक शीर्ष-आठ में जगह बनाने से चूकते हुए 12वें स्थान पर रहीं।
इस स्पर्धा में मनु ने जीते मेडल
बता दें कि मनु भारक ने पेरिस ओलंपिक 2024 में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था, जो कि भारत का पहला मेडल था। इसके बाद वह 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा में भी उन्होंने कांस्य पदक जीता था, इस दौरान उनके साथ सरबजोत सिंह थे। 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य पदक की जीत की उपलब्धि हासिल करते ही मनु भाकर ने इतिहास रच दिया। वह एक ही ओपंलिक में दो मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं, जो कि आजाद भारत के बाद ओलंपिक इतिहास में ऐसा कोई भारतीय एथलीट नहीं कर पाया। मनु भाकर एक और इतिहास रचने जा रही थीं, जो कि एक ही ओलंपिक में तीन मेडल जीतने का था, लेकिन वह महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में वह मामूली अंतर से चूक गईं और इस स्पर्धा के फाइनल में वह चौथे स्थान पर रह गईं।
12 साल का इंतजार खत्म
हालांकि मनु भाकर ने शूटिंग में भारत के 12 साल के लंबे सूखे इंतजार को खत्म किया और पेरिस ओलंपिक में दो कांस्य पदक अपने नाम किए। वह भले ही पेरिस ओलंपिक में तीन मेडल जीतने सफल न हो पाई हो, लेकिन उसके बाद भी हर भारतीय को अपने शूटर मनु भारक पर नाज है। उन्होंने इतिहास रचा है। वह भारत की पहली ऐसी महिला शूटर हैं, जिन्होंने एक ही ओलंपिक में दो पदक अपने नाम किए। भाकर स्वतंत्रता के बाद पेरिस ओलंपिक के एक ही संस्करण में दो पदक जीतने वाली भारतीय दल की पहली एथलीट हैं। इससे पहले 1900 के ओलंपिक में नॉर्मन प्रिचर्ड ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए दो पदक जीते थे, जो कि दोनों ही 200 मीटर और 200 मीटर बाधा दौड़ में रजत पदक थे।