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Heart Attack: लोगों का अचानक हार्ट फेल, शेन वार्न की मौत और कोरोना वैक्सीन पर तुरंत रोक की मांग
Shane Warne : आए दिन खबरें आतीं हैं कि अच्छे भले, फिट लोग खड़े खड़े मर गए। जिम करते, डांस करते युवाओं का दिल अचानक धड़कना बन्द कर देता है। ऐसा क्यों हो रहा है, इसका सटीक जवाब अब तक नहीं मिल पाया है।
Shane Warne : नई दिल्ली। आए दिन खबरें आतीं हैं कि अच्छे भले, फिट लोग खड़े खड़े मर गए। जिम करते, डांस करते युवाओं का दिल अचानक धड़कना बन्द कर देता है। ऐसा क्यों हो रहा है, इसका सटीक जवाब अब तक नहीं मिल पाया है।ऐसा ही हुआ था महान क्रिकेटर शेन वार्न के साथ भी। अच्छे खासे थे, मगर अचानक दिल ने जवाब दे दिया। अब एक प्रतिष्ठित ऑस्ट्रेलियाई चिकित्सक ने कहा है कि शेन वार्न ने कोरोना की जो एमआरएनए वैक्सीन ली थी, वह उनकी अचानक मृत्यु का कारण हो सकती है। इन डॉक्टर ने एमआरएनए वैक्सीन पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है।
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. असीम मल्होत्रा और डॉ. क्रिस नील, जो ऑस्ट्रेलियन मेडिकल प्रोफेशनल्स सोसाइटी (एएमपीएस) के अध्यक्ष भी हैं, के अनुसार 52 वर्षीय वार्न के पोस्टमॉर्टम परिणामों में कोरोनरी एथेरोस्क्लेरोसिस या हृदय रोग दिखाया गया है। उन्होंने कहा कि उनके शोध से पता चलता है कि कोरोना की एमआरएनए वैक्सीन कोरोनरी बीमारी को तेज कर सकता है, विशेष रूप से ऐसे लोगों में जिन्हें पहले से ही हल्के हृदय रोग हो सकते हैं लेकिन जिनका पता नहीं चला है।
बेहद असामान्य बात
डॉ मल्होत्रा ने कहा कि 52 साल की कम उम्र में वार्न की अचानक मृत्यु होना काफी असामान्य है। उन्होंने साथ में ये भी कहा कि सब जानते हैं कि शेन हाल के वर्षों में बहुत स्वस्थ लाइफस्टाइल नहीं जी रहे थे। उनका वजन ज्यादा था और वह धूम्रपान करते थे। इसकी संभावना है कि उनकी धमनियों में कुछ हल्की इंटरनल सूजन हो गई हो, जैसा कि मैंने अपने मरीजों के साथ देखा है। डॉ मल्होत्रा ने ये भी कहा कि कैसे उनके अपने पिता की मृत्यु फाइजर की एमआरएनए कोरोना वैक्सीन की दो खुराक प्राप्त करने के बाद के महीनों में हो गई।
बेहद गम्भीर नतीजे
डॉ मल्होत्रा ने कहा है कि इन इंजेक्शनों हृदय संबंधी सामान्य और गंभीर प्रतिकूल प्रभावों के प्रमाण बहुत अधिक हैं, और मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि दुनिया भर में हम जो अतिरिक्त मौतें देख रहे हैं, उनमें एक बड़ा योगदानकर्ता कोरोना के एमआरएनए टीके हैं।
तत्काल रोक लगाने की जरूरत
डॉ मल्होत्रा ने कहा, "जांच लंबित रहने तक दुनिया भर में इन वैक्सीनके इस्तेमाल पर तत्काल रोक लगाने की जरूरत है ताकि लोगों को नुकसान पहुंचाने और अनावश्यक रूप से मरने से रोका जा सके।" डॉ. क्रिस नील ने कहा है कि सभी सबूतों का गंभीर रूप से मूल्यांकन करने के बाद उनको यह स्पष्ट हो गया है कि कोरोना टीके सिर्फ मायोकार्डिटिस और पेरिकार्डिटिस जैसे हृदय की सूजन की तुलना में बहुत मायनों में हृदय प्रणाली पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
डॉ नील ने कहा - आंकड़ों के मुताबिक, 52 वर्ष की आयु से ज्यादा के लोगों में में संदिग्ध दवा रिएक्शन के चलते दिल के दौरे की सभी घटनाओं में से 20 प्रतिशत में कोरोना वैक्सीन को संदिग्ध दवा के रूप में नामित किया गया है। इनमें से अधिकांश रिपोर्ट डॉक्टरों द्वारा बनाई गई थीं, इसलिए हम जानते हैं कि हृदय रोग विशेषज्ञों सहित कई लोग चिंतित हैं। उन्होंने कहा, ये संकेत गंभीर ध्यान देने का आह्वान हैं, और हम फार्माकोविजिलेंस रिपोर्ट की एक श्रृंखला जारी करेंगे, जिसकी शुरुआत हृदय संबंधी घटनाओं से होगी।
भारत में जांच
मार्च 2023 में आईसीएमआर ने युवाओं सहित कई लोगों की 'अचानक दिल के दौरे से होने वाली मौतों' और टीकों के साथ इसके संभावित संबंध पर एक अध्ययन शुरू किया। इसकी रिपोर्ट शीघ्र आने की उम्मीद है।