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जानें उन दिग्गज खिलाड़ियों के बारे में जिन्होंने अविश्वसनीय वापसी की
अनूप ओझा
लखनऊ: खेल जगत के दिग्गज खिलाडिय़ों के जीवन में कई बार ऐसा क्षण आ जाता है कि वे अपने खेल से दूर हो जाते हैं। दुबारा अपनी लय वापस पाने के लिए उन्हें अथक पसीना बहाना पड़ता है। अचरज में डालने वाली बात तो यह है कि कई दिग्गज खिलाडिय़ों ने खेल से दूर होने के बाद शानदार वापसी की और कामयाबी की दास्तान लिख डाली। इन खिलाडिय़ों के खेल से दूर होने पर उनके फैन्स निराश हो गए थे मगर खेल के मैदान में वापस लौटने पर उनके शानदार प्रदर्शन से फैन्स खुश हो गए।
युवराज सिंह की कहानी से कौन वाकिफ नहीं है। उन्होंने वापसी के बाद शानदार प्रदर्शन कर सबका दिल जीत लिया। नाडाल व फेडरर ने चुटहिल होने के बाद शानदार वापसी की है। पेट्रा किवीटोवा पर तो चाकू से हमला हुआ था मगर उन्होंने भी शानदार वापसी से सबका दिल जीत लिया। ये दिग्गज अपने दमखम और फोकस की वजह से खुद को टॉप पर बनाए रखने में कामयाब हुए। खिलाडिय़ों के लिए इंजरी कोई नई बात नहीं है पर उससे अपने आपको निकालकर अपनी फिटनेस को बरकरार रखना किसी चुनौती से कम नहीं है। यहां हम कुछ ऐसे खिलाडिय़ों का ब्योरा पेश कर रहे हैं जिन्होंने खेलों की दुनिया से दूर होने के बाद अविश्वशनीय वापसी की।
रोजर फेडरर : 17 बार ग्रैंड स्लैम चैंपियन बनने वाले रोजर फेडरर ने घुटने में चोट के कारण रियो ओलिंपिक और सत्र के शेष टूर्नामेंट्स से हटने का फैसला कर लिया था। फेडरर के रियो से हटने के कारण ओलंपिक खेलों में टेनिस के इवेंट को बड़ा झटका लगा था। अपने फेसबुक पेज पर फेडरर ने लिखा था कि मैं यह बताते हुए बहुत निराश हूं कि मैं रियो ओलिंपिक में स्विट्जरलैंड का प्रतिनिधित्व नहीं कर पाऊंगा।
मैं सत्र के शेष टूर्नामेंट्स में भी नहीं खेल पाऊंगा। सभी विकल्पों पर विचार करने और डॉक्टर्स तथा टीम स्टाफ से चर्चा करने के बाद मैंने यह निर्णय लिया है कि घुटने की सर्जरी से उबरने के लिए मुझे रिहैबिलिटेशन के लिए काफी समय लगेगा। डॉक्टर्स ने बताया कि यदि मुझे आगे कुछ वर्षों तक और खेलना हो तो अभी मुझे अपने दोनों घुटनों को पर्याप्त आराम देना होगा। इस साल आगे नहीं खेल पाना बहुत निराशाजनक होगा। सर्जरी के बाद फेडरर ने लगभग छह महीने आराम किया और इसके बाद 2017 में टेनिस कोर्ट में लौट आए। अचरज की बात तो यह है कि इसके बाद फेडरर ने वर्ष में सात खिताब जीते जिसमें ऑस्ट्रेलियाई ओपन भी शामिल है। उन्हों अपने आठवें विंबलडन खिताब का इस वर्ष सफलतापूर्वक बचाव भी किया।
राफेल नडाल : विश्व के नंबर एक टेनिस खिलाड़ी स्पेन के राफेल नडाल घुटने की चोट के कारण बासेल टूर्नामेंट से हट गए थे। यह टूर्नामेंट फेडरर के देश स्विट्?जरलैंड में हुआ था। उस समय नडाल ने अपने फेसबुक पेज पर इसकी जानकारी देते हुए लिखा कि मैं बेहद निराशा के साथ इसकी घोषणा करता हूं कि मैं बासेल टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लूंगा। मेरे डॉक्टरों ने मुझे आराम करने की सलाह दी है।
इस ब्रेक के कारण नडाल का लगातार 16 मैच जीतने का क्रम टूट गया था। नडाल ने कलाई की चोट से उबरने के लिए तीन महीने की छुट्टी ली। उसके बाद 2017 में एक बार फिर शुरुआत की। उन्होंने एक साल में छह शीर्ष खिताब जीतने के साथ-साथ फ्रेंच ओपन और यूएस ओपन भी जीता। इन विजयों से उन्होंने विश्व नंबर 1 रैंकिंग को फिर से हासिल किया। अपनी परफॉरमेंस पर नडाल ने कहा कि मुझे सिर्फ कसे हुए कार्यक्रम में अपने आप को बिजी रखना है। मैंने 12 महीनों में तीन ग्रैंड स्लैम जीते हैं। मै अपने ऊपर विश्वास ही नहीं कर पा रहा हूं कि मैने यह भी कर दिया। मै अपने आपको ज्यादा भूखा रखकर अधिक से अधिक विजय हासिल करने की कोशिश करूंगा।
युवराज सिंह : युवराज सिंह का नाम सुनते ही उस गंभीर बीमारी का नाम अपने आप आ जाता है जिसे जीत पाना अभी तक असंभव सा बना हुआ है। दूसरी बार विश्वकप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे इस खिलाड़ी के दीवानों को जब यह पता चला कि उनकी छाती में छह इंच के ट्यूमर हैं जो कैंसर के समान हैं तो उन्हें भारी झटका लगा।
युवराज इलाज के लिए अमेरिका गए। वहां इलाज के बाद युवराज पूरी तरह दुरुस्त हो गए। उन्होंने अपनी फिटनेस में भी सुधार किया और अपने संघर्ष के बारे में एक किताब लिखी। युवराज ने दिसंबर 2012 में भारतीय टीम में भी वापसी की। शुरुआत में तो अपनी पुरानी लय पाना उनके लिए कठिन था लेकिन धीरे-धीरे अपने खेल के दम पर उन्होंने भारतीय टीम में बाकायदा वापसी कर ली। उन्होंने अपने दूसरे मैच में 150 रन बनाकर अपने कॅरियर का सर्वश्रेष्ठï प्रदर्शन किया था।
पेट्रा किवीटोवा : दो बार की विंबलडन चैंपियन पेट्रा किवीटोवा की कहानी तो बिल्कुल हैरान कर देने वाली है। दिसंबर 2016 में एक दिन जब वे चेक गणराज्य में अपने घर पर आराम कर रहीं थी तो किसी अपराधी ने उनके घर में घुसकर चाकू से हमला कर उन्हें घायल कर दिया। खुद को बचाने में पेट्रा के बाएं हाथ में गंभीर चोट लगी।
इस घटना से पेट्रा के कॅरियर को ग्रहण लग गया। लोग उनके बारे में तरह-तरह की बातें करने लगे थे। खेल प्रेती निराश हो गए थे कि अब वे पेट्रा का खेल नहीं देख पाएंगे। सर्जरी के बाद वे तीन माह के लिए टेनिस से बाहर हो गई थीं। बाद में पेट्रा का कहना था कि मेरे डॉक्टर का कहना है कि शायद यह कभी भी सही नहीं होगा, लेकिन निशान ठीक हो रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि इस घटना के बाद पेट्रा किवीटोवा ने वापसी की फ्रेंच ओपन में एक मैच जीत लिया था। उन्होंने जून 2017 में अपने ऊपर हुए हमले के बाद एगोन क्लासिक बर्मिंघम में पहला खिताब जीता।