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भारत की मेडलवीर बेटी पीवी सिंधु, प्रैक्टिस करने रोजाना जाती थी 56 किमी...जानिए उनसे जुड़ी खास बातें

PV Sindhu Records: बैडमिंटन में पीवी सिंधु ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। पीवी सिंधु का जन्म 5 जुलाई 1995 को हैदराबाद में हुआ था। इसके परिवार के लोगों में खेलों के प्रति काफी लगाव रहा। सिंधु के माता-पिता राष्ट्रीय स्तर के वॉलीबॉल खिलाड़ी रह चुके हैं।

Suryakant Soni
Written By Suryakant Soni
Published on: 9 Aug 2022 9:52 AM GMT
भारत की मेडलवीर बेटी पीवी सिंधु, प्रैक्टिस करने रोजाना जाती थी 56 किमी...जानिए उनसे जुड़ी खास बातें
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PV Sindhu Records: कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में पीवी सिंधु ने ओपनिंग सेरेमनी में तिरंगा लेकर भारत के खिलाड़ियों की अगुवाई की। उन्होंने उसी समय गोल्ड मेडल जीतने की ठान ली। जिसको कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के अंतिम दिन पूरा भी कर दिखाया और तिरंगे का मान एक बार फिर बढ़ाया। यह पहला मौका नहीं था जब पीवी सिंधु ने देश का मान बढ़ाया हो। इससे पहले उन्होंने लगातार दो ओलंपिक खेलों में भी भारत को मेडल जिताए। इस बार कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने पहली बार सिंगल्स मुकाबले में पहला गोल्ड मेडल जीत लिया। चलिए जानते हैं भारत की मेडलवीर बेटी से जुड़ी ये ख़ास बातें....

आंध्र प्रदेश के हैदराबाद में हुआ जन्म:

बैडमिंटन में पीवी सिंधु ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। पीवी सिंधु का जन्म 5 जुलाई 1995 को हैदराबाद में हुआ था। इसके परिवार के लोगों में खेलों के प्रति काफी लगाव रहा। सिंधु के माता-पिता राष्ट्रीय स्तर के वॉलीबॉल खिलाड़ी रह चुके हैं। लेकिन पीवी सिंधु ने उनसे अलग हटकर बैडमिंटन में अपना करियर बनाया। बहुत ही कम लोग जानते हैं, पीवी सिंधु का पूरा नाम पुसरला वेंकट सिंधु है। उनके एक छोटी बहन है।

आठ साल की उम्र में शुरू किया बैडमिंटन:

पीवी सिंधु के माता-पिता का जुड़ाव वॉलीबॉल से रहा था। लेकिन सिंधु ने पुलेला गोपीचंद से प्रभावित होकर बैडमिंटन को अपने करियर के रूप में चुना। उन्होंने सिर्फ आठ साल की उम्र में रैकेट थाम लिया था। उस समय शायद ही किसी ने सोचा होगा कि यह छोटी बच्ची एक दिन देश का नाम पूरी दुनिया में रोशन करेगी। पीवी सिंधु का बैडमिंटन के प्रति इतना लगाव था कि वो रोजाना 56 किलोमीटर दूर प्रैक्टिस करने पहुंच जाती थी। उनके इसी जुनून के कारण आज वो इस मुकाम तक पहुंच गई।

कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में पहली बार गोल्ड मेडल:

पीवी सिंधु के लिए गोल्ड का सफर आसान नहीं रहा। उन्हें सेमीफाइनल में सिंगापुर की वाय जिया मिन ने कड़ी टक्कर दी। लेकिन दोनों गेम के अंतिम क्षणों में पीवी सिंधु ने जबरदस्त स्मैश लगते हुए 21-19, 21-17 से अपने नाम किया था। इसके बाद उनका मुकाबला फाइनल में कनाडा की मिशेल ली से हुआ। जिसमें उन्होंने मिशेल ली को 21-15, 21-13 से हराकर मुकाबला कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में पहली बार गोल्ड मेडल जीत लिया।

पीवी सिंधु की उपलब्धियां:

ओलंपिक:

रजत पदक- रियो ओलंपिक (2016)

कांस्य पदक- टोक्यो ओलंपिक (2020)

वर्ल्ड चैंपियनशिप:

कांस्य पदक - वर्ल्ड चैंपियनशिप (2013)

कांस्य पदक - वर्ल्ड चैंपियनशिप (2014)

रजत पदक - वर्ल्ड चैंपियनशिप (2017)

रजत पदक - वर्ल्ड चैंपियनशिप (2018)

स्वर्ण पदक - वर्ल्ड चैंपियनशिप (2019)

एशियाई गेम्स:

कांस्य पदक - विमेंस टीम (2014)

रजत पदक - एकल स्पर्धा (2018)

कॉमनवेल्थ गेम्स:

कांस्य पदक - एकल स्पर्धा (2014)

रजत पदक - एकल स्पर्धा (2018)

स्वर्ण पदक - मिक्स्ड टीम (2018)

रजत पदक - मिक्स्ड टीम (2022)

स्वर्ण पदक - एकल स्पर्धा (2022)

Suryakant Soni

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