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क्रिकेट साउथ अफ्रीका से प्रतिबंध हटा, अश्वेत खिलाड़ियों से जुड़े नियमों के पालन के बाद लिया फैसला
जोहानिसबर्ग: क्रिकेट साउथ अफ्रीका (सीएसए) पर लगाए गए प्रतिबंध को देश के खेल मंत्रालय ने हटा लिया है। अब सीएसए बड़े अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट की मेजबानी कर सकेगा। मंत्रालय ने यह प्रतिबंध सीएसए द्वारा अश्वेत खिलाड़ियों से संबंधित सरकार के आरक्षण नियमों का पालन करने के बाद हटाया है।
वेबसाइट ईएसपीएन क्रिकइंफो के मुताबिक, खेल मंत्री थेंबेलानी जेसी ने मंगलवार (09 मई) को इस बात की पुष्टि की। कहा, कि 'सरकार ने प्रतिष्ठित व्यक्तियों के समूह (ईपीजी) द्वारा सौंपी गई वार्षिक रिपोर्ट के बाद सीएसए पर से यह प्रतिबंध हटाने का फैसला किया है।'
अश्वेत खिलाड़ियों को हमेशा मैदान पर उतारा
बता दें, कि ईपीजी की रिपोर्ट स्वतंत्र विशेषज्ञों की समिति द्वारा वार्षिक स्तर पर तैयार की जाती है। इसे विभिन्न खेल संघों की प्रतिबद्धताओं और इनके द्वारा जरूरी नियमों के रूपांतरण के आधार पर तैयार किया जाता है। सीएसए ने राष्ट्रीय टीम में नए नियमों के मुताबिक दो अश्वेत खिलाड़ियों को बीते सत्र में हमेशा मैदान पर उतारा था, जिसके बाद यह तय माना जा रहा था कि सीएसए पर से यह प्रतिबंध हट सकता है। सीएसए पर मंत्रालय ने यह प्रतिंबध पिछले साल लगाया था।
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रग्बी और नेटबॉल पर भी दिखेगा असर
क्रिकेट के अलावा रग्बी और नेटबाल दो ऐसे खेल हैं जिनसे खेल मंत्रालय सुंतष्ट है। इस बदलाव का रग्बी पर त्वरित असर पड़ेगा, जिससे संबद्ध प्रशासक 2023 विश्वकप की मेजबानी के लिए बोली लगाने पर विचार कर रहे हैं।
अगले छह साल तक कोई भी आईसीसी टूर्नामेंट नहीं
सीएसए के खाते में अगले छह साल तक कोई भी आईसीसी टूर्नामेंट नहीं है। सीएसए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हारून लोगार्ट ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि भविष्य में इसमें कोई बदलाव हो सकता है। ऐसी चर्चाएं उठीं, कि सीएसए टी-20 विश्वकप-2018 की मेजबानी का प्रबल दावेदार है लेकिन फिर इन पर बात आगे नहीं बढ़ी।