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Sania Mirza: आखिरी ग्रैंड स्लैम नहीं जीत सकीं सानिया मिर्जा,आंखों में आंसू के साथ भावुक विदाई

Sania Mirza: सानिया मिर्जा ने पहले ही अपने रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया था और ऐसे में आखिरी ग्रैंड स्लैम मुकाबले में आंखों में आंसुओं के साथ उनकी भावुक विदाई हुई।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 27 Jan 2023 6:46 AM GMT
Sania Mirza:
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Sania Mirza (photo: social media )

Sania Mirza: भारतीय महिला टेनिस स्टार सानिया मिर्जा अपना आखिरी ग्रैंड स्लैम मुकाबला नहीं जीत सकीं। रोहन बोपन्ना के साथ वे अपने आखिरी ग्रैंड स्लैम मुकाबले ऑस्ट्रेलियन ओपन 2023 के मिक्स्ड डबल्स फाइनल मुकाबले तक पहुंचीं मगर फाइनल में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

सानिया मिर्जा ने पहले ही अपने रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया था और ऐसे में आखिरी ग्रैंड स्लैम मुकाबले में आंखों में आंसुओं के साथ उनकी भावुक विदाई हुई। फाइनल मुकाबले में सानिया और बोपन्ना को ब्राजील की लुईसा स्टैफनी और राफेल माटोस की जोड़ी के सामने हार का सामना करना पड़ा।

विदाई स्पीच में आए आंखों में आंसू

ऑस्ट्रेलियन ओपन मिक्स्ड डबल्स के फाइनल मुकाबले में हार के बाद जब सानिया को मेलबर्न रॉड लेवर एरिना पर स्पीच के लिए बुलाया गया तो उनकी आंखों में आंसू आ गए। इस मौके पर सानिया ने कहा कि मेरी आंखों में आए आंसू खुशी के आंसू हैं। उन्होंने कहा कि 18 साल पहले मेलबर्न से ही मेरे करियर की शुरुआत हुई थी और करियर को खत्म करने के लिए मेलबर्न से बेहतर और दूसरी कोई जगह नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि मेलबर्न में हमेशा मुझे घर जैसा एहसास हुआ है और इसके लिए मैं यहां के लोगों को शुक्रिया अदा करना चाहती हूं।

इस मौके पर सानिया ने अपने साथी खिलाड़ी रोहन बोपन्ना का भी शुक्रिया अदा किया। सानिया ने कहा कि 14 साल की उम्र में मिक्सड डबल्स में उनके पहले पार्टनर रोहन बोपन्ना ही थे और आज मैंने आखिरी ग्रैंड स्लैम मुकाबला भी उनके साथ ही खेला है।

सानिया ने दी सबको प्रेरणा

इस मौके पर रोहन और सानिया के परिवार के अन्य सदस्य और बच्चे भी मौजूद थे। रोहन ने कहा कि सानिया ने अपने शानदार खेल से इतने सालों तक देश और दुनिया के लोगों को प्रेरणा देने का काम किया है। मैं इसके लिए उनके प्रति शुक्रिया अदा करता हूं। सानिया मिर्जा पहले ही संन्यास लेने का ऐलान कर चुकी हैं।

पिछले दिनों उन्होंने इंटरव्यू में कहा था कि दुबई में 19 फरवरी से होने वाला डब्ल्यूटीए इवेंट उनका आखिरी टूर्नामेंट होगा और इसके बाद भी सन्यास ले लेंगी। इस टूर्नामेंट में सानिया मिर्जा आखिरी बार खेलती हुई नजर आएंगी। सानिया मिर्जा ने पहले ही अपने संन्यास की ओर इशारा कर दिया था। चोट की वजह से सानिया पिछला यूएस ओपन नहीं खेल सकी थीं।

छह बार ग्रैंड स्लैम जीतने में कामयाबी

सानिया मिर्जा को भारत की पहली महिला टेनिस सुपरस्टार कहना गलत नहीं होगा ङङसानिया मिर्जा अपने करियर के दौरान 6 बार की ग्रैंड स्लैम विजेता रही हैं। ऑस्ट्रेलियन ओपन 2009 के मिक्स्ड डबल्स में मिर्ज़ा भारतीय दिग्गज महेश भूपति के साथ जोड़ी बनाकर उतरी थीं और इस जोड़ी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए ऑस्ट्रेलियन ओपन मिक्स डबल्स अपने नाम किया था। इस खिताब को जीतने के बाद सोनिया काफी खुश नजर आई थीं और उनका कहना था कि ग्रैंड स्लैम जीतना हमेशा से मेरा सपना था और मैंने इस सपने को पूरा कर लिया है। 2012 में यह जोड़ी फ्रेंच ओपन जीतने में कामयाब रही थी। सानिया मिर्जा और महेश भूपति की जोड़ी ने 2014 में यूएस ओपन मिक्सड डबल्स जीता था।

2015 में सानिया मिर्जा ने स्विस लीजेंड मार्टिना हिंगिस के साथ जोड़ी बनाते हुए बड़ी कामयाबी हासिल की। इस जोड़ी ने लगातार तीन खिताब हासिल किए। इस जोड़ी ने 2015 में विंबलडन का खिताब जीतने में भी कामयाबी हासिल की। सानिया मिर्जा और मार्टिना हिंगिस की जोड़ी ने आगे भी कई कामयाबी हासिल की।

इस जोड़ी ने 2015 का यूएस ओपन और 2016 का ऑस्ट्रेलियन ओपन जीत कर पूरी दुनिया से अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। उस दौर में इस जोड़ी को सबसे ताकतवर माना जाता था। 2015 में युगल वर्ग में सानिया मिर्ज़ा ने WTA डबल्स रैंकिंग में पहला स्थान हासिल किया। इस कीर्तिमान को हासिल करने वाली मिर्ज़ा अभी तक इकलौती भारतीय टेनिस खिलाड़ी हैं। सानिया मिर्जा ने 21 महीने तक अपनी टॉप रैंकिंग को बनाए रखा और बाद में 2017 में इसमें गिरावट आई। सोनिया ने अभी तक 42 WTA युगल खिताब जीते हैं।

एशियाई खेलों में आठ पदक जीते

एशियाई खेलों में सानिया मिर्जा ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। एशियाई खेलों में वे आठ पदक जीतने में कामयाब रहीं। 2002 के एशियाई खेलों में उन्होंने पेस के साथ कांस्य पदक जीता था। 2006 के दोहा एशियन गेम्स में सानिया ने मिक्सड डबल्स में गोल्ड मेडल जीता था। वुमेंस डबल्स में उन्हें सिल्वर मेडल मिला था। ग्वांगझोउ एशियाई खेलों में वे सिंगल्स में कांस्य पदक जीतने में कामयाब रहीं।

इंचियोन एशियाई खेल 2014 में मिक्स्ड डबल्स में उन्हें गोल्ड मेडल हासिल हुआ। इसी संस्करण में वुमेंस डबल्स में खेलते हुई मिर्ज़ा सिल्वर मेडल जीतने में कामयाब रहीं।

सानिया मिर्जा 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स में वुमेंस सिंगल्स में सिल्वर मेडल जीता। इसके साथ ही उन्होंने रुश्मी चक्रवर्ती के साथ जोड़ी बनाकर वुमेंस डबल्स में ब्रॉन्ज़ मेडल जीतने में भी कामयाबी हासिल की। एफ्रो एशियन गेम्स में भी सानिया कई पदक जीत चुकी हैं।

चार बार ओलंपिक खेलों में लिया हिस्सा

सानिया मिर्जा चार ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। ओलंपिक खेलों में पदक जीतना हर खिलाड़ी का सपना होता है और सानिया मिर्जा ने भी यह सपना देखा था। हालांकि उनका यह सपना पूरा नहीं हो सका। सानिया ने एक बार बातचीत के दौरान कहा था कि ओलंपिक पोडियम पर खड़े होकर अपने देश के झंडे को लहराते हुए देखना हर एथलीट के लिए गर्व की सबसे बड़ी अनुभूति होती है। मैं भी इस गर्व का अनुभव करना चाहती हूं।

2008 के बीजिंग ओलंपिक खेलों में उन्होंने पहली बार देश का प्रतिनिधित्व किया मगर चोट लगने के कारण उन्हें बाहर होना पड़ा। 2012 के लंदन ओलंपिक में सानिया रुश्मा चक्रवर्ती के साथ जोड़ी बनाकर उतरी थीं मगर उन्हें पहले ही राउंड में हार का मुंह देखना पड़ा। हालांकि मिक्सड डबल्स में उन्होंने पेस के साथ क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया।

2016 के रियो ओलंपिक खेल में सानिया का प्रदर्शन काफी शानदार रहा था। सानिया ने मिक्स्ड में रोहन बोपन्ना के साथ शानदार प्रदर्शन किया था। इस जोड़ी ने सेमीफाइनल तक का सफर तय करके देशवासियों का दिल जीत लिया था। टोक्यो ओलंपिक के दौरान सानिया मिर्जा और अंकिता रैना की जोड़ी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी और उन्हें पहले ही दौर में हार का मुंह देखना पड़ा।

सानिया को मिले कई बड़े पुरस्कार

अपने लंबे टेनिस करियर के दौरान सानिया मिर्जा कई प्रतिष्ठित पुरस्कार हासिल कर चुकी हैं। सानिया मिर्जा को 2004 में अर्जुन अवार्ड दिया गया था जबकि 2006 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। 2015 में उन्हें देश का प्रतिष्ठित राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड दिया गया था। 2016 में सानिया मिर्जा को पद्मभूषण सम्मान दिया गया था।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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