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Sanju Samson: दक्षिण अफ्रीका में शतक लगाकर खुश हुए संजू सैमसन, भावुक होकर बताया- कैसे मिली ये कामयाबी
Sanju Samson: संजू सैमसन ने 114 गेंदों का सामना करते हुए 108 रनों की पारी खेली। उन्होंने अपने वनडे करियर का पहला शतक जड़ा।
Sanju Samson: भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन के बल्ले से आखिरकार वो पारी निकल ही गई, जिसका सालों से इंतजार किया जा रहा था। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेली गई 3 मैचों की वनडे सीरीज के तीसरे और अंतिम मैच में संजू सैमसन ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए अपने वनडे करियर का पहला शतक ठोक दिया। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पार्ल में खेले गए पहले तीसरे वनडे मैच में उन्होंने 114 गेंद में 108 रन की मैच विनिंग पारी खेलकर टीम इंडिया को सीरीज में भी 2-1 से जीत दिला दी।
संजू सैमसन ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जड़ा शानदार शतक
इस 3 मैचों की वनडे सीरीज के तीसरे मैच को भारतीय टीम ने 78 रनों से जीत लिया। जिसमें संजू सैमसन की शानदार शतकीय पारी के साथ ही अर्शदीप सिंह की कमाल की गेंदबाजी ने सबसे बड़ा रोल अदा किया। भारत के लिए जो भी मौके मिल रहा हैं, वहां पर लगातार फ्लॉप हो रहे संजू सैमसन के दूसरे वनडे मैच में आउट होने के बाद सवाल खड़े हो रहे थे। लेकिन यहां उन्होंने इस बेहतरीन शतक के साथ ही आलोचकों को मुंह बंद कर दिए।
शतक के बाद भावुक हो गए थे संजू सैमसन
बौलेंड पार्क में खेले गए इस मैच में भारतीय टीम ने टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवर में 8 विकेट खोकर 296 रनों का स्कोर खड़ा किया। जिसमें संजू सैमलन ने शानदार शतक लगाया, तो वहीं तिलक वर्मा ने फिफ्टी जड़ी। इसके जवाब में भारत के गेंदबाजों के बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर दक्षिण अफ्रीका को 45.5 ओवर में 218 रन पर ही ढ़ेर कर दिया। इस बेहतरीन जीत के बाद प्लेयर ऑफ द मैच रहे संजू सैमसन से उनके शतक को लेकर बात की तो, वो काफी भावुक हो गए और उन्होंने इस शतक को अपनी मेहनत का नतीजा बताया।
शतक को बताया अपनी मेहनत का नतीजा
अपना पहला वनडे शतक लगाने के बाद संजू सैमसन ने कहा कि, “मैं वास्तव में बहुत भावुक महसूस कर रहा हूं। मैं इस शतक को हासिल करके बहुत खुश हूं। मैं शारीरिक और मानसिक रूप से बहुत मेहनत कर रहा हूं और अब मुझे खुशी भी है कि नतीजे मेरे अनुकूल आए हैं।“
संजू ने बताया- कैसे तिलक के साथ पारी को आगे बढ़ाया
इसके बाद संजू सैमसन ने आगे कहा कि, “दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजों ने नई गेंद से वास्तव में अच्छी गेंदबाजी की। पुरानी गेंद के धीमी होते जाने के कारण बल्लेबाजी करना अधिक कठिन होता जा रहा था। केएल के आउट होने के बाद, उनके पास मोमेंटम था। महाराज बहुत अच्छी गेंदबाजी कर रहे थे। लेकिन मैं और तिलक डटे रहे और आखिरी में सब कुछ हमारे पक्ष में गया। हम आज एक अतिरिक्त ऑलराउंडर के साथ खेल रहे थे। इसलिए मैंने और तिलक ने फैसला किया था कि हमें 40वें ओवर से तेज बल्लेबाजी करना शुरू कर देंगे।“