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BCCI: अमित शाह के बेटे जय शाह और अध्यक्ष सौरभ गांगुली के पक्ष में SC का बड़ा फैसला
BCCI: देश की सर्वोच्च न्यायालय ने बीसीसीआई को बोर्ड के सविधान में अमेंडमेंट करने की इजाजत दे दी है। जिसके बाद अमित शाह के बेटे सचिव जय शाह और अध्यक्ष सौरभ गांगुली का तीन साल पद पर बने रहना तय हो गया है।
BCCI President Sourav Ganguly and Secretary Jay Shah (image social media)
Supreme Court Relief to BCCI: बीसीसीआई के पक्ष में देश की सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट ने एक जरूरी फैसला सुनाया है। इस फैसले से देश के गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह और सौरभ गांगुली को राहत देने का काम किया है। सुप्रीम कोर्ट से इस राहत के बाद अब सौरव गांगुली अब अगले तीन साल तक बीसीसीआई के अध्यक्ष बने रह सकते हैं। इसके अलावा जय शाह का भी अगले तीन साल तक बीसीसीआई सचिव बने रहना तय हो गया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से अब बीसीसीआई को बोर्ड के सविधान में अमेंडमेंट करने की इजाजत मिल गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने किया यह फैसला
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को अपने एक अहम फैसले में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड में प्रस्तावित परिवर्तनों को स्वीकार कर लिया है। यह परिवर्तन वर्तमान बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह को उनके कार्यकाल को बढ़ाने की अनुमति देगी। इन दोनों लोग का पहला कार्यकाल इस महीने की शुरुआत में बीसीसीआइ के संविधान में 'कूलिंग ऑफ पीरियड' क्लॉज के कारण खत्म हो गया था।
जय शाह और सौरभ गांगुली को राहत
सुप्रीम कोर्ट में बीसीसीआइ के अध्यक्ष सौरभ गांगुली और सचिव जय शाह के कार्यकाल को बढ़ाने की याचिका पर सुनवाई पूरी हो गई है। इस फैसले के बाद अब BCCI में लगातार दो बार यानी की 6 साल तक पद पर बने रहने पर तीन साल का कूलिंग ऑफ पीरियड होगा। अब पदाधिकारियों के पास BCCI और किसी राज्य एसोसिएशन में एक बार में अधिकतम 12 साल का कार्यकाल हो सकता है।
इस बैंच ने सुनाया यह फैसला
इस फैसले की सुनवाई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने की। इस अर्जी में बीसीसीआई ने मांग की थी, कि इसके नए संविधान में संशोधन की इजाजत दी जाए ताकि इसके प्रशासकों को तीन साल के कूलिंग ऑफ पीरियड के प्रावधान को खत्म किया जा सके। अदालतों के पहले के आदेशों के अनुसार, संविधान में कुछ संशोधन किए गए थे।