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सौरव गांगुली को एंजियोप्लास्टी के बाद अस्पताल से मिली छुट्टी,डॉक्टरों ने दी ये हिदायत

इस साल सौरव गांगुली की दो बार एंजियोप्लास्टी हो चुकी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार गांगुली को इस महीने की शुरुआत में 2 जनवरी को हार्ट अटैक आया था जिसके बाद उनकी एंजियोप्लास्टी की गई थी।

Aditya Mishra
Published on: 31 Jan 2021 7:10 AM GMT
सौरव गांगुली को एंजियोप्लास्टी के बाद अस्पताल से मिली छुट्टी,डॉक्टरों ने दी ये हिदायत
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दिल का दौरा पड़ने पर 1 से डेढ़ घंटे का समय बेहद महत्वपूर्ण होता है और यदि इस समय सीमा के भीतर एंजियोप्लास्टी हो जाए तो मरीज की जान बचाई जा सकती है।

कोलकाता: बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली की तबीयत अब ठीक है। एंजियोप्लास्टी होने के बाद उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।

डॉक्टरों ने उन्हें एक हफ्ते तक पूरी तरह से बेड रेस्ट करने की हिदायत दी है। बता दें कि सौरव गांगुली को हाल ही हार्ट अटैक आया था। जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

उनकी धमनी में ब्लाकेज दूर करने के लिए एंजियोप्लास्टी की गई थी। पहली बार एंजियोप्लास्टी के बाद सौरव गांगुली काफी स्वस्थ्य नजर आए थे और उन्होंने आईपीएल की तैयारियों की समीक्षा की थी। लेकिन दोबारा तबीयत खराब होने के बाद उन्हें फिर से अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

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Sourav Ganguly सौरव गांगुली को एंजियोप्लास्टी के बाद अस्पताल से मिली छुट्टी,डॉक्टरों ने दी ये हिदायत(फोटो: सोशल मीडिया)

इस साल दो बार हो चुकी है गांगुली की एंजियोप्लास्टी

इस साल गांगुली की दो बार एंजियोप्लास्टी हो चुकी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सौरव गांगुली को इस महीने की शुरुआत में 2 जनवरी को हार्ट अटैक आया था जिसके बाद उनकी एंजियोप्लास्टी की गई थी।

यह एंजियोप्लास्टी कोलकाता के वुडलैंड्स हॉस्पिटल में की गई थी। 27 जनवरी को सौरव गांगुली की तबीयत एक बार फिर बिगड़ गई जिसके बाद उन्हें कोलकाता के अपोलो हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। वह यहां क्रिटिकल केयर यूनिट(सीसीयू) में एडमिट किए गए थे।

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Saurav Ganguli सौरव गांगुली को एंजियोप्लास्टी के बाद अस्पताल से मिली छुट्टी,डॉक्टरों ने दी ये हिदायत(फोटो: सोशल मीडिया)

क्या है कोरोनरी एंजियोप्लास्टी?

डॉक्टरों के मुताबिक एंजियोप्लास्टी कोई बहुत बड़ी सर्जरी नहीं है। इसे कैथेटर (पतली ट्यूब) के माध्यम से किया जाता है।

सामान्य रूप से ऐसा माना जाता है कि दिल का दौरा पड़ने पर 1 से डेढ़ घंटे का समय बेहद महत्वपूर्ण होता है और यदि इस समय सीमा के भीतर एंजियोप्लास्टी हो जाए तो मरीज की जान बचाई जा सकती है।

कोलेस्ट्रॉल के जमने, कोशिकाओं या अन्य पदार्थ जिन्हें प्लाक कहते हैं की वजह से व्यक्ति के हृदय की धमनियां अवरुद्ध या संकुचित हो जाती हैं।

जिसके कारण खून का प्रवाह कम हो जाता है और छाती में दर्द या असहजता महसूस होने लगती है। कई बार तो खून के थक्के भी जम जाते हैं जो पूरी तरह से खून के प्रवाह को रोक देते हैं और इसकी वजह से व्यक्ति को हार्ट अटैक आता है।

कोरोनरी एंजियोप्लास्टी अवरुद्ध धमनियों को खोलता है और मरीज के हृदय की मांसपेशियों में सामान्य रक्त प्रवाह को पुनर्स्थापित करता है।

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