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Sunil Gavaskar Birthday: जब गोरखपुर के नदीम ने गावस्कर को तीन बार आऊट किया, ईनाम में नौकरी और बल्ला मिला
Sunil Gavaskar Birthday: गोरखपुर यूनिवर्सिटी के कप्तान और चमकते सितारे हसन नदीम का मुकाबला लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर से हुआ था।
Sunil Gavaskar Birthday: विश्व कप जीतने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के कई सितारे गोरखपुर पहुंचे थे। तब सितारों संग सिंगल क्रिकेट टुर्नामेंट में लोकल सितारों की भिडंत हुई थी। तब गोरखपुर यूनिवर्सिटी के कप्तान और चमकते सितारे हसन नदीम का मुकाबला लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर से हुआ था। तब नदीम ने गावस्कर को तीन बार आउट किया। गावस्कर ने खुश होकर नदीम को अपना बल्ला भेंट किया था। इसके बाद उन्हें पूर्वोत्तर रेलवे में नौकरी भी मिल गई।
बात 22 मार्च 1982 की है। क्रिकेट प्रेमियों के बुलावे पर सुनील गावस्कर, कपिल देव, संदीप पाटिल, मदन लाल सहित वर्ल्ड कप क्रिकेट 1983 की विजेता टीम के ज्यादातर खिलाड़ियों ने सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम गोरखपुर में मैच खेला था। सिंगल क्रिकेट टूर्नामेंट में गोरखपुर से तीन चमकते क्रिकेटर हसन नदीम, प्रेम शाही और परवेज हसन ने हिस्सा लिया था। सिंगल क्रिकेट में हसन नदीम का मुकाबला सुनील गावस्कर से था। गावस्कर नदीन की स्पिन गेदबाजी के सामने तीन बार आउट हुए। नदीम ने क्वार्टर फाइनल जीत लिया था। गावस्कर ने खुश होकर नदीम को अपना बल्ला ईनाम में दे दिया। तत्कालीन डीएम की सिफारिश से तीनों खिलाड़ियों को रेलवे में नौकरी मिल गई।
डीएम ने बुलाया था खिलाड़ियों को
तब गोरखपुर के डीएम बीएम बोहरा हुआ करते थे। क्रिकेट के शौकिन डीएम से क्रिकेटरों ने मुलाकात की थी। उनसे अनुरोध किया था कि कुछ बड़े मैच कराएं ताकि वे अपनी प्रतिभा दिखा सकें। डीएम ने कहा कि तुम तैयारी करो, हम पूरी भारतीय टीम बुला देंगे। सपना साकार हुआ और 22 मार्च 1982 को सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम में भारतीय टीम के सितारे पहुंचे। हसन नदीम बताते हैं कि मेरा पहला मैच भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान सैयद किरमानी से पड़ा था लेकिन सैयद किरमानी के पिताजी का निधन हो गया इसलिए वह नहीं आ सके। इसके बाद मेरा मैच भारतीय टीम में वैकल्पिक रूप से विकेटकीपर जुल्फिकार से पड़ा। मैंने पहले मैच में जुल्फिकार को हरा दिया।
गावस्कर को तीन बार आऊट किया
फिर मुझसे डीएम ने कहा कि अब किससे खेलोगे। मैंने कहा सुनील गावस्कर या कपिल देव से। तब उन्होंने सुनील गावस्कर से मेरा मैच कराया। मैंने पहले बल्लेबाजी की 3 ओवर का मैच था। एक बार आउट होने पर 4 रन की कटौती थी। मैंने कुल 3 ओवर में 28 रन बनाए। 2 बार आउट हुआ तो 8 रन मेरे काट लिए गए। इस तरह गावस्कर को 20 रन का लक्ष्य मिला। मेरा सौभाग्य था कि मैंने पहले ही ओवर में गावस्कर को आउट कर दिया। मेरे लिए फील्डिंग रवि शास्त्री ने सजाई थी। गावस्कर को मैंने 3 ओवर में 3 बार आउट किया। उनका अंक घटकर 12 रह गया और मुझे उनसे मैं जीतने का गौरव हासिल हुआ।
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