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T20 World Cup: टॉस जीतने वाले कप्तानों को हो रहा जबर्दस्त फायदा, सुपर-12 के मैचों के नतीजों से हुई पुष्टि
T20 World Cup: T20 विश्व कप सुपर-12 राउंड में अभी तक खेले गए 7 मैचों में देखा गया कि टॉस जीतने वाली टीम को जबर्दस्त फायदा हो रहा है। 7 मैचों में से 6 मैचों के नतीजे पहले फील्डिंग करने वाली टीम के पक्ष में रहे हैं।
T20 World Cup: T20 विश्व कप में अभी तक सुपर-12 राउंड (T20 World Cup Super 12) में खेले गए सात मैचों में एक खास बात उभरकर सामने आई है। इन मैचों के नतीजों से साफ हो गया है कि यूएई की मौजूदा कंडिशंस में पहले फील्डिंग करने वाली टीम को फायदा हो रहा है। सुपर-12 राउंड में अभी तक खेले गए सात मैचों से इस बात की पुष्टि होती है। इनमें से छह मैचों के नतीजे पहले फील्डिंग करने वाली टीम के पक्ष में रहे हैं। सिर्फ एक मैच में उस टीम को जीत हासिल हुई है जिसने पहले बैटिंग की थी। उस मैच के नतीजे को इसलिए महत्वपूर्ण नहीं माना जा रहा है क्योंकि उसमें अफगानिस्तान की मजबूत टीम ने स्कॉटलैंड की टीम को 130 रनों से हराया था।
स्कॉटलैंड की टीम को इस बार के विश्व कप में काफी कमजोर माना जा रहा है। विश्व कप के मैचों के साथ ही यदि आईपीएल के दूसरे चरण के मैचों के नतीजों को देखा जाए तो भी इस तथ्य की पुष्टि होती है।
कोहली भी पहले करना चाहते थे फिल्डिंग
भारत और पाकिस्तान (India Vs Pakistan) के बीच रविवार को खेले गए मैच में पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम ने टॉस जीता था और पहले क्षेत्ररक्षण करने का फैसला किया था। बाद में जब टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) से टॉस के संबंध में पूछा गया तो उनका कहना था कि यदि वे टॉस जीतने में कामयाब हुए होते तो वे भी पहले फील्डिंग ही लेते।
मंगलवार को शारजाह में न्यूजीलैंड और पाकिस्तान की टीम का मुकाबला हुआ था और इस मुकाबले में भी पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम टॉस जीतने में सफल रहे। टॉस जीतने के बाद उन्होंने एक बार फिर पहले क्षेत्ररक्षण करने का फैसला किया। दूसरी ओर न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन (Kane Williamson) का मानना था कि यदि वे टॉस जीतते तो पहले फील्डिंग ही लेते। कोहली और विलियमसन का यह बयान इस बात का बड़ा संकेत माना जा रहा है कि यूएई में पहले फील्डिंग करने का फैसला ज्यादा फायदेमंद साबित हो रहा है और इसका ठोस कारण भी बताया जा रहा है।
धीमी पिच पर बड़ा टारगेट सेट करना मुश्किल
क्रिकेट के जानकारों का कहना है कि दुबई, शारजाह और अबू धाबी (Dubai, Sharjah, Abu Dhabi) में पहले बैटिंग करने वाली टीमों के लिए बड़ा स्कोर बना पाना मुश्किल साबित हो रहा है। दुबई के मैदान में रविवार को टीम इंडिया 151 रनों का स्कोर ही बना सकी थी जबकि शारजाह में मंगलवार को न्यूजीलैंड की टीम 135 रनों का स्कोर ही खड़ा कर सकी। इन सात मैचों में से सिर्फ दो मैच में पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम 170 रन से ज्यादा बनाने में कामयाब हो सकी। जानकारों के मुताबिक धीमी पिच पर पहले बैटिंग करने वाली टीम के बल्लेबाजों को तेजी से रन बनाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और यही कारण है कि वे बड़ा स्कोर नहीं बना पा रहे हैं।
ओस ने पैदा की गेंदबाजों के लिए दिक्कत
इसके साथ ही बाद में बॉलिंग करने वाली टीम के गेंदबाजों को ओस के कारण काफी दिक्कतें हो रही हैं। यूएई में 15 अक्टूबर के बाद ही रात के समय काफी ओस गिरने लगती है। ओस के कारण बॉल के बार-बार गीली हो जाने के कारण गेंदबाजों को ग्रिप बनाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है और बल्लेबाजों को इसका खूब फायदा मिल रहा है।
गेंदबाज सही लाइन और लेंथ पर गेंद नहीं फेंक पा रहे हैं जिससे बल्लेबाज अपने शॉट्स खेलने में कामयाब होते दिख रहे हैं। मैदान में केमिकल का इस्तेमाल करके ओस का असर कम करने की कोशिश भी की जा रही है मगर अभी तक इसका कोई खास असर पड़ता नहीं दिख रहा है।
आईपीएल में भी दिखा था यही ट्रेंड
विश्व कप के मुकाबलों से पहले यूएई में आईपीएल के दूसरे चरण के मैच भी आयोजित किए गए थे। इन मैचों के नतीजों से भी इस बात की पुष्टि हुई कि बाद में बैटिंग करने वाली टीमों को फायदा हुआ। यदि आईपीएल के 31 मैचों के नतीजों का विश्लेषण किया जाए तो इनमें से 21 मैच ऐसी टीमों ने जीते जिन्होंने पहले क्षेत्ररक्षण किया था। वैसे आईपीएल के फाइनल मुकाबले का नतीजा इसका अपवाद जरूर रहा जहां पहले बल्लेबाजी करने वाली चेन्नई सुपर किंग्स की टीम ने जीत हासिल की थी।
टॉस जीतने के मामले में टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) की किस्मत मौजूदा कप्तान विराट कोहली से ज्यादा मजबूत मानी जाती थी। देखने वाली बात यह होगी कि अगले मैचों में टॉस जीतने के मामले में किस्मत विराट का साथ देती है या नहीं।