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IND vs SL: टीम इंडिया के कप्तान सूर्यकुमार यादव क्रिकेट को नहीं मानते जिंदगी, जानें सूर्या के लिए क्या है क्रिकेट का खेल?
IND vs SL: भारतीय क्रिकेट टीम के नए टी20 कप्तान सूर्यकुमार यादव की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई। जिसमें उन्होंने क्रिकेट के खेल के अपने जीवन पर पड़े प्रभाव के बारे में बताया
IND vs SL: भारतीय क्रिकेट टीम श्रीलंका के दौरे पर आज से टी20 सीरीज का आगाज करने जा रही है। इस दौरे पर टीम इंडिया के लिए सूर्यकुमार यादव को नया टी20 कप्तान बनाया गया है। रोहित शर्मा के टी20 फॉर्मेट से संन्यास लेने के बाद सूर्यकुमार यादव पर कप्तानी के लिए टीम मैनेजमेंट ने भरोसा दिखाया है। ऐसे में सूर्या अब पहली बार परमानेंट कप्तान बनने के सफर की शुरुआत करने जा रहे हैं। कप्तान बनने के बाद सूर्यकुमार यादव की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई। जहां उन्होंने क्रिकेट के खेल पर बड़ी बात कही।
सूर्यकुमार यादव ने बताया क्रिकेट का खेल उनके जीवन में क्या है
क्रिकेट को खेल को हर कोई क्रिकेटर अपना जीवन मानता है। बहुत से ऐसे क्रिकेटर आपने देखे होंगे, जो कहते हैं क्रिकेट ही जिंदगी है। लेकिन इस बारे में सूर्यकुमार यादव कुछ अलग सोचते हैं। टीम इंडिया के नए टी20 कप्तान सूर्या क्रिकेट को जिंदगी नहीं बल्कि जिंदगी का हिस्सा मानते हैं। साथ ही सूर्यकुमार यादव ने क्रिकेट को लेकर दिल छू लेने वाली बात कही, जहां उन्होंने बताया कि क्रिकेट के खेल ने उन्हें मैदान में और मैदान के बाहर विनम्र रहना सीखाया है।
सूर्या ने माना क्रिकेट ने जीवन में विनम्र रहना सीखाया
मैच के पहले दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय टीम के नए टी20 कप्तान सूर्यकुमार यादव ने कहा कि, “क्रिकेट से जो सबसे अहम चीज उन्होंने सीखी वो ये है कि आप कितने विनम्र रहते हो, जब आप कुछ हासिल कर लो या जब अब अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हो, इस दौरान आप कितने विनम्र रहते हो, ये बात मैंने इस खेल से सीखी है। साथ ही उन्होंने आगे कहा कि जब आप मैदान पर कुछ करते हो तो उसे मैदान पर ही छोड़कर जाना चाहिए, मैदान के बाहर इसे नहीं ले जाना है।“
सूर्यकुमार यादव क्रिकेट को जीवन नहीं बल्कि मानते हैं जीवन का हिस्सा
इसके बाद सूर्यकुमार यादव ने आगे कहा कि “आप क्रिकेट के मैदान पर जो कुछ भी कर रहे वो आपकी जिंदगी नहीं है बल्कि जिंदगी का हिस्सा है। ये आपका जीवन नहीं है, ये आपके जीवन का हिस्सा है। इसलिए ऐसा नहीं है कि जब आप अच्छा कर रहे हो तो टॉप पर रहोगे और जब अच्छा नहीं कर रहे होगे तो अंडरग्राउंड रहेंगे. ये चीज आपको एक स्पोर्ट्समैन के तौर पर नहीं करनी चाहिए, इससे ही मुझे जीवन में संतुलन बनाने में मदद मिलती है।“