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Tokyo Olympic 2020: टोक्यो ओलंपिक में पीवी सिंधु ने रचा इतिहास, चीनी खिलाड़ी को हराकर जीता कास्य पदक

Tokyo Olympic 2020: पीवी सिंधु ने टोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन के दम पर कांस्य पदक जीत लिया है।

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Newstrack NetworkPublished By Dharmendra Singh
Published on: 1 Aug 2021 6:20 PM IST (Updated on: 1 Aug 2021 7:00 PM IST)
Tokyo Olympics: फाइनल की रेस से बाहर हुईं पीवी सिंधु, लेकिन अभी भी जीत सकती हैं मेडल
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पीवी सिंधु (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Tokyo Olympic 2020: भारतीय स्टार शटलर पीवी सिंधु ने टोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन के दम पर कांस्य पदक जीत लिया है। रविवार को ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में उन्होंने वर्ल्ड नंबर-9 चीन की हे बिंग जियाओ को हराकर यह पदक अपने नाम कर लिया और इतिहास रच दिया।

सिंधु ने हे बिंग जियाओ को 21-13, 21-15 से करारी शिकस्त दी। पीवी सिंधु ओलंपिक खेलों में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं। पीवी सिंधु ने साल 2016 में रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता था।

सिंधु ने शुरू से ही बिंग जियाओ के खिलाफ बढ़त बनाकर रखा और कामयाबी हासिल कर ली। टोक्यो ओलंपिक में भारत को यह दूसरा पदक हासिल हुआ। पहला मेडल वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने सिल्वर मेडल जीतकर भारत के खाते में डाला था। इससे पहले पीवी सिंधु सेमीफाइनल मैच में हार गई थीं और फाइनल में जगह नहीं बना पाईं। गोल्ड जीतने की रेस से बाहर हुई सिंधु ने ब्रॉन्ज जीतकर इतिहास रच दिया है।


पीवी सिंधु का करियर

पीवी सिंधु का पूरा नाम पुसरला वेंकट सिंधु है। इनका जन्म हैदराबाद (आंध्र प्रदेश) में 5 जुलाई 1995 में हुआ। पीवी सिंधु के माता-पिता पीवी रमण और पी विजया एक प्रोफेशनल वॉलीबॉल खिलाड़ी थे। कहा जाता है कि बचपन से पीवी सिंधु का रुझाव बैडमिंटन की ओर था। जब वह महज 8 साल की थी तो वह बैडमिंटन खेलना शुरू कर दी।
बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु की करियर की शुरुआत हो महज 8 साल की उम्र में हो गया था। कहा जाता है कि पीवी सिंधु ने 2001 के ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियन बने पुलेला गोपीचंद से प्रभावित होकर बैडमिंटन को अपना करियर चुना। बैडमिंटन में आने के लिए सबसे पहले पीवी सिंधु ने सिकंदराबाद स्थित इंडियन रेलवे सिग्नल इंजीनियरिंग और दूर संचार के बैडमिंटन कोर्ट में महबूब अली से बारीकिया सीखी। इसके बाद पीवी सिंधु ने पुलेला गोपीचंद के गोपीचंद बैडमिंटन अकादमी में दाखिला ले लिया। पीवी सिंधु भारत की ओर से खेलने वाली ओलंपिक खेलों में महिला बैडमिंटन सिंगल्स में पहली महिला खिलाड़ी है जिन्होंने रजद पद अपने नाम किया।















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