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Tokyo Olympics में होगा भारतीय महिलाओं का दबदबा, 50 से ज्यादा महिलाएं लेंगी हिस्सा

Tokyo Olympics: इस बार टोक्यो ओलंपिक में भारत से 69 पुरुष और 55 महिलाएं हिस्सा लेंगी। यह लगातार दूसरा ओलंपिक होगा जिसमें भारत की ओर से 50 से ज्यादा महिलाएं हिस्सा लेंगी।

Ranjana Kahar
Written By Ranjana KaharPublished By Shreya
Published on: 14 July 2021 10:13 AM GMT
Tokyo Olympics में होगा भारतीय महिलाओं का दबदबा, 50 से ज्यादा महिलाएं लेंगी हिस्सा
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टोक्यो ओलंपिक (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Tokyo Olympics: महिला आज कल किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं है। बात अगर खेल की करें तो इस बार टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics 2020) में भारत से 69 पुरुष और 55 महिलाएं हिस्सा लेंगी। यह लगातार दूसरा ओलंपिक होगा जिसमें भारत की ओर से 50 से ज्यादा महिलाएं हिस्सा लेंगी। इससे पहले रियाे ओलंपिक (Rio Olympic 2016) में देश की 54 महिला एथलीटों ने हिस्सा लिया था।

इन सभी आंकड़ों को देखने के बाद अंदाजा लगाया जा सकता है कि खेलों में भारतीय महिलाओं (Indian Women Athletes) की शक्ति बढ़ रही है। पिछले कुछ सालों में इस मामले में कितना बड़ा अंतर सामने आया है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारत ने साल 1900 से 1988 तक 17 ओलंपिक में हिस्सा लिया और इनमें देश की ओर से कुल सिर्फ 44 महिलाओं ने हिस्सा लिया।

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

9 ओलिंपिक में भारत से एक भी महिला खिलाड़ी नहीं

भारत ने अब तक 24 ओलंपिक गेम्स (Olympic Games) में हिस्सा लिया है। इनमें से 9 में देश की ओर से एक भी महिलाओं ने हिस्सा नहीं लिया। इनमें आजादी से पहले 5 (1900, 1920, 1928, 1932, 1936) और आजादी के बाद के 4 ओलंपिक गेम्स (1948, 1960, 1968 और 1976) शामिल हैं। इनके अलावा 3 ओलंपिक गेम्स (1956, 1964 और 1972) में भारत से सिर्फ 1-1 महिला एथलीट ही ओलंपिक में हिस्सा ले पाईं।

भारत की ओर से 2016 तक सिर्फ 7 ओलंपिक गेम्स में 10 या इससे ज्यादा महिलाएं हिस्सा ले पाई हालांकि, मास्को में हुए उस ओलंपिक का अमेरिका की अगुवाई वाले ब्लॉक के 60 से ज्यादा देशों ने बहिष्कार किया था। इसका फायदा भारतीय महिला एथलीटों को हुआ। 1984 में सोवियत ब्लॉक के बहिष्कार के कारण 10 भारतीय महिलाओं को मौका मिला। 1988, 1992 और 1996 में भारतीय महिलाओं का प्रतिनिधित्व सिंगल डिजिट में रहा।

ओलंपिक में भागीदारी के मामले में भारतीय महिलाओं की स्थिति साल 2000 में सिडनी में हुए ओलंपिक से सुधरी है। तब 19 भारतीय महिलाओं ने इस मेगा इवेंट में हिस्सा लिया। 2004 और 2008 में 25-25 भारतीय महिलाएं ओलंपिक में गईं। 2012 में देश की 23 महिलाएं ओलंपिक में खेलीं। 2016 से आंकड़ा 50 के पार जा रहा है।

साक्षी मलिक और पीवी सिंधु (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

महिलाओं ने दिलाए मेडल

भारतीय महिलाएं अब मेडल जीतने में भी पुरुषों को बराबरी की टक्कर दे रही हैं। पिछले दो ओलंपिक गेम्स में भारत ने कुल 8 मेडल जीते। इनमें से 4 मेडल महिलाओं ने दिलाए। रियो ओलंपिक (2016) में तो भारत के दोनों मेडल महिला खिलाड़ियों (पीवी सिंधु और साक्षी मलिक) ने जीते। भारत की ओर से महिला एथलीटों ने कुल 5 मेडल जीते हैं। इसकी शुरुआत 2000 सिडनी ओलंपिक में वेटलिफ्टर कर्णम मल्लेश्वरी ने की थी।

ओलंपिक में अमेरिका और चीन सबसे बड़ी शक्ति हैं। इनकी कामयाबी के पीछे भी महिलाओं का बड़ा हाथ है। रियो डि जेनेरो (2016) में हुए पिछले ओलंपिक गेम्स में अमेरिका और चीन दोनों के लिए महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा मेडल जीते। अमेरिका के लिए पुरुषों ने 18 गोल्ड सहित 56 मेडल जीते। वहीं, महिलाओं ने 27 गोल्ड सहित 61 मेडल जीते। चीन के लिए पुरुषों ने 12 गोल्ड सहित 28 मेडल जीते। वहीं, महिलाओं ने 14 गोल्ड सहित 41 मेडल जीते।

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