Tokyo Olympics: हॉकी टीम ने दिलाई स्वर्णिम दौर की याद, भारत जीत चुका है 8 गोल्ड सहित 11 मेडल

Tokyo Olympics: भारतीय हॉकी टीम (Indian Hockey Team) ने टोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करते हुए ग्रेट ब्रिटेन को 3-1 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बना ली है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Chitra Singh
Published on: 2 Aug 2021 5:49 AM GMT
Indian Hockey Team
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भारतीय हॉकी टीम (डिजाइन फोटो- @KirenRijiju Twitter)

Tokyo Olympics: भारतीय हॉकी टीम (Indian Hockey Team) ने टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में शानदार प्रदर्शन करते हुए ग्रेट ब्रिटेन (India vs Great Britain) को 3-1 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बना ली है। भारतीय हॉकी टीम 49 साल बाद ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची है। भारतीय हॉकी टीम की जीत में गोलकीपर पीआर श्रीजेश (Sreejesh Parattu Raveendran) की भूमिका को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि श्रीजेश ने चार बेहतरीन बचाव करते हुए ब्रिटेन को भारत से आगे निकलने से रोक दिया। भारत की ओर से दिलप्रीत सिंह, गुरुज॔त सिंह और हार्दिक सिंह ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए तीन गोल दागे और विपक्षी टीम को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया।

भारतीय हॉकी टीम के शानदार प्रदर्शन के बाद हॉकी स्पर्धा में भी भारत के मेडल जीतने की उम्मीदें काफी बढ़ गई हैं। भारतीय खिलाड़ियों के जोरदार खेल ने उस स्वर्णिम दौर की भी यादें ताजा कर दी हैं जब पूरी दुनिया के लोग भारतीय हॉकी टीम के शानदार प्रदर्शन के मुरीद थे। भारतीय हॉकी टीम ने 1928 के ओलंपिक में पहला गोल्ड मेडल जीता था और उसके बाद 1956 तक भारत हॉकी स्पर्धा में लगातार छह ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब रहा।

आखिरी बार 1980 में दिखाया था कमाल

रविवार को भारतीय टीम 49 साल बाद ओलंपिक के सेमीफाइनल राउंड में पहुंचने में कामयाब हुई। 1972 के म्यूनिख ओलंपिक के बाद भारतीय हॉकी टीम पहली बार सेमीफाइनल दौर में पहुंचने में सफल हुई है। इसके पहले भारत ने आखिरी बार 1980 के मास्को ओलंपिक (Moscow Olympics 1980) में गोल्ड मेडल जीता था। लेकिन मास्को ओलंपिक में राउंड रॉबिन आधार पर मुकाबला आयोजित किया गया था।

उस ओलंपिक के दौरान भारत ने छह टीमों के पूल में दूसरे स्थान पर रहने के बाद फाइनल का टिकट हासिल किया था और आखिरकार वासुदेवन भास्करन की अगुवाई में भारतीय टीम आखिरी बार गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब हुई थी। उसके बाद 1984 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक के दौरान भारतीय टीम पांचवें स्थान पर रही थी। उसके बाद भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन में लगातार गिरावट आती गई मगर इस बार 1980 के 41 साल बाद भारतीय टीम के एक बार फिर पदक जीतने की उम्मीद जगी है।

मेजर ध्यानचंद ने अकेले दागे थे 14 गोल

वैसे हॉकी के क्षेत्र में भारत का काफी स्वर्णिम इतिहास रहा है। ओलंपिक के इतिहास में भारत ने पहली बार एम्सटर्डम ओलंपिक में 1928 में गोल्ड मेडल जीता था। उस समय भारत की टीम में हॉकी के जादूगर माने जाने वाले मेजर ध्यानचंद (Major Dhyan Chand) खेला करते थे और उन्होंने उस ओलंपिक के दौरान कमाल का प्रदर्शन किया था।

भारतीय टीम ने पांच मैचों के दौरान 29 गोल दागे थे जिसमें से अकेले मेजर ध्यानचंद ने 14 गोल दागकर विपक्षी टीमों को हतप्रभ कर दिया था। फाइनल मुकाबले के दौरान मेजर ध्यानचंद ने नीदरलैंड के खिलाफ हैट्रिक लगाकर टीम इंडिया को गोल्ड मेडल दिलाया था।

मेजर ध्यानचंद (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

भारत ने जीता था लगातार छह गोल्ड मेडल

मेजर ध्यानचंद हॉकी के ऐसे जादूगर थे जिनके खेल की पूरी दुनिया दीवानी थी। जर्मनी का तानाशाह एडोल्फ हिटलर भी भारत और खासकर मेजर ध्यानचंद के खेल का गजब का फैन था। 1928 में हॉकी में ओलंपिक का पहला गोल्ड मेडल जीतने के बाद भारतीय टीम ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और 1956 के ओलंपिक (Melbourne Olympics 1956) खेलों तक लगातार छह गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। उस दौर में भारत की हॉकी टीम ने इतना गजब का प्रदर्शन किया था कि उसे भारतीय हॉकी का स्वर्णिम दौर कहा जाता है।

बाद के दिनों में भी किया अच्छा प्रदर्शन

1956 के ओलंपिक खेल में गोल्ड मेडल जीतने के बाद भारत की हॉकी टीम ने 1960 के ओलंपिक खेलों के दौरान सिल्वर मेडल जीता था। बाद के दिनों में भारत 1964 और 1980 के ओलंपिक खेलों में भी गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब रहा जबकि 1968 और 1972 के ओलंपिक खेलों में भारतीय टीम को कांस्य पदक हासिल हुआ था।

भारतीय हॉकी टीम ने अपना आखिरी गोल्ड मेडल 1980 के मास्को ओलंपिक खेलों में जीता था। उस समय भारतीय टीम में वाराणसी के रहने वाले मोहम्मद शाहिद कमाल के खिलाड़ी थे जिन्होंने अपने खेल से दुनिया के अन्य देशों की टीमों को चौंका दिया था।

ओलंपिक 1960 (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

हॉकी में फिर जगी पदक की आस

1980 के बाद मौजूदा टोक्यो ओलंपिक के दौरान भारतीय हॉकी टीम से एक बार फिर पदक की आस जगी है। इस बार भारतीय टीम ने सिर्फ ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ही खराब प्रदर्शन किया है। ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 7-1 के अंतर से हराया था। लेकिन उस मैच को छोड़कर भारतीय हॉकी टीम का प्रदर्शन काफी शानदार रहा है।

सेमीफाइनल में भारत को बेल्जियम का मुकाबला करना है। बेल्जियम की टीम मौजूदा समय में काफी ताकतवर मानी जाती है। विश्व चैंपियन बेल्जियम के खिलाफ जीत हासिल करने के लिए भारतीय टीम को पूरा दमखम लगाना होगा। दूसरे सेमीफाइनल में आस्ट्रेलिया का मुकाबला जर्मनी से होगा।

इन दोनों मुकाबलों में जीतने वाली टीमें फाइनल मुकाबले में भिड़ेंगी और वहां जीत हासिल करने वाली टीम गोल्ड मेडल की हकदार होगी। अब हर किसी की नजर ओलंपिक के सेमीफाइनल मुकाबले पर टिकी है और माना जा रहा है कि शानदार प्रदर्शन के बल पर भारत मौजूदा ओलंपिक में बड़ा उलटफेर करने में कामयाब हो सकता है।

Chitra Singh

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