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You Tube से ट्रेनिंग लेकर ओलंपिक तक पहुंचे नीरज चोपड़ा, ऐसा रहा सफर

Tokyo Olympics: भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने देश को भाला फेंक में पहला गोल्ड मेडल जीताया है।

Shreya
Published on: 7 Aug 2021 2:11 PM GMT
You Tube से ट्रेनिंग लेकर ओलंपिक तक पहुंचे नीरज चोपड़ा, ऐसा रहा सफर
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नीरज चोपड़ा (फोटो साभार- ट्विटर)

Tokyo Olympics: 7 अगस्त 2021 ये दिन इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। आज के दिन जापान की राजधानी टोक्यो में जारी खेलों के महाकुंभ में भारत ने जैवलिन थ्रो में पहला मेडल जीता है, वो भी गोल्ड। भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने देश को ये ऐतिहासिक पल दिया है, जिसे पूरी दुनिया याद रखेगी। 23 वर्षीय युवा जैवलिन थ्रोअर नीरज भाला फेंक खेल में मेडल जीतने वाले पहले भारतीय और ओलिंपिक की व्यक्तगित प्रतिस्पर्धा में सोना जीतने वाले इतिहास के दूसरे भारतीय बन गए हैं।

बता दें कि ओलंपिक के इतिहास में अब तक भारत ने ट्रैक और फील्ड एथलेटिक्स में मेडल नहीं जीता था, लेकिन नीरज चोपड़ा ने एक नया इतिहास गढ़ दिया है अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से। ओलंपिक की व्यक्तिगत स्पर्धा में भारत को 13 साल बाद दूसरा गोल्ड मिला। पहली बार दिग्गज शूटर अभिनव बिंद्रा ने बीजिंग ओलंपिक 2008 में भारत को गोल्ड मेडल जीताया था। बता दें कि नीरज आर्मी का हिस्सा रह चुके हैं।

नीरज चोपड़ा (फाइल फोटो - ट्विटर)

नीरज चोपड़ा के कोच कौन हैं?

आज देश का आन बान शान बन चुके नीरज चोपड़ा को हर भारतीय सलाम कर रहा है। लेकिन क्या आपको पता है कि ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करने वाले नीरज चोपड़ा ने कहां से जैवलिन थ्रो की ट्रेनिंंग ली। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि उनका गुरु कोई शख्स नहीं बल्कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म You Tube है। जी हां, नीरज ने You Tube पर वीडियो देख भाला फेंकने की ट्रेनिंग ली है। नीरज रोज यूट्यूब पर वीडियो देख ट्रेनिंग करते थे और यमुनानगर में ट्रेनिंग करने लगे।

7 हजार के भाले से की ट्रेनिंग की शुरुआत

लेकिन इस ट्रेनिंग के लिए भी नीरज को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। गरीब परिवार से ताल्लुक रखने की वजह से इस खेल को जारी रखना काफी मुश्किल था। नीरज एक किसान परिवार के हैं और घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से उन्हें भाला खरीदने में काफी मुश्किल हुई।

किसी तरह नीरज चोपड़ा को अपना पहला भाला मिला, जिसकी कीमत 7 हजार रही। लेकिन आपको बता दें कि जेवलिन थ्रो के भाले की कीमत उस वक्त डेढ़ लाख रुपये थी। लेकिन उसी सस्ते भाले से नीरज के सपनों को उड़ान मिली और आज इसी बेटे ने भारत को हमेशा याद रखने वाला पल दे दिया है।

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