Tokyo Paralympics: विनोद कुमार का रोका गया कांस्य पदक, जानिए क्या है वजह

Tokyo Paralympics: पैरालंपिक में मेडल जीतने वाले डिस्कस थ्रो एथलीट विनोद कुमार का कांस्य पदक रोक दिया गया है।

Network
Newstrack NetworkPublished By Dharmendra Singh
Published on: 29 Aug 2021 6:24 PM GMT (Updated on: 29 Aug 2021 6:25 PM GMT)
Tokyo Paralympics 2020
X

विनोद कुमार (फोटो: सोशल मीडिया)

Tokyo Paralympics: टोक्यो पैरालिंपिक में रविवार को भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए तीन मेडल जीते थे। लेकिन अब जानकारी सामने आई है कि डिस्कस थ्रो एथलीट विनोद कुमार का कांस्य पदक रोक दिया गया है। बीएसएफ जवान विनोद कुमार को 19.91 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो से तीसरा स्थान मिला था। इसके साथ ही उन्होंने एशियाई रिकार्ड भी बनाया था।

जानिए क्या है मामला

डिस्कस थ्रो एथलीट विनोद कुमार ने पुरूषों की F52 प्रतियोगिता में कांस्य पदक अपने नाम किया था, लेकिन उनकी दिव्यांगता क्लासीफिकेशन का विरोध होने के बाद उनका मेडल रोक दिया गया है। विनोद का आयोजकों द्वारा 22 अगस्त को क्लासिफिकेशन किया गया था। अभी साफ नहीं हो पाया है कि किस आधार क्लासिफिकेशन का विरोध किया गया है। खेल के आयोजकों का कहना है कि पदक समारोह भी 30 अगस्त के शाम के सत्र तक स्थगित करने का निर्णय लिया गया है।

क्या है F52 प्रतियोगिता
41 वर्षीय विनोद कुमार F52 कैटेगरी में खेल रहे हैं। जिन ऐथलीट्स की मांसपेशियों में कमजोरी होती है उनको F52 कैटेगरी में शामिल किया जाता है।खिलाड़ी का मूवमेंट सीमित होता है, हाथों में कोई समस्या होती है और पैर की लंबाई में अंतर रहता है, तो इस प्रकार के खिलाड़ी व्हीलचेयर बैठकर अपना खेल खेलते हैं।

जानिए कब आएगा फैसला

भारतीय दल प्रमुख गुरशरण सिंह ने जानकारी दी है कि विनोद का रिजल्ट जो कांस्य पदक है, वो अभी भी बरकरार है और इस संबंध में फैसला सोमवार को आने की उम्मीद है, क्योंकि आज अब बहुत देर हो चुकी है।
BSF में थे विनोद कुमार विनोद कुमार बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) में तैनात थे। लेकिन बीएसएफ में भर्ती होने के सात महीने बाद ही एक हादसे में वह लकवा ग्रसित हो गए। इसके बाद वह जीवनभर चल-फिर नहीं सकते थे। उनको अपना जीवन व्हील चेयर पर बिताना था, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपने जीवन की नई राह चुनी। विनाद कुमार ने पैरालिंपिक कमेटी अध्यक्ष दीपा मलिक से प्रभावित हैं और उनसे ही प्रेरणा लेकर खेलना शुरू किया। साल 2019 वर्ल्ड पैरा एथलीट ग्रैड प्रिक्स में उन्होंने अपना पहला पदक (कांस्य) जीता था।




Dharmendra Singh

Dharmendra Singh

Next Story