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Wasim Akram: वसीम अकरम ने दी आमिर को चेतावनी, जानिए क्या है मामला

Wasim Akram: पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज आमिर अपने बयान की वजह से देश के क्रिकेटरों के निशाने पर आ गए हैं।

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Newstrack NetworkPublished By Dharmendra Singh
Published on: 28 May 2021 2:41 PM GMT (Updated on: 28 May 2021 2:42 PM GMT)
Wasim Akram
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किसी कार्यक्रम के दौरान वसीम अकरम (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)

Wasim Akram: पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज आमिर अपने बयान की वजह से देश के क्रिकेटरों के निशाने पर आ गए हैं। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान वसीम अकरम ने मोहम्मद आमिर पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर कोई खिलाड़ी अपने कोच का सम्मान नहीं करता है, तो उन्हें क्रोध आता है। अकरम ने कहा कि खिलाड़ियों और प्रशंसकों की आलोचना की वजह से पाकिस्तानी टीम प्रबंधन में शामिल नहीं होना चाहते हैं।

दुनिया के महान गेंदबाजों में वसीम अकरम गिनती की जाती है। लोग हैरान हैं कि आखिर वह पाकिस्तान के सपोर्ट स्टाफ में क्यों नहीं शामिल हैं। वकार यूनुस और मिस्बाह उल हक जैसे अन्य पूर्व क्रिकेटर सपोर्ट स्टाफ का हिस्सा हैं।
वसीम अकरम को मोहम्मद आमिर के बयान से निराश हुई है। मोहम्मद आमिर ने आरोप लगाते हुए कहा था कि मुख्य कोच मिस्बाह और गेंदबाजी कोच वकार पर उनको प्रताड़ित करते रहे और उनको पर्याप्त समर्थन नहीं दिया। इसके साथ ही आमिर ने कहा कि मिस्बाह और वकार यूनुस ने उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया। यह सभी आरोप लगाने के बाद आमिर ने बीते साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था।
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान ने कहा कि मैं कोई बेवकूफ नहीं हूं। मैं सोशल मीडिया पर नजर रखता हूं और देखता हूं कि कैसे कुछ खिलाड़ी अपने कोच और वरिष्ठ लोगों का अपमान करते हैं। उन्होंने कहा कि कोच मैच नहीं खेलने जा रहे हैं, खिलाड़ियों को खेलना होता है। एक कोच सिर्फ योजना बनाता है और अगर टीम की हार होती है, तो यह सिर्फ उसकी गलती नहीं है। मैं कोच के खिलाफ किया गया कोई बकवास बर्दाश्त नहीं कर सकता।

अकरम का बड़ा खुलासा

अकरम ने खुलासा करते हुए कहा कि उनके पास ज्यदातार समय पाकिस्तान टीम को देने के लिए नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर किसी टीम से जुड़ते हैं, तो साल में कम से कम 200-250 दिन देना पड़ा है और मैं इतने दिन अपने परिवार से दूर नहीं रह सकता। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि टीम के कोच की क्रिकेट फैंस बिल्कुल भी सम्मान नहीं करते हैं। इसके साथ ही टीम की हार के बाद कोच को काफी कुछ भला बुरा सुनने को मिलता है।

जिम्बाब्वे क्रिकेट टीम की हालत खराब

Zimbabwe Cricket: जिम्बाब्वे क्रिकेट इस समय आर्थिक संकट से गुजर रहा है। जिम्बाब्वे के बल्लेबाज रेयान बर्ल ने देश के क्रिकेट की हालत को बयां किया है। जिम्बाब्वे क्रिकेटरों को जूते की मरम्मत खुद करनी पड़ रही है। 27 वर्षीय क्रिकेटर ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर पोस्ट की है। इस पोस्ट में उन्होंने फटे हुए जूतों का दिखाया है।
उन्होंने टीम के लिए स्पाॅन्सर लाने की भावुक अपील की है। जिम्बाब्वे के क्रिकेटर रेयान बर्ल बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं। उन्होंने देश के लिए तीन टेस्ट, 18 एकदिवसीय अन्तरराष्ट्रीय और 25 टी20 अन्तरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। बर्ल ने अपने जूते की फोटो, गोंद और उसको ठीक करने के सामान की तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट की है।
दुनिया के कई क्रिकेटर स्पाॅन्सर से करोड़ो डॉलर की कमाई कर रहे हैं ऐसे बर्ल ने सोशल मीडिया पर सवाल किया है कि क्या कोई संभवाना है कि हमें भी कोई स्पाॅन्सर मिलेगा जिससे हमे हर सीरीज के बाद अपने जूतों को चिपकाना नहीं पड़ें। बर्ल के इस ट्विटर पर किए इस पोस्ट के जवाब में पूमा ने कहा कि गोंद को फेंक देने का वक्त आ गया है, हम आपकी मदद करेंगे।
1992 में जिम्बाब्वे का मिला टेस्ट का दर्ज जिम्बाब्वे को विश्व कप 1983 से पहले एकदिवसीय अन्तरराष्ट्री टीम का दर्जा मिली था जबकि 1992 में टीम टेस्ट को दर्जा प्रप्त हुआ। हालांकि जिम्बाब्वे की टीम बीते कुछ दिनों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुश्किलों का सामना कर रही है। जिम्बाब्वे को एलिस्टेयर कैंपबेल, फ्लावर बंधुओं एंडी और ग्रांट, डेव हॉटन, नील जॉनसन और हीथ स्ट्रीक जैसे खिलाड़ियों ने काफी सफलता दिलाई, लेकिन इनके जैसा क्रिकेटर जिम्बाब्वे तैयार नहीं कर पाया।
आईसीसी ने सरकार के हस्तक्षेप के चलते साल 2019 में जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड को निलंबित कर दिया और बीते साल टीम को टी20 विश्व कप क्वालिफायर में हिस्सा नहीं लेने दिया गया, हालांकि जिम्बाब्वे को बाद में इजाजत दे दी। हाल ही में पाकिस्तान ने जिम्बाब्वे के खिलाफ दो टेस्ट की सीरीज और टी20 सीरीज जीती है। जिम्बाब्वे की शुरुआत रही खराब 1983 में विश्व कप (तब प्रूडेंशियल कप) में जिम्बाब्वे पांच मैच हार गया, लेकिन इसके बाद ऑस्ट्रेलिया को हराकर टूर्नामेंट में अपने होने का ऐहसास कराया। इसके बाद 1987 वर्ल्ड कप में जिम्बाब्वे की छह ग्रुप स्टेज मैच हार गया। 1992 के विश्व कप में जिम्बाब्वे को आठ राउंड रॉबिन मैचों में से सात में हार का सामना करना पड़ा। टीम ने एकमात्र जीत इंग्लैंड के खिलाफ हासिल की। जिम्बाब्वे की इस जीत की क्रिकेट इतिहास में बड़े उलटफेरों में गिनती होती है।




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