क्या हैं Lawn Bowl Game..? जिसमें भारत ने गोल्ड जीत रचा इतिहास, जानिए कैसे खेला जाता है लॉन बॉल

Lawn Bowl Game: इस खेल में खिलाड़ी बारी-बारी से बड़ी गेंद यानी लॉन बॉल को एक दूरी से चौथी गेंद की तरफ लुढ़काते हैं। इस गेंद की बनावट ऐसी होती है कि यह कभी सीधे नहीं लुढ़कती है। इसमें खिलाड़ी को छोटी गेंद तक पहुंचाने में काफी दिक्कत होती है।

Suryakant Soni
Written By Suryakant Soni
Published on: 3 Aug 2022 6:38 AM GMT
Lawn Bowl Game
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Lawn Bowl Game: राष्ट्रमंडल खेल 2022 में भारतीय महिला लॉन बॉल टीम ने मंगलवार को गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा था। राष्ट्रमंडल खेलों के इतिहास में भारत ने इस खेल में अपना पहला पदक जीता है। भारतीय महिला टीम ने फाइनल में अफ्रीका को मात देकर अपने नाम स्वर्ण पदक किया। वैसे देश में इस खेल के प्रति लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है। लॉन बॉल खेल (Lawn Bowl Game) राष्ट्रमंडल खेलों में 1930 से शामिल है। लेकिन 92 साल के इतिहास में भारत ने एक बार भी इसमें कोई पदक नहीं जीता था। अब भारतीय महिला लॉन बॉल (Lawn Bowl Game) टीम सीधा गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। चलिए हम आपको बताते हैं इस खेल के बारें वो बातें जो आप शायद ही जानते होंगे...

एक आउटडोर गेम है लॉन बॉल:

लॉन बॉल एक आउटडोर गेम है जिसे राष्ट्रमंडल खेलों की शुरुआत (1930) से ही शामिल किया गया। इस खेल में खिलाड़ी एक बड़ी गेंद से छोटी गेंद को एक तय दूरी निशाना बनाता है। जिस खिलाड़ी की बड़ी वाली गेंद छोटी वाली गेंद के जितनी पास जाती है वो खिलाड़ी मैच जीत जाता है। इस खेल का इंग्लैंड में काफी प्रचलन हैं। लॉन बॉल खेल में इंग्लैंड ने सबसे अधिक मेडल अपने नाम किए हैं। लॉन बॉल गेम चार तरह से खेला जाता है। इसमें एकल, युगल, तीन की टीम और चार की टीम शामिल होती हैं। भारत ने चार की टीम स्पर्धा में यह मेडल अपने नाम किया है। भारत की तरफ से चार खिलाड़ियों में लवली चौबे, पिंकी, नयनमोनी सैकिया और रूपा रानी टिर्की शामिल रही।

प्राचीन मिस्र में खेला जाता था लॉन बॉल:

बता दें इस खेल का इतिहास काफी साल पुराना रहा है। अभी यह खेल यूरोपीय देशों में सबसे अधिक खेला जाता है लेकिन इसका जन्मदाता देश मिस्र को माना जाता है। प्राचीन मिस्र में इस खेल को प्रमुख खेल माना जाता था। लॉन बॉल को कटोरे के रूप में जाना जाता है। इस बॉल का वजन करीब डेढ़ किलो होता है। यह एक तरफ ज्यादा भारी और एक तरफ से हल्की होती है। जिसके कारण यह गेंद कभी एक सीध पर नहीं लुढ़कती। इसका डायामीटर 112-134 मिलीमीटर का होता है। वहीं लॉन बॉल यानी कटोरे से जिस छोटी गेंद को निशाना बनाया जाता है वो जैक बॉल कहलाती है। जो खिलाड़ी से 23 मीटर दूर स्थिर रहती है। लॉन बॉल यानी कटोरे का रंग लाल और नीला होता है। जबकि जैक बॉल यानी छोटी बॉल का रंग पीला होता है।

एक तय दूरी से साधा जाता है निशाना:

इस खेल में खिलाड़ी बारी-बारी से बड़ी गेंद यानी लॉन बॉल को एक दूरी से चौथी गेंद की तरफ लुढ़काते हैं। इस गेंद की बनावट ऐसी होती है कि यह कभी सीधे नहीं लुढ़कती है। इसमें खिलाड़ी को छोटी गेंद तक पहुंचाने में काफी दिक्कत होती है। जिस खिलाड़ी की लॉन बॉल जैक (छोटी बॉल) के जितनी नजदीक जाती है वो मैच में पॉइंट्स प्राप्त करता है।एक मैच में अगर कोई खिलाड़ी पहले 21 नंबर हासिल कर लेता है तो फिर वह विजेता बन जाता है। इसके अलावा युगल और अन्य गेम में 18 नंबर हासिल करने होते हैं। यह खेल लॉन पर खेला जाता है, जिसका आकार लगभग 37-38 मीटर का होता है।

इंग्लैंड ने जीते सर्वाधिक मेडल:

कॉमनवेल्थ गेम्स में की शुरुआत से यह खेल खेला जा रहा है। कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में सिर्फ एक दफा (1966) इस खेल को शामिल नहीं किया गया। इस खेल में सबसे अधिक मेडल इंग्लैंड के नाम है। इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने इसमें अब तक 21 बार स्वर्ण पदक जीता है, जबकि इस सूची में दूसरे स्थान पर 20 गोल्ड मेडल के साथ स्कॉटलैंड का आता है। भारत में इस खेल का प्रचलन ज्यादा नहीं है। इसके बावजूद भारतीय महिला टीम ने गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया। अब देश के खिलाड़ी इस खेल में भी रूचि दिखाना शुरू कर देंगे। उम्मीद है कि आने वाले समय में भारत इस खेल में भी अपना परचम लहरा पाएगा।

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